उ.प्र जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 157 के तहत अक्षम व्यक्ति : एक विश्लेषण Disabled person under section 157 of U.P. Zamindari Abolition and Land Reforms Act 1950 : An analysis
उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 भूमि सुधारों के लिये एक महत्वपूर्ण कानून है। इसमें धारा 157 अक्षम व्यक्ति को परिभाषित करती है जो उन लोगों के लिये महत्वपूर्ण अधिकार और सुरक्षा प्रदान करती है जो अपनी सम्पत्ति का प्रबन्धन करने में सक्षम नहीं है। अल्पवयस्क 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति । केवल वही नाबालिग अपनी भूमि को लगान पर उठा सकता है। जिसका पिता न हो या पिता की मृत्यु हो गयी हो या अगर जीवित हो तो वह पागल या जड हो। या अन्धेंपन आदि किसी शारीरिक दुर्बलता से पीडित हो । यह निरर्थक है किं नाबालिग संयुक्त परिवार में पिता के साथ रह रहा है या पिता से अलग है। नाबालिक द्वारा दिया हुआ पट्टा शून्य होगा, क्योंकि नाबालिक संविदा नहीं कर सकता किन्तु धारा 157[1] एक नाबालिग को आज्ञा प्रदान करती है कि वह अपनी भूमि को लगान पर दे सकता है। लगान पर देने का काम नाबालिक के संरक्षक द्वारा किया जाना चाहिये। पट्टा नाबालिग पर बाधित होने के लिये यह आवश्यक है कि जिला-जज की आज्ञा प्राप्त कर ली गयी हो। क्योंकि धारा 157[1] नाबालिग के संरक्षक को कोई अतिरिक्त कानूनी शक्ति नहीं प्रदान कर