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दलित व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार की अमानवीय घटना कारित करने वाले व्यक्तियों को सजा कैसे दिलायें ?

दलित व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार की अमानवीय घटना कारित करने वाले व्यक्तियों को सजा कैसे दिलायें ?

एक मामला Tv के माध्यम से सामने आया कि एक दलित व्यक्ति की पिटाई कुछ दबंगों द्वारा की गयी है।उन दबंगों में से एक व्यक्ति ने तो उसके ऊपर पेशाब करने का अपना विडियो भी बनवाया।ऐसी घटना से अपमान से क्षुब्ध वो दलित व्यक्ति थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाने गया लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी बस यह कहा गया कि जांच करने की बात की गयी। ऐसी स्थिति में अगर वह आप को अपना अधिवक्ता नियुक्त करता है तो आप उसकी किस प्रकार से मदद करेंगे उदाहरण देकर समझाओ।तथा उन अपराधियों को किन-किन तर्कों को देकर कोर्ट में मामले की गम्भीरता को बताओगे। विस्तार से जानकारी दो।                इस प्रकार की घटना न केवल एक जघन्य अपराध है बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। इस स्थिति में, यदि पीड़ित व्यक्ति मुझे अधिवक्ता नियुक्त करता है, तो मैं निम्नलिखित कानूनी और व्यावहारिक कदम उठाऊंगा। 1. FIR दर्ज करवाने का प्रयास→ •सबसे पहले, मैं धारा 154 CrPC के तहत थाना प्रभारी को अनिवार्य रूप से प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दूंगा। यदि थाना प्रभारी फिर भी FI...

मकान मालिक आप से जबरदस्ती मकान या दुकान खाली करवायें या फिर किराया दोगुना करने की धमकी दे तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?

मकान मालिक द्वारा किराया दोगुना करने या दुकान खाली करने की मांग :  → कानूनी समाधान मकान मालिक और किरायेदार के बीच संबंध एक कानूनी अनुबंध पर आधारित होते हैं, जिसे पट्टा या लीज़ समझौता कहा जाता है। इस अनुबंध में दोनों पक्षों की जिम्मेदारियाँ और अधिकार स्पष्ट रूप से लिखे होते हैं। अगर मकान मालिक अचानक से किराया दोगुना कर देते हैं या दुकान खाली करने का आदेश देते हैं, तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। आइए जानें कि ऐसे हालात में किरायेदार कोर्ट का सहारा कैसे ले सकते हैं: 1.किराया बढ़ाने पर कानूनी कदम → मकान मालिक बिना पूर्व सूचना या कानूनी कारण के किराया नहीं बढ़ा सकते। अगर मकान मालिक बिना उचित सूचना दिए अचानक किराया दोगुना कर देता है, तो किरायेदार निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं: → लीज़/पट्टा समझौते की समीक्षा करें: → सबसे पहले, किरायेदार को अपने लीज़ या पट्टा समझौते को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इसमें यह उल्लेख होना चाहिए कि मकान मालिक को कब और किस परिस्थिति में किराया बढ़ाने का अधिकार है। अगर पट्टा समझौते में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, तो मकान मालिक किराया बढ़ाने का अधिका...

Advocate द्वारा Bail applications में kaise apane client को राहत मिल सकती है ? Kya kre

मेरे एक मित्र द्वारा यह बताया गया कि उसके एक रिश्तेदार को पुलिस ने उसकी नौकरानी के रेप करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है अब ऐसी स्थिति में क्या उसको जमानत मिल जायेगी या वह अब जेल जायेगा। तो मैंने उससे पूछा कि तुम मुझको पूरा मामला बताओ।तो उसने विस्तार से घटनाक्रम को बताया कि उसका वह रिश्तेदार जिसकी उम्र लगभग 30साल है एक सरकारी बैंक कर्मचारी हैं और अपने घर से दूर कमरा किराए पर लेकर रहता है तो उसने घर के काम करने के लिए एक 32-35 साल की महिला को मासिक वेतन पर रख लिया धीरे धीरे उनके बीच शारीरिक संबंध बन गये । महिला पहले से शादीशुदा हैं और दो बच्चों की मां है । महिला ने उससे बहुत पैसे भी लिये और जब उसने पैसे देना बंद कर दिया तो उसने रेप का मुकदमा दर्ज करवा कर जेल भेज ला दिया।ऐसी स्थिति में अगर वह आप को अपना अधिवक्ता नियुक्त करता है तो आप उसकी पैरवी किस प्रकार से करेंगे कि उसको जमानत भी मिल जाए और उस पर लगे आरोप भी ग़लत साबित हो। इस स्थिति में, अगर वह व्यक्ति मुझे अपना अधिवक्ता नियुक्त करता है, तो मेरी रणनीति कुछ इस प्रकार की हो सकती है:→ 1. जमानत के लिए पैरवी:→ अपराध की गंभीर...

पुलिस स्पेशल सेल द्वारा मोटरसाइकिल जब्त करने पर क्या करें, जब कोई मुकदमा पंजीकृत न हो?

यहाँ एक विस्तृत,  ब्लॉग पोस्ट है जो कि कभी आपकी या  किसी व्यक्ति की मोटरसाइकिल को पुलिस विभाग की स्पेशल सेल पकड़ लेती है और किसी भी थाने में मुकदमा पंजीकृत नहीं करती है तो ऐसे स्थिति में क्या करें की गाड़ी को रिलीज करवा लिया जाये इस पर एक  blog post लिखकर मेरे द्तवारा  जितना सम्भव है उतना विशेष जानकारी के साथ  उदाहरण सहित समझाने की आप लोगों को कोशिश है ।🔥🔥🔥🔥 पुलिस स्पेशल सेल द्वारा मोटरसाइकिल जब्त करने पर क्या करें, जब कोई मुकदमा पंजीकृत न हो? कई बार ऐसी स्थिति सामने आती है जब पुलिस विभाग की स्पेशल सेल किसी व्यक्ति की मोटरसाइकिल या अन्य वाहन को रोककर अपने कब्जे में ले लेती है, लेकिन किसी भी थाने में उसके संबंध में FIR या मुकदमा पंजीकृत नहीं करती। इस तरह की परिस्थिति में वाहन मालिक के लिए यह समझना जरूरी है कि कानूनी प्रक्रिया क्या है और वाहन को रिलीज कराने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाएं। 1. सबसे पहले स्थिति की पुष्टि करें जिस पुलिस टीम या स्पेशल सेल ने गाड़ी पकड़ी है, उनसे लिखित या मौखिक रूप से पूछें कि वाहन क्यों रोका गया है। यह ...