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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

मोटरयान अधिनियम क्या होतें हैंwhat are motor vehicles act

 " मोटर यान " या " यान " से कोई ऐसा यंत्र अभिप्रेत है जो सड़कों पर उपयोग के अनुकूल बना लिया गया है , चाहे उसमें नोदन शक्ति किसी स्रोत से संचारित की जाती हो या आंतरिक स्रोत से और इसके अंतर्गत चैसिस , जिससे बाडी संलग्न नहीं है और ट्रेलर भी है , किन्तु इसके अंतर्गत पटरियों पर चलने वाला यान अथवा केवल कारखाने में या अन्य किसी सीमावद्ध परिसर ( Bounded area ) में किए जाने के अनुकूल बना लिया गया विशेष तरह का मोटरयान अथवा चौपाहिया से कम पहियों वाला कोई वाहन जिसमें 35 CC से अनधिक क्षमता ( Capacity ) का इंजन लगाया गया है , नहीं है ।

 वर्ष 2000 का संशोधन अधिनियम 27 उद्देश्यों और कारणों का कथन ( Amendment Act 27 of 2000 : Objects and Causes )


 मोटरयान अधिनियम 2000 के उद्देश्य एवं कारण इस प्रकार हैं -


 ( i ) मोटर यान अधिनियम , 1988 सड़क परिवहन को विनियमित करने वाली कतिपय विधि को समेकित और युक्तिसंगत किया था । उक्त अधिनियम 1994 में संशोधित किया गया था ।


 ( ii ) पूर्वोक्त अधिनियम में पुनः संशोधन जरूरी हो गया है , जिससे वाहन के प्रदूषण ( Pollution ) को कम किया जाय और सड़क प्रयोगकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाय । इसलिए , उच्चतर क्षमता के टायरों के परिवर्तन को शामिल करके किसी ढंग में यान के परिवर्तन को प्रतिषिद्ध करने के लिए प्रस्थापना की जाती है । लेकिन , लिक्वीफाइड पेट्रोलियम गैस ( एल . पी.जी. ) को शामिल करके पारिस्थितिकी के अनुरूप ईंधन के प्रयोग को सुकर बनाने की दृष्टि से यान के परिवर्तन की अनुमति दी जा रही है । केन्द्रीय सरकार को कतिपय विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए यान के परिवर्तन की अनुज्ञा देने के लिए शक्ति प्रदान करने की प्रस्थापना भी की जाती है । 

“motor vehicle” or “vehicle” means any apparatus adapted for use on roads, whether the power of propulsion is transmitted to it from any source or from an internal source, and includes a chassis to which the body is not attached;  and trailer, but does not include a vehicle running on rails or a motor vehicle specially adapted to be used only in a factory or in any other bounded area, or any vehicle with wheels less than a four-wheeler, having an engine capacity of more than 35 cc.  Engine of excessive capacity has been installed, is not.



 Amendment Act 27 of the year 2000 Statement of Objects and Reasons (Amendment Act 27 of 2000: Objects and Causes)



 The objectives and reasons of the Motor Vehicles Act 2000 are as follows -



 (i) The Motor Vehicles Act, 1988 consolidated and rationalized certain laws regulating road transport.  The said Act was amended in 1994.



 (ii) Re-amendment has become necessary in the aforesaid Act, so that the pollution of vehicles can be reduced and the safety of road users can be ensured.  Therefore, it is proposed to prohibit the modification of the vehicle in any manner including the modification of tires of higher capacity.  However, with a view to facilitate the use of eco-friendly fuel by including Liquefied Petroleum Gas (LPG), conversion of vehicle is being permitted.  It is also proposed to confer power on the Central Government to permit alteration of vehicles for certain specified purposes.

( iii ) वर्तमान में , शैक्षणिक संस्थानों से उनके स्वामित्वाधीन बसों  को चलाने के लिए परमिट अभिप्राप्त करने की अपेक्षा नहीं की जाती । इन संस्थानों द्वारा संचालित बसों को परमिट अभिप्राप्त करने के लिए उनसे अपेक्षा करके पूर्वोक्त अधिनियम के परिक्षेत्र के अन्तर्गत लाने की प्रस्थापना की जाती है । 


( iv ) मोटर वाहन अधिनियम , 1939 के अधीन प्रदत्त परमिट , चालन अनुज्ञप्ति और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को नई धारा 217 - क के अन्तःस्थापित करके मोटर यान अधिनियम के अधीन नवीकृत किये जाने के लिए नवीकरण की अनुज्ञा देने की भी प्रस्थापना की जाती है ।


  ( v ) प्रस्तावित संशोधन सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये स्वच्छ वातावरण  को कायम करने के सम्पूर्ण हित में जरूरी है । 


वर्ष 2001 का संशोधन अधिनियम 39 उद्देश्यों और कारणों का कथन ( Amendment Act 39 of 2001 : Statement of Objectives and Causes )



