मानहानि (Defamation) - "मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।" उसका समाज में अपना अस्तित्व होता है और हर प्राणी अपने अस्तित्व को बनाये रखता है। मनुष्य को अनेक सामाजिक कर्तव्यों का निर्वाह करना होता है रोज उसके लिए अनेक संघर्षों का सामना भी करना पड़ता है। उसे सामाजिक आर्थिक एवं व्यक्तिगत सुरक्षा के अनेक कार्यकार उपलब्ध हैं। वह इन अधिकारों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या अवरोध पसन्द नहीं करता। खासतौर से वह किसी प्रकार का विघ्न नहीं चाहता, क्योंकि सभी अधिकारों में प्रतिष्ठा का कार्यकार एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यदि कोई व्यक्ति उसके प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाता है, तो वह दण्डनीय माना जाता है। अतः व्यक्ति की प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा, धारा 499 से 502 तक के मानहानि के बारे में प्रावधान किया गया है। इस संहिता की धारा 499 में 'मानहानि' अपराध की परिभाषा इस प्रकार दी गई है कि जो कोई या तो बोले गये या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा संकेतों द्वारा या दृश्य रूपेण द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन स...
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