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भारत में दहेज हत्या में क्या सजा का प्रावधान है ? विस्तार से चर्चा करो।

भारत में internet and social media platforms per सरकार द्वारा बनाए गए कुछ कानून

आधुनिकता की ओर बढ़ती हुई दुनिया में इंटरनेट भी हमारे लिए बिजली और पानी की तरह ही बहुत ही जरूरी वस्तुओं में शामिल हो चुका है. अगर महामारी के इस दौर में लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा ना होती तो रोजमर्रा के कामकाज में कितनी मुश्किलें होती ऑफिस का काम काज हो या बच्चों की online classes यहां तक कि अब लोग अपनी हर समस्याओं के लिए expert से online consistency ले रहे हैं. आजकल घरों में इंटरनेट का कनेक्शन भी पानी और बिजली की तरह अति आवश्यक हो गया है.

Facility misutilisation ( सुविधा का दुरुपयोग ): - internet media के विभिन्न platforms जैसे हैं whatsApp Facebook Instagram Twitter  आदि का लोगो द्वारा दुरुपयोग शुरू कर दिया गया है क्योंकि अभी तक इन whatsApp और Twitter पर नियंत्रण रखने के लिए कोई ठोस नियम नहीं है विदेशी कंपनियां ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बहुत मुनाफा हासिल करती है लेकिन अभी तक इन कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं था यहां तक कि इन विदेशी कंपनियों ने भारत में अपना ऑफिस या कोई जिम्मेदार अधिकारी भी नियुक्त नहीं किया था स्त्रियों और बच्चों के खिलाफ इंटरनेट पर यौन अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए से रोकना जरूरी हो गया था था इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में it rules 2021 यानी guidelines for intermediaries and digital media ethics rules 2021 की अधिसूचना जारी की है 25 फरवरी 2021 को इन नियमों की घोषणा की गई और उन विदेशी कंपनियों को 3 महीने का समय दिया गया था तथा 26 मई 2021 से देश में यह नियम लागू हो चुके हैं.

Some major amendment: - विदेशी कंपनियों को अब भारत में एक कोऑर्डिनेशन और एक नोडल ऑफिसर भी नियुक्त करना अनिवार्य होगा जो हर तरह की शिकायतों का निवारण 15 दिनों में करेंगे ऐसे सभी अधिकारी भारती निवासी होंगे.

           कोई भी मैसेज देश की सुरक्षा अखंडता संप्रभुता दूसरे देशों से रिश्तो को खराब करता हो या समाज में स्त्रियों बच्चों के प्रति यौन अपराधों को बढ़ावा देता हो तो ऐसी स्थिति में इन कंपनियों को तुरंत ऐसे मैसेजेस को अपने प्लेटफार्म से हटाना पड़ेगा तथा सरकार को इसके बारे में सूचना देनी पड़ेगी कि यह मैसेज सबसे पहले कहां से शुरू हुआ.

जवाबदेही तय करने की जरूरत: - दरअसल व्हाट्सएप कंपनी अब तक यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा रही थी कि उसके मैसेज end to end encrypted होते हैं यानी उन्हें केवल भेजने और रिसीव करने वाले थे क्या सुन सकते हैं अगर कंपनी इन फोन कॉल और मैसेजेस को किसी तीसरे व्यक्ति से साझा करती है तो यह उसके मौलिक अधिकारों का हनन होगा व्हाट्सएप कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस NEW I.T. ACT 2021 को चुनौती दी है लेख परंतु याचिका रद्द कर दी गई है और यह कहा गया है कि यह नए कानून किसी भी तरह व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करते हैं क्योंकि सरकार व्हाट्सएप मैसेज और फोन कॉल्स को तभी जांचने की कोशिश करेगी जब सरकार के संज्ञान में कोई आपत्तिजनक बात आएगी जिस के संदर्भ में यह जानना जरूरी होगा कि फोन कॉल संदेश या वीडियो का मूल स्रोत क्या है?

         कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि 2021 के I.T. LAW इंटरनेट मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए हैं जिससे कि मैं विदेशी कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से भागे नहीं इन नियमों को लागू होने के बाद व्हाट्सएप जैसी कंपनियों की जिम्मेदारी तो बढ़ ही गई है परंतु अब इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी सहज पड़ेगा कि वे इसका गलत इस्तेमाल ना करें अन्यथा ऐसा करने पर उनसे पूछताछ और दूषित होने पर सजा भी हो सकती है इस ग्रुप नागरिक होने के नाते किसी भी मैसेज VIDEO  की सच्चाई जाने बिना जल्दबाजी में उसे दूसरों की को FARWORD  या SHARE ना करें.

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