Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2023

कानूनी नोटिस और नोटिस वापसी: प्रक्रिया, महत्व और चुनौतियाँ

भारतीय दंड संहिता की धारा 499 क्या कहती है ? इसका मानहानि के दावा करने से क्यों सम्बंधित है?

मानहानि (Defamation) - "मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।" उसका समाज में अपना अस्तित्व होता है और हर प्राणी अपने अस्तित्व को बनाये रखता है। मनुष्य को अनेक सामाजिक कर्तव्यों का निर्वाह करना होता है रोज उसके लिए अनेक संघर्षों का सामना भी करना पड़ता है। उसे सामाजिक आर्थिक एवं व्यक्तिगत सुरक्षा के अनेक कार्यकार उपलब्ध हैं। वह इन अधिकारों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या अवरोध पसन्द नहीं करता। खासतौर से वह  किसी प्रकार का विघ्न नहीं चाहता, क्योंकि सभी अधिकारों में प्रतिष्ठा का कार्यकार एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यदि कोई व्यक्ति उसके प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाता है, तो वह दण्डनीय माना जाता है। अतः व्यक्ति की प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा, धारा 499 से 502 तक के मानहानि के बारे में प्रावधान किया गया है। इस संहिता की धारा 499 में 'मानहानि' अपराध की परिभाषा इस प्रकार दी गई है कि जो कोई या तो बोले गये या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा संकेतों द्वारा या दृश्य रूपेण द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन स...

भारतीय दंड संहिता की धारा 141 क्या है ?What is Section 141 of the Indian Penal Code?

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 141 में दी गई विधि विरुद्ध जमाव की परिभाषा अनुसार, “पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों के ऐसे जमाव को जिसका सामान्य उद्देश्य के इस धारा में प्रमाणित किसी उद्देश्य के लिये हुआ हो, विधि विरुद्ध जमाव कहा जायेगा। इस धारा के स्पष्टीकरण के अनुसार कोई जमाव, जो इकट्ठा होते समय विधि विरुद्ध न हो बाद में विधि-विरुद्ध जमाव हो सकेगा।   विधि विरुद्ध जमाव के निम्नलिखित आवश्यक तत्व हैं-  (1) विधि विरुद्ध जमाव में पाँच या इससे अधिक व्यक्ति होने चाहिए ।  (2) विधि विरुद्ध जमाव के अपराध के लिये सदस्यों का सामान्य उद्देश्य होना चाहिए।  (3) ऐसा सामान्य उद्देश्य विधि विरुद्ध होना चाहिये ।   विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य होना— जब कोई व्यक्ति उन तथ्यों से जिनके लिये कानून के विरुद्ध जमाव हुआ हो, परिचित होने के बाद उस जमाव में साशय सम्मिलित होता है, बना रहता है तो यह कहा जाता है कि वह उस विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य है।  दण्ड — “जो कोई विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य होगा, वह तीनों में से किसी भाँति के कारावास से जिसकी अवधि 6 मास भी हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनो...

यातायात के चिन्ह लगवाने के कौन -कौन से लाभ होते है?What are the benefits of installing traffic signs?

  यातायात चिह्न लगवाने की शक्ति-  (1) (क) राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा इन निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी धारा 112 को उपधारा (2) के अधीन नियत किन्हीं गति सीमाओं को या धारा 115 के अधीन अधिरोपित किन्हीं प्रतिषेधों या निर्बन्धनों को या साधारणतया मोटर यान यातायात के विनियमन के प्रयोजन के लिए यातायात चिह्न को सार्वजनिक स्थान में रखवा या लगवा सकेगा अथवा रखने वा लगाने देगा।  Power to install traffic signs-  (1) (a) The State Government or any officer authorized by the State Government in this behalf may enforce any speed limits fixed under sub-section (2) of section 112 or any prohibitions or restrictions imposed under section 115 or the regulation of motor vehicle traffic generally;  For this purpose, a traffic sign may be placed or installed or allowed to be placed or installed in a public place. (ख) राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा इन निमित्त प्राधिकृत कोई प्राधिकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा या अनुसूची के भाग क में निर्दिष्ट समुचित यातायात चिह्न क...

बिना परमिट के वाहन के उपयोग करने पर क्या सजा दी जा सकती है?What is the punishment for using a vehicle without a permit?

