अभिवचनों का संशोधन क्या है?संशोधन के सम्बन्ध मे न्यायालय की क्या शक्तियाँ होती है?(What is amendment of pleading ?state the general powers of the court regarding amendment .)
अभिवचन का संशोधन ( Amendment of Pleading ) अभिवचन में संशोधन के सम्बन्ध में व्यवहार प्रक्रिया संहिता का आदेश 6 नियम 17 इस प्रकार है - " न्यायालय दोनों में से किसी भी पक्षकार को कार्यवाहियों के किसी प्रक्रम में समनुज्ञा दे सकेगा कि वह अपने अभिवचनों को ऐसी रीति में और ऐसी शर्तों पर जैसे कि न्यायोचित हो बदल ले या संशोधित कर ले और समस्त ऐसे संशोधन किये जायेंगे जो कि पक्षकारों के बीच में विवादास्पद वास्तविक प्रश्नों के अवधारण के प्रयोजन के लिए आवश्यक हैं । " अभिवचनों के संशोधन का अर्थ है अभिवचन में हुई किसी आकस्मिक भूल चूक को ठीक करना या किसी नये अभियोग या प्रतिरक्षा के नये आधार को जोड़ना जो छूट गया हो । अभिवचन के संशोधन के सिद्धान्त ( Principles of Amendment of Pleading ) न्यायालय द्वारा अभिवचन के संशोधन किए जाने के सम्बन्ध में निम्नलिखित सिद्धान्त है - पहला सिद्धान्त यह है कि संशोधन करने की अनुमति उदारता से देनी चाहिए । प्रत्येक न्यायालय का यह कर्त्तव्य है कि वह वाद बाहुल्यता को रोके और पक्षों के बीच के विवाद को स्पष्ट करे और उस प्रयोजन के लिए यथासम्भव संशो