 मोटरयान अधिनियम 2001 के उद्देश्य एवं कारण इस प्रकार हैं 


 ( i ) मोटर यान अधिनियम , 1988 ( 1988 का 59 ) केन्द्रीय विधान है , जिसके माध्यम से सड़क परिवहन देश में विनियमित ( Regulated ) किया जाता है । मोटर यान ( संशोधन ) अधिनियम , 1994 द्वारा अन्य बातों के साथ - साथ संशोधन धारा 66 और 67 के अधीन विशेष प्रावधान निर्मित करने के लिए किये गये थे , जिससे यह प्रावधान किया जाय कि पारिस्थितिकी के अनुरूप ईंधनों पर संचालित यान को परमिट की अपेक्षाओं से मुक्त किया जायेगा और पारिस्थितिकी के अनुरूप ईंधनों पर संचालित यान को परमिट की अपेक्षाओं से मुक्त किया जायेगा और ऐसे यान के स्वामियों को भी यात्रियों और माल के वहन के लिए किराया और भाड़ा वसूल करने का विवेकाधिकार होगा । उक्त संशोधन करने का आशय ऐसे पारिस्थितिकी ( Ecology ) के अनुरूप ईंधन के साथ यान के संचालन का प्रोत्साहित करना था ।

(iii) At present, educational institutions are not required to obtain permits for plying of buses owned by them.  It is proposed to bring the buses operated by these institutions under the purview of the aforesaid Act by requiring them to obtain permits.



 (iv) It is also proposed to allow renewal of permits, driving licenses and registration certificates granted under the Motor Vehicles Act, 1939 to be renewed under the Motor Vehicles Act by inserting new section 217-A.



 (v) The proposed amendment is necessary in the overall interest of maintaining a clean environment for ensuring road safety.



 Amendment Act 39 of the year 2001 Statement of Objectives and Causes (Amendment Act 39 of 2001: Statement of Objectives and Causes)




 The objectives and reasons of the Motor Vehicles Act 2001 are as follows



 (i) The Motor Vehicles Act, 1988 (59 of 1988) is the central legislation through which road transport is regulated in the country.  Amendments were made by the Motor Vehicles (Amendment) Act, 1994, inter alia, to create special provisions under sections 66 and 67 to provide that vehicles running on eco-friendly fuels would be exempted from the permit requirements.  shall be exempted and vehicles operated on eco-friendly fuels shall be exempted from permit requirements and the owners of such vehicles shall also have the discretion to charge fare and freight for carriage of passengers and goods.  The intention of making the said amendment was to encourage the operation of the vehicle with such ecology compatible fuel.

  ( i ) परन्तु यह संपरीक्षण किया गया है कि अन्तिम कई सालों के दौरान ने केवल पारिस्थितिकी के अनुरूप ईंधनों जैसे सी.एन.जी. की आपूर्ति में व्यापक वृद्धि की गयी है , अत : वाहनों की भारी संख्या सड़क पर आयी है , जो मोटर यान ( संशोधन ) अधिनियम , 1994 द्वारा यथा संशोधित धारा 66 और 67 के निबन्धनों में परमिट की किसी अपेक्षा के बिना संचालित हो रहे हैं और इसलिए राज्य सरकार के किसी नियंत्रण के अधीन नहीं है । ऐसे वाहनों की संख्या में पुनः सारभूत रूप से वृद्धि होने की सम्भावना है ।


 ( iii ) पूर्वोक्त स्थिति सड़क पर अनुशासन में वृद्धि करने और इसके फलस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं ( Accidents ) में वृद्धि करने के लिए सम्भाव्य है । अतः सी.एन जी . संचालित वाहनों को उक्त अधिनियम की धारा 66 और 67 के अधीन उपबन्धित छूट का निवारण करना आवश्यक समझा गया है , जिससे वाहन जो पारिस्थितिकी के अनुरूप ईंधन पर संचालित होते हैं , सभी अन्य वाहनों को लागू निबन्धनों और शर्तों द्वारा भी आच्छादित हैं ।


 ( iv ) प्रस्तावित संशोधन सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने और स्वच्छ वातावरण को बनाये रखने के सम्पूर्ण हित में जरूरी हैं ।
(i) But it has been observed that during the last several years only eco-friendly fuels like CNG  There has been a massive increase in the supply of vehicles, therefore, a large number of vehicles have come on the road, which are plying without any requirement of permit in terms of section 66 and 67 as amended by the Motor Vehicles (Amendment) Act, 1994 and  Hence not under any control of the State Government.  The number of such vehicles is likely to increase again substantially.



 (iii) The aforesaid situation is likely to increase indiscipline on the road and consequently increase in road accidents.  So C.N.G.  It has been considered necessary to dispense with the exemption provided under sections 66 and 67 of the said Act, whereby the vehicles which operate on eco-friendly fuel are also covered by the terms and conditions applicable to all other vehicles.



 (iv) The proposed amendments are necessary in the overall interest of ensuring road safety and maintaining a clean environment.
 

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