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कानूनी नोटिस और नोटिस वापसी: प्रक्रिया, महत्व और चुनौतियाँ

मजदूरी अधिनियम payment of Wage act

श्रमिकों के लिए न केवल मजदूरी की मात्रा में होती है बल्कि मजदूरी की अदायगी के तरीके भुगतान का अंतराल कटौती आदि से संबंधित बातें भी महत्वपूर्ण होती हैं भारतवर्ष में कामगारों से संबंधित संविधान का अस्तित्व 1996 तक नहीं था.1925 में सर्वप्रथम एक गैर सरकारी विधेयक प्रस्तुत किया गया जो बाद में वापस ले लिया गया. परिणाम स्वरूप मजदूरी भुगतान की कोई तिथि निश्चित नहीं थी और नियोजक अपनी इच्छा से लंबी अवधि के बीत जाने के बाद भुगतान करते थे. मनमाने ढंग से कठौतिया भी करते थ कटौती  के परिणाम स्वरूप मजदूरों े को कभी-कभी पूरी राशि से भी हाथ धोना पड़ता था. इन समस्याओं के निदान के लिए शाही श्रम आयोग की रचना की गई आयोग की संतुष्टि के पश्चात आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मजदूरी भुगतान अधिनियम बनाया. मजदूरी भुगतान का मुख्य उद्देश्य - ( 1) मजदूरी के भुगतान की नियमित व्यवस्था करना. ( 2) वैद्य मुद्रा में मजदूरी भुगतान की व्यवस्था करना ( 3) मजदूरी से अनधिकृत कटौती यों को रोकना ( 4) मजदूरी भुगतान से संबंध अना चारों के विरुद्ध श्रमिकों को राहत दिलाना था.     ...

मजदूरी से आशय (Meaning of wages)

मजदूरी से सभी प्रकार का पारिश्रमिक प्राप्त होता जाएगा वेतन के रूप में हो भत्ते के रूप में हो अन्यथा किसी भी रूप में व्यक्ति हो या इस रूप में अभिव्यक्त किए जाने के योग्य हो और जिसका की भुगतान यदि नियोजन की शर्तों प्रत्यक्ष या विशेष रूप से पूरी कर दी जाती हो तो एक ऐसे व्यक्ति को दे है जो कि उस नियोजन के संबंध में नियोजित है या नियोजन के संबंध में वह कोई कार्य करता है मजदूरी में निम्नलिखित सम्मिलित है - (a) कोई पारिश्रमिक जोकि पक्षकारों के बीच किसी पंचाट या समझौते के अंतर्गत या न्यायालय के आदेश के अंतर्गत दे होगा. (b) कोई ऐसा पारिश्रमिक जिसके प्रति कि नियोजित व्यक्ति किसी अधिकारिक काम या छुट्टियां या छुट्टी की किसी अवधि के संबंध में देय होगा। (c) कोई अतिरिक्त पारिश्रमिक जोकि नियोजन की शर्तों के अधीन देर है चाहे उसे बोनस या किसी अन्य नाम से पुकारा जाता हूं मजदूरी की परिभाषा केवल ऐसे पारिश्रमिक तक सीमित नहीं है जो कि अनुबंध या संविदा के अधीन दे हो. संशोधित परिभाषा सभी प्रकार के पारिश्रमिक पर लागू होगी चाहे वह किसी संविदा द्वारा उत्पन्न हो या पंचाट समझौते या किसी संविदा के अधीन उ...

औद्योगिक विवाद कब व्यक्तिगत विवाद बन जाता है और व्यक्तिगत विवाद कब औद्योगिक विवाद बन जाता है: Industrial dispute and an individual dispute becomes an industrial dispute

Industrial disputes: औद्योगिक विवाद                 औद्योगिक विवाद से तात्पर्य ओजुको और नियोजक ओं के बीच कर्मचारियों और कर्मचारियों के बीच आयोजकों और कर्मचारियों के बीच ऐसे विवाद या मध्य से है जो किसी व्यक्ति के नियोजन या नियोजन या नियोजन की शर्तों या श्रम की शर्तों से संबंधित है.                     औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 2 (ठ) के अनुसार औद्योगिक विवाद से तात्पर्य ऐसे विवाद से है जो - ( 1) नियोजक और कर्मचारियों के मध्य ( 2) नियोजक और नियोजक के बीच में ( 3) कर्मचारियों और कर्मचारियों के बीच में हो तथा ऐसे विवाद का संबंध )) सेवा और नियोजन )) बेकारी )) नियोजन की शर्तें )) श्रम की शर्तें Standard coal Company Limited versus SP Verma and others: के मामले में औद्योगिक विवाद के बारे में यह निर्धारित किया गया कि आवश्यक नहीं है कि औद्योगिक विवाद का आरंभ किसी समस्या को दूर करने की मांग को मालिक द्वारा ठुकराए जाने से है. कल्याणी प्रेस बनाम स्टेट ऑफ आंध्र प्रदेश के बाद में यह कहा गया कि विवाद किसी व्य...

