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Showing posts from June, 2023

IPC की धारा 294 और BNS की धारा 296 सार्वजनिक अश्लीलता पर कानून और सजा का पूरा विवरण

बिना हानि के क्षति का क्या मतलब होता है?

बिना हानि के क्षति(Injuria Sine Damnum)  बिना हानि के क्षति का तात्पर्य है कि हालाँकि वादी को क्षति (विधिक क्षति) हुई है, अर्थात् उसमें निहित किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है किन्तु उसको चाहे कोई हानि कारित न हुई हो, वह फिर भी प्रतिवादी के विरुद्ध वाद ला सकता है। अधिकारों को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है- विरुद्ध अधिकार (Absolute rights) एवं विशेषित अंधिकार (Qualified rights)। 'विरुद्ध अधिकार' ऐसे अधिकार हैं जिनका अतिलंघन मात्र ही अपने आप में वाद-योग्य है। इसमें वादी को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती कि उसे किसी प्रकार की हानि हुई है। 'बिना हानि के क्षति' सूत्र के अन्तर्गत ऐसे मामले आते हैं। इस सूत्र का सामान्य उदाहरण "अतिचार" का अपकृत्य है।  ' विशेषित अधिकार' का अतिलंघन स्वयं अपने आप में वाद योग्य नहीं होता है। यह केवल तभी वाद योग्य होता है जब यह साबित कर दिया जाये कि वादी को वास्तविक हानि हुई है। ऐशबी बनाम हाइट का  वाद "बिना हानि के क्षति" सूत्र का स्पष्टीकरण करता है। इस वाद में हालाँकि प्रतिवादी के कार्य से वादी को कोई क्षति

पुलिस एफआईआर न लिखें तो क्या करें?What to do if the police do not write an FIR?

अगर आपको एक घटना की रिपोर्ट दर्ज करानी हो और पुलिस अधिकारी आपकी FIR (First Information Report) नहीं लिखना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित कदम अपना सकते हैं: संपर्क करें: पहले से ही आपकी घटना से जुड़े लोगों को जानकारी दें, जैसे कि परिवार के सदस्य, मित्र, या साक्षी। वे आपकी समर्थन कर सकते हैं और आपके साथ अधिकारिक प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं। शिकायत के लिए सहायता चाहें: अपनी स्थानीय न्यायिक निकाय, मुख्यमंत्री कार्यालय, या पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर जाएं और वहां अपनी समस्या के बारे में बताएं। वे आपको आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकते हैं। वकील की मदद लें: एक वकील की मदद लेना आपको आपकी समस्या को अधिकारिक रूप से संबोधित करने में मदद कर सकता है। वकील आपकी राय दे सकता है और आपको उचित कानूनी मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। RTI आवेदन दें: RTI (Right to Information) आवेदन द्वारा आपको जानकारी के लिए अधिकारीकी आवश्यकता नहीं होती है। आप RTI आवेदन द्वारा पुलिस या सरकारी विभाग से जानकारी मांग सकते हैं, जिससे आपको आपकी समस्या का हल मिल सकता है। याद रखें, यह सामान्य निर्देश हैं और आपके देश और क

मिथ्या कारावास ( False Imprisonment ) क्या होता है?

मिथ्या कारावास  ( False Imprisonment )            जब किसी व्यक्ति की स्वतन्त्रता पर कुछ समय के लिये , चाहे भले ही वह अत्यन्त अल्पावधि के लिये हो , बिना किसी पर्याप्त और विधिपूर्ण औचित्य के अवरोध  डाला जाता है , तो उसे मिथ्या कारावास कहते हैं ।         मिथ्या कारावास की रचना के लिये सामान्य भावबोध के अन्तर्गत दोषपूर्ण कारावास की आवश्यकता नहीं होती । जब कोई व्यक्ति अपनी दैनिक स्वाधीनता से वंचित कर दिया जाता है , चाहे भले ही उसे चारों ओर से घिरी हुई दीवार के भीतर बन्द किया जाता है अथवा उसे स्थान से बाहर नहीं जाने दिया जाता , जहाँ वह है तो इसे मिथ्या कारावास की संज्ञा दी जाती है । यदि किसी व्यक्ति की बल की धमकी के साथ अपने स्वयं के घर को अथवा किसी खुले मैदान को छोड़ने से रोक दिया जाता है , तो भी मिथ्या कारावास है । False Imprisonment  When the liberty of a person is restricted for a time, even if it is for a very short period, without any adequate and lawful justification, it is called false imprisonment.  In order to constitute false imprisonment, in the ordinary sense, wrongf

