- Get link
- X
- Other Apps
गिरफ्तार व्यक्ति की प्रार्थना पर गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा - व्यवसायी द्वारा परीक्षा [Examination of arrested person by medical practitioner at the request of arrested person
भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 54 जोकि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 53 है कि जब कोई व्यक्ति जो चाहे किसी आरोप पर या अन्यथा गिरफ्तार किया गया है। मजिस्ट्रेट के समान पेश किये जाने के समय या अभिरक्षा में अपने निरोध की अवधि के दौरान किसी समय यह अभिकथन करता है, कि उसके शरीर का परीक्षण से ऐसे साक्ष्य प्राप्त होगा, जो उसके द्वारा किसी अपराध के किये जाने को नासाबित कर देगा या जो यह साबित करेगा कि उसके शरीर के विरुद्ध किसी अन्य ने कोई अपराध [जैसे कि मारपीट की घटना को अंजाम दिया हो] किया था तो यदि गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा मजिस्ट्रेट से ऐसा करने के लिये प्रार्थना की जाती है और यदि मजिस्ट्रेट का यह विचारण नहीं है, कि प्रार्थना तंग करने या विलम्ब करने या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन के लिये की गयी है, तो वह यह निर्देश देगा कि रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा ऐसे व्यक्ति के शरीर का परीक्षण किया जाये।"
अभियुक्त के डाक्टरी परीक्षण हेतु प्रार्थना -पत्र
[Application for Medical Examination of Accused]
न्यायालय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ,महोदय बांदा
वाद सं०.......…....
सरकार बनाम अभियुक्त
मु० सं०.....…........ थाना- ..........1
धारा.............
जनपद...........
प्रार्थना-पत्र अन्तर्गत BNSS की धारा 53।
प्रार्थना-पत्र प्रार्थी-............….......... निवासी........... थाना................ जनपद.............. निम्नलिखित है। प्रार्थी की ओर से निम्नलिखित निवेदन है -
1. यह कि प्रार्थी...... शहर.............. का निवासी है और वह अपने निजी मकान में सपरिवार रहता है। यह कि प्रार्थी के परिवार में उसके माता-पिता और दो बहने हैं।
२. यह कि प्रार्थी के घर के पड़ोस में ही यह महिला भी अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है।
३. यह कि प्रार्थी दिनांक - ..............को घर के कुछ समान लेने के लिये रात करीब १बजे बाजार जा रहा था। तभी उक्त महिला द्वारा प्रार्थी को आवाज देकर अपने घर आने को कहा।
५. यह कि प्रार्थी उक्त महिला के घर गया और घर के अन्दर घुसते ही उस महिला ने प्रार्थी को पकड़ लिया और कहने लगी कि मुझको 20000/- रुपये चाहिये यदि तुम मुझको नहीं दिया
तो मैं शोर मचाऊगी और इतने में उसने अपने पति और वहां उसके पति के मित्र को बुलाकर तीनों ने लात-घूसों से मारपीट करने लगे।
5. यह कि प्रार्थी के विरुद्ध एक झूठा मनगढंत तरीके से में एक गलत रिपोर्ट दर्ज करायी। जिस पर थाने की पुलिस द्वारा प्रार्थी को रात भर थाने में बन्द रखा गया।
6. यह कि प्रार्थी ने पुलिस अधिकारी को प्रार्थी का चिकित्सीय परीक्षण करने को बार-बार निवेदन किया। लेकिन थानाध्यक्ष महोदय ने उक्त व्यक्ति के दबाव व प्रभाव की वजह से प्रार्थी का चिकित्सीय परीक्षण नहीं कराया।
7. यह कि उक्त व्यक्तियों के द्वारा प्रार्थी के साथ मार-पीट करने से प्रार्थी को काफी चोटें आयी है। प्रार्थी के हाथ पैर में चोट आने से फ्रैक्चर हो गया।
8. यह कि थानाधिकारी बिना किसी वजह के मात्र उक्त व्यक्तियों के प्रभाव की वजह से प्रार्थी की बात 'पर विश्वास न करके प्रार्थी का चिकित्सीय परीक्षण नहीं करा रहे हैं और किसी भी तरीके से प्रार्थी पर दवाव डालकर किसी दूसरे अंजान अपराध के बारे में प्रार्थी से झूठा इल्जाम स्वीकार करने के लिये दबाव डाल रहे हैं।
अतः माननीय न्यायालय से विनम्र अनुरोध है, कि प्रार्थी के चिकित्सीय परीक्षाण हेतु थानाध्यक्ष महोदय को आदेशित किया जाये ताकि उक्त व्यक्तियों द्वारा प्रार्थी के साथ की गयी मार-पीट एवं पहुंचायी गयी चोटों की सही स्थिति अभिलेखों पर आ सके। पुलिस अधिकारी की यह भी निर्देश प्रदान किया जाये कि वे अथवा उनके सहयोगी गण प्रार्थी के साथ किसी प्रकार की मारपीट आदि नहीं करें, और न ही प्रार्थी की कोई हानिकारक चोट पहुंचायें । ताकि प्रार्थी के साथ न्याय हो सके ।
स्थान.......... प्रार्थी........
दिनांक......... निवासी.......
- द्वारा अधिवक्ता। थाना...........
जिला...........
Comments
Post a Comment