  परमिट के बिना यान का उपयोग:-  (1) कोई व्यक्ति जो धारा 66 की उपधारा (1) के उपबन्धों के उल्लंघन में या ऐसे परमिट की उस मार्ग सम्बन्धी जिस पर और उस क्षेत्र सम्बन्धी, जिसमें और उस प्रयोजन सम्बन्धी, जिसके लिए उस यान का उपयोग किया जा सकेगा, किसी शर्त का उल्लंघन करके मोटर यान को चलायेगा, मोटर यान का उपयोग करायेगा या किये जाने देगा, वह प्रथम अपराध के लिए जुर्माने से, जो पाँच हजार रुपये तक हो सकेगा किन्तु दो हजार रुपये से कम नहीं होगा और किसी पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से, जो एक वर्ष तक हो सकेगा किन्तु तीन मास के कम नहीं होगा या जुर्माने से, जो दस हजार रुपये तक हो सकेगा किन्तु पाँच हजार रुपये से कम नहीं होगा या दोनों से दण्डनीय होगा- Use of vehicle without permit:-  (1) Any person who, in contravention of the provisions of sub-section (1) of section 66 or any condition of such permit relating to the route over which and the area in which and the purpose for which the vehicle may be used,  drives a motor vehicle, causes a motor vehicle to be used or allows...

डकैती और लूट में क्या अंतर होता है? डकैती और लूट में कितनी सजा का प्रावधान है?

लूट : भारतीय दण्ड संहिता की धारा 390 में लूट शब्द की कोई परिभाषा नहीं दी गयी है बल्कि केवल इतना वर्णन किया गया है कि सब प्रकार की लूट में चोरी या उद्दापन होता है। [In all Robbery there is either theft or extortion) ((धारा 390) | ( सब प्रकार की लूट में या तो चोरी या उद्यापन होता है।)   चोरी कब लूट है→ चोरी लूट है  यदि उस चोरी को करने के लिये या उस चोरी के 'करने में या उस चोरी द्वारा अभिप्राप्त सम्पति को ले जाने या ले जाने का प्रयत्न करने में अपराधी उस उदेश्य से स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु या उपहति या उसका सदोष अवरोध या तत्काल मृत्यु का  सदोष अवरोध भय कारित करता है, या कारित करने का प्रयत्न करता है।   जब लूट चोरी होती है (when theft is Robbery) चोरी उस समय लूट होती है जब चोरी करने के लिये चोरी प्राप्त सम्पत्ति को ले जाने या ले जाने की चेष्टा करने में अभियुक्त उस कार्य के लिये स्वेच्छा से किसी व्यक्ति की मृत्यु करता  या उसे चोट पहुंचाता है,  • उसका दोषपूर्ण अवरोध करता है, या  • तत्काल मृत्युकारित करने का भय उत्पन्न करता है, या  ● तत...

सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए आयकर अधिनियम के अंतर्गत कौन से लाभ प्राप्त होते हैं?What benefits are available to retired employees under the Income Tax Act?

भारत में किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्त की आयु को 60 वर्ष निर्धारित किया गया है। [ यहाँ केन्द्र और राज्य सरकारों में आयु का कुछ अन्तर हो सकता है। लेकिन एक पैमान लगभग 60 वर्ष ही तय है। जिसको हम स्टैण्डर आयु सीमा का मानक 60 साल ही है। इस पोस्ट द्वारा हम समझेंगे कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष कर के अन्तर्गत कौन- कौन से उनको लाभ प्राप्त होते हैं। जैसे किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को उपदान, पेंशन कम्प्यूटेशन, छुट्टी नकदीकरण, जीपीएफ आदि जैसे विभिन्न सेवानिवृत लागों की प्राप्ति हुई। इन उपयुक्त प्राप्त लाभों की कर योग्यता के संबन्ध में कुछ सवाल हमारे को पता होना अति आवश्यक है। आज कि पोस्ट में हम इसी के सम्बन्ध में चर्चा करेगें।  In India, the retirement age of an employee has been fixed at 60 years.  [Here there may be some age difference between the Central and State Governments.  But one parameter is fixed only for about 60 years.  For which we consider the standard age limit to be 60 years only.  Through this post, we will understand what benefi...

इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए मकान किराए में छूट का क्या प्रावधान होता है?

मकान किराया भत्ता (एच आर ए) पर कर छूट भारत में एक महत्त्वपूर्ण कर सुविधा है जो किरायदारों को साथ ही किराये देने वाले व्यक्तियों को भी लाभ पहुचाती है। यह छूट भारतीय कर सिस्टम का हिस्सा है। नौकरी पेशा लोग अपनी इनकम के एक हिस्से के रूप में हर माह ही मकान किराया भत्ता (एचआरए) हासिल करते हैं। यहां तक की कारपोरेटर्स सेक्टर में काम करने वाले बड़े पदो पर बैठे हुये लोग भी HRA प्राप्त करते हैं जिससे उनको इनकम टैक्स बचाने में मदद मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) और नियम 2A में मकान किराया भते (एचआरए) पर कर- छूट का प्रावधान किया गया है। Tax exemption on House Rent Allowance (HRA) is an important tax benefit in India which benefits tenants as well as renting persons.  This exemption is part of the Indian tax system.  Employed people receive House Rent Allowance (HRA) every month as a part of their income.  Even people holding high positions working in the corporators sector also get HRA which helps them in saving income tax.  Section 10(13A) and Rule 2A of the Income Tax A...