मोटरयान अधिनियम क्या होतें हैंwhat are motor vehicles act

 " मोटर यान " या " यान " से कोई ऐसा यंत्र अभिप्रेत है जो सड़कों पर उपयोग के अनुकूल बना लिया गया है , चाहे उसमें नोदन शक्ति किसी स्रोत से संचारित की जाती हो या आंतरिक स्रोत से और इसके अंतर्गत चैसिस , जिससे बाडी संलग्न नहीं है और ट्रेलर भी है , किन्तु इसके अंतर्गत पटरियों पर चलने वाला यान अथवा केवल कारखाने में या अन्य किसी सीमावद्ध परिसर ( Bounded area ) में किए जाने के अनुकूल बना लिया गया विशेष तरह का मोटरयान अथवा चौपाहिया से कम पहियों वाला कोई वाहन जिसमें 35 CC से अनधिक क्षमता ( Capacity ) का इंजन लगाया गया है , नहीं है ।  वर्ष 2000 का संशोधन अधिनियम 27 उद्देश्यों और कारणों का कथन ( Amendment Act 27 of 2000 : Objects and Causes )  मोटरयान अधिनियम 2000 के उद्देश्य एवं कारण इस प्रकार हैं -  ( i ) मोटर यान अधिनियम , 1988 सड़क परिवहन को विनियमित करने वाली कतिपय विधि को समेकित और युक्तिसंगत किया था । उक्त अधिनियम 1994 में संशोधित किया गया था ।  ( ii ) पूर्वोक्त अधिनियम में पुनः संशोधन जरूरी हो गया है , जिससे वाहन के प्रदूषण ( Pollution ) को कम किया जाय और सड़

मोटरवाहनों के लाइसेंस बनवाने के लिये कौन से नियम और कितनी आयु की आवश्यकता होती है ?What are the rules and what is the age required to get the license of motor vehicles?

मोटर यानों के ड्राइवरों का अनुज्ञापन ( Licencing of Drivers of Motor Vehicles )  1 . चालन - अनुज्ञप्ति की आवश्यकता- ( 1 ) कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान तभी चलाएगा जब उसके पास यान चलाने के लिए उसे प्राधिकृत करते हुए उसके नाम से दी गई प्रभावी चालन - अनुज्ञप्ति है ; और कोई भी व्यक्ति ( ऐसी मोटर टैक्सी या मोटर साइकिल या बाइक ) से भिन्न जिसे उसने अपने उपयोग के लिए भाड़े पर लिया है या धारा 75 की उपधारा ; ( 2 ) के अधीन बनाई गई किसी स्कीम के अधीन किराए पर लिया है परिवहन यान को इस प्रकार तभी चलाएगा जब उसकी चालन अनुज्ञप्ति उसे विनिर्दिष्ट रूप से ऐसा करने का हकदार बनाती है।  ( ii ) वे शर्तें जिनके अधीन उपधारा ( 1 ) ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो मोटर यान चलाना सीख रखा है , होंगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएँ ।  2 . मोटर यान चलाने के सम्बन्ध में आयु सीमा ( Age limit in Subject of Motor Vehicle Driving ) - मोटरयान चलाने के विषय में आयु सीमा के निम्न मानदंड हैं  ( i ) कोई भी व्यक्ति जो अट्ठारह वर्ष से कम आयु का है , किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान नहीं चलायेगा लेकिन कोई

ठेका गाड़ियों को परमिट देने की प्रमुख शर्तें कौन सी है?( What is the main conditions for grant of contract carriage permit . ]

 ठेका गाड़ियों को परमिट दिए जाने की प्रमुख शर्तें  अगर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण यह विनिश्चय करता है की ठेका गाड़ियों को परमिट दिया जाए तो वह इस तरह के किन्हीं नियमों के अन्तर्गत बनाए जाएँ . परमिट के साथ नीचे दी गई शर्तों में से कोई भी शर्तें लगा सकता है , जो शर्तें इस प्रकार हैं - ( i ) मोटरयानों का इस्तेमाल विनिर्दिष्ट क्षेत्र में या विनिर्दिष्ट मार्गों पर ही किया जाए ।  ( ii ) किसी अस्तित्वशील संविदा के विस्तारण या उपांतरण से भिन्न भाड़े की कोई भी संविदा विनिर्दिष्ट क्षेत्र के बाहर विनिर्दिष्ट शर्तों के अनुसार ही की जा सकेगी , अन्यथा नहीं । .  ( iii ) यात्रियों की अधिकतम संख्या और सामान का अधिकतम वजन जो यानों में या तो साधारणतया या विनिर्दिष्ट अवसरों पर या विनिर्दिष्ट समयों और मौसमों में ले जाया जा सकेगा । ( iv ) वे शर्तें जिनके अधीन रहते हुए किसी ठेका गाड़ी में यात्रियों के साथ - साथ अथवा यात्रियों के बिना माल ले जाया जा सकेगा ।  ( v ) मोटर टैक्सियों की दशा में विनिर्दिष्ट यात्री किराये या विनिर्दिष्ट पर यात्री किराए लिए जाएँगे और यात्री किराया सारणी की एक प्रति यान पर प्रदर्शित क