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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

राज्य सरकार की सडक परिवहन को नियत्रण करने की शक्तियाँ और उनके परमिटों की आवश्यकता सम्बंधित जरुरतें

परमिटों की आवश्यकता:- ( 1 ) किसी मोटर यान का स्वामी सार्वजनिक   स्थान में उस यान का परिवहन यान के रूप में उपयोग , चाहे उस यान से वास्तव में यात्री या माल का वहन किया जा रहा है , या नहीं , उस परमिट की शर्तों के अनुसार ही करेगा या करने की अनुज्ञा देगा जो उस स्थान में उस रीति से , जिससे  उस यान का उपयोग प्राधिकृत करते हुए प्रादेशिक या राज्य परिवहन प्राधिकरण या किसी विहित प्राधिकारी के द्वारा दिया गया है या प्रतिहस्ताक्षरित किया गया है    परन्तु मंजिली गाड़ी परमिट ऐसी किन्हीं शर्तों के अधीन रहते हुए , जो परमिट में विनिर्दिष्ट की जाए , उस यान का उपयोग ठेका गाड़ी के रूप में करने के लिए प्राधिकृत करेगा ।    परन्तु यह और कि मंजिली गाड़ी परमिट से , ऐसी किन्हीं शर्तों के अधीन रहते हुए जो परमिट में विनिर्दिष्ट की जाएँ , उस यान का उपयोग माल वाहन के रूप में करना , भले ही वह यात्रियों का वहन कर रहा हो या नहीं , प्राधिकृत किया जा सकेगा  । Requirement of permits.- (1) The owner of a motor vehicle may, whether or not the vehicle is actually carrying passengers or goods, use that vehicle as

यातायात का नियंत्रण ( The Control of Transport )

यातायात का नियंत्रण ( The Control of Transport )  गति सीमा- ( I ) कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में किसी मोटर यान को न तो उस अधिकतम गति से अधिक या न्यूनगति से कम गति पर चलाएगा , न चलवाएगा और न चलाने देगा जो इस अधिनियम के अधीन या उस समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के द्वारा या अधीन उस यान के लिए नियत की गई । लेकिन ऐसी अधिकतम गति किसी भी दशा में केन्द्रीय सरकार द्वारा , राजपत्र में अधिसूचना द्वारा किसी मोटर यान या किसी वर्ग या वर्णन के मोटर यानों के लिए नियत की गई अधिकतम गति से अधिक नहीं होगा ।  ( 2 ) यदि राज्य सरकार का या ऐसे किसी प्राधिकारी का जो इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत हो , समाधान हो जाता है कि सार्वजनिक सुरक्षा या सुविधा की दृष्टि से या किसी सड़क या पुल के स्वरूप के कारण यह आवश्यक है कि मोटर यानों की गति परिसीमित की जाए , तो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा और धारा 116 के अधीन उचित स्थानों पर समुचित यातायात चिह्न रखवाकर या लगवाकर मोटर यानों की या किसी विनिर्दिष्ट वर्ग या वर्णन के मोटर यानों की या ऐसे मोटर जिनके साथ ट्रेलर संलग्न है या तो साधारणतया या किसी विशिष्ट क्षेत्र

किसी गाडी द्वारा एक्सीडेंट कर देने पर उसके खिलाफ कार्यवाही करने की कौन-सी प्रकिया होती है?What is the process of taking action against a vehicle for causing an accident?

  दुर्घटनाग्रस्त यानों की विशिष्टियाँ देने का कर्तव्य   रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी ऐसे व्यक्ति  द्वारा अपेक्षा किए जाने पर जो यह अभिकथन करता है कि वह मोटर यान के उपयोग के कारण हुई दुर्घटना की बाबत प्रतिकर का दावा करने का हकदार है या ऐसे बीमाकर्ता द्वारा अपेक्षा किए जाने पर जिसके खिलाफ किसी मोटर यान की बाबत - दावा किया गया है , यथास्थिति , उस व्यक्ति को या उस बीमाकर्ता को उसके द्वारा विहित फीस दिए जाने पर , ऐसे प्ररूप में और उतने समय के भीतर जो केन्द्रीय सरकार विहित करे , ऐसी कोई जानकारी देगा जो उक्त प्राधिकारी या उक्त पुलिस अधिकारी के पास यान के पहचान चिह्नों और अन्य विशिष्टियों के सम्बन्ध में और उस व्यक्ति के नाम और पते के सम्बन्ध में हो जो दुर्घटना के समय यान का उपयोग कर रहा था या जिसे उस यान से क्षति हुई थी और संपत्ति का , यदि कोई है , नुकसान हुआ था ।   टक्कर मार कर भागने सम्बन्धी मोटर दुर्घटना के मामले में प्रतिकर के बारे में विशेष उपबन्ध–  ( 1 ) इस धारा , धारा 162 और धारा 163 के प्रयोजनों के लिए  - ( क ) " घोर उपहति " का वही अर्थ होगा जो भ

मोटरवाहन की आयु सीमा को नियत करने की शक्तियां कौन-सी है What are the powers to fix the age limit of a motor vehicle?