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ: Various benefits available to employees under the employees State Insurance act 1948

  कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ धारा 46 (various benefits available to employees under ESI act 1940):            कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम का उद्देश्य इस अधिनियम में वर्णित लाभों को प्रदान करना है धारा 46 में बीमा कृत व्यक्तियों या उनके आश्रितों को लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है धारा 46 के अंतर्गत निम्नलिखित लाभ प्रदान किए गए हैं 1. बीमारी लाभ -          यह किसी बीमा कृत व्यक्ति को आवाज एक भुगतान के रूप में दिया जाता है यह लाभ भी मातृत्व व्यक्ति को ऐसी बीमारी के संबंध में दिया जाता है जबकि उसकी बीमारी समुचित रूप से नियुक्त किए गए किसी चिकित्सक द्वारा या किसी ऐसे अन्य व्यक्ति द्वारा प्रमाणित की जाए जो उन योग्यता और अनुभवों से युक्त हो जिसे कि निगम के नियमों के द्वारा इस विषय में निर्धारित किया जाए हां की स्थाई आदेश के द्वारा बीमारी की छुट्टी के संबंधों में बंद किया गया है वहां नियोजक अपने कर्मचारी से बस बात की अपेक्षा नहीं कर सकता वह इस धारा में उपस्थित बीमारी के लाभ की याचना करें. ...

राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत स्थाई समिति के गठन एवं शक्तियों: Compositions and power of standing committee of state

  Composition of medical facility Council: चिकित्सा सुविधा परिषद का गठन             कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 की धारा 10 में केंद्रीय सरकार के द्वारा एक चिकित्सा लाभ परिषद के गठन का उपबंध किया गया है इस चिकित्सा सुविधा परिषद का गठन निम्नलिखित पदाधिकारियों एवं सदस्यों से होगा: ( 1) पदेन सदस्य:           महा निर्देशक कर्मचारी राज्य बीमा निगम जो परिषद के पदेन अध्यक्ष होंगे. ( 2) महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं  अध्यक्ष होंगे ( 3) पदेन सदस्य:                          निगम के चिकित्सा आयुक्त परिषद के पदेन सदस्य होंगे. नियुक्त सदस्य:                 केंद्रीय सरकार के द्वारा चिकित्सा लाभ परिषद में निम्नलिखित को नियुक्त किया जाएगा. ) स्वास्थ्य सेवाओं का एक उप महानिदेशक होगा ) इस समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन सदस्यों की नियुक्ति नियोजक ओं के ऐसे संगठनों के परामर्श पर किया जाएगा जिन्हें इस प्रयोजन के निमित्त सरकार के द्वार...

जबरी छुट्टी क्या है? What do you understand by lay off?

  जबरी छुट्टी             जब भी छुट्टी से हमारा अभिप्राय ऐसी छुट्टी से है जो कि नियोजक द्वारा कुछ कारणवश दी जाती है जब भी छुट्टी के अंतर्गत श्रमिक तो काम के घंटों के दौरान काम पर उपस्थित होते हैं परंतु उन्हें काम नहीं मिल पाता है अधिनियम की मूल धारा 253 के में  जो भी छुट्टी की परिभाषा दी गई है उसी से स्पष्ट होता है कि किन किन परिस्थितियों में काम ना देना असंभव होता है परिभाषा इस प्रकार दी गई है कि किसी ऐसे कर्मकार को जिसका नाम मास्टर रोल पर दर्ज है और जिसकी छठवीं नहीं हुई है कोयले विद्युत शक्ति या अन्य सामग्री की कमी स्टॉक का भाव यंत्र बनके कारण या अन्य किसी कारणवश नियोजन देने में नियोजक की असमर्थता या अस्वीकृति से है इस प्रकार उपयुक्त परिभाषा में दी गई परिस्थितियां ऐसी हैं जिनमें नियोजक उत्पादन में वृद्धि चाहते हुए भी अपने कर्म कारों को कार्य देने में असमर्थ रहता है अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जानने के अन्यथा किसी भी कारण से नियोक्ता द्वारा अतिरिक्त कर्मकार को उन्मुक्त करना चटनी के अंतर्गत माना जाएगा. जबरी छुट्टी के कारण       ...
  हड़ताल और तालाबंदी व अधिकार है जो कम 100 श्रमिकों तथा नियोजन को प्राप्त है आधुनिक युग में उन्हें हथियार शब्द से भी घोषित किया गया है औद्योगिक विवादों का प्रत्यक्ष प्रणाम हड़ताल यह तालाबंदी होता है इससे देश का आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है इससे ना केवल श्रम तुमको ही परेशानी होती है बल्कि नियोजक ओं का भी नुकसान उठाना पड़ता है हड़ताल और तालाबंदी से देश के सभी लोगों का जीवन प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है जवाहरलाल नेहरू ने एक बार ठीक ही कहा था कि हड़ताल और ताला बंदियों का तात्पर्य हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे भागों की अर्थव्यवस्था में भी कोई बुनियादी खामी है हमें यह सब बदलना होगा इस तब्दीली में हमें यह ध्यान रखना होगा कि उत्तेजना में हम अपने उद्देश्यों से भी आगे ना बढ़ जाए अतः हड़ताल और तालाबंदी या ना हो जिससे हम लोग आपसी सहयोग से उत्पादन बढ़ा सकें और विकास योजनाओं को सही तरीके से लागू कर सकें.                 एक बाद में पेटरसन ने कहा है कि हड़ताली उपलब्ध औद्योगिक दशाओं के विरुद्ध एवं निश्चित एवं संगठ...