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सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए आयकर अधिनियम के अंतर्गत कौन से लाभ प्राप्त होते हैं?What benefits are available to