  परिवहन यानों के बारे में विशेष उपबन्ध :( Special Provision in the Transport Vehicle )  ये विशेष उपबन्ध निम्न प्रकार हैं -  ( i ) केन्द्रीय सरकार ( मोटर टैक्सी से भिन्न ) किसी परिवहन यान के पहियों में लगे टायरों की संख्या प्रकार और आकार और उनकी बनावट और माडल और अन्य सुसंगत बातों को ध्यान में रखते हुए , हर बनावट और माडल में परिवहन यान के सम्बन्ध में ऐसे यान के सम्बन्ध में ऐसे यान का निरापद ( अधिकतम शुद्धयान भार ) सहित भार और ऐसे यान की हर धुरी का निरापद अधिकतम धुरी भार , राजपत्र में अधिसूचना द्वारा , विनिर्दिष्ट कर सकेगी ।  ( ii ) रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मोटर टैक्सी से भिन्न किसी परिवहन यान को रजिस्टर करते समय , रजिस्ट्रीकरण में और अभिलेख में और यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में भी निम्नलिखित विशिष्टियाँ प्रविष्ट करेगा , अर्थात - Special Provision in the Transport Vehicle  These special provisions are as follows -  (i) the Central Government may, having regard to the number, type and size of tires fitted to the wheels of a transport vehicle (other than a motor taxi) and

Motor Vehicle को registration कराने की क्या प्रकिया है?What is the procedure to register Motor Vehicle?

  मोटरयानों का रजिस्ट्रीकरण ( Registration of Motor Vehicle )  1. रजिस्ट्रीकरण की आवश्यकता ( Necessity of Registration ):- किसी सार्वजनिक स्थान में अथवा किसी अन्य स्थान में किसी मोटरयान को कोई व्यक्ति भी चलाएगा और कोई मोटरयान तभी चलाएगा या चलाने की अनुज्ञा देगा जब वह यान इस अध्याय के अनुसार रजिस्ट्ररीकृत हो तथा यान का रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र निलंबित या रद्द न किया गया हो और यान पर रजिस्ट्रीकरण निशान विहित रीति में प्रदर्शित हो लेकिन इस धारा की कोई बात ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएँ किसी व्यवहारी के कब्जे के मोटरयान को  लागू नहीं होंगी ।  2. रजिस्ट्रीकरण , कहाँ किया जाना है ( Where to done Registration ) — धारा 42 धारा 43 और धारा 60 के उपबंधों के अधीन रहते हुए प्रत्येक मोटर यान का स्वामी यान को उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से रजिस्टर करवाएगा जिसकी अधिकारिता में उसका निवास स्थान या कारोबार का स्थान है जहाँ कि यान आमतौर पर रखा जाता है । Registration of Motor Vehicle  1. Necessity of Registration:- No person shall drive a motor vehicle in an

धारा 96 के अन्तर्गत राज्य सरकार के नियम बनाने की कौन-सी शक्तियाँ होती हैं

धारा 96 के अन्तर्गत राज्य सरकार के नियम बनाने की शक्तियाँ ( Power of State Government to Make Rule ) :- राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्तियाँ इस प्रकार है - ( a ) राज्य सरकार इस अध्याय के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।  ( b ) पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इस धारा के अधीन निम्नलिखित समस्त बातों या उनमें से किसी की बाबत नियम बनाये जा सकेंगे , अर्थात् - The powers of the state government to make rules are as follows -  (a) The State Government may make rules for the purpose of carrying into effect the provisions of this Chapter.  (b) without prejudice to the generality of the foregoing power, rules may be made under this section in respect of all or any of the following matters, namely:— ( 1 ) प्रादेशिक और राज्य परिवहन प्राधिकरणों की नियुक्ति की अवधि और उनकी नियुक्ति के निबन्धन तथा उनके द्वारा कारोबार का संचालन और उनके द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट ।  ( 2 ) किसी ऐसे प्राधिकरण द्वारा उसके किसी सदस्य की ( जिसके अन्तर्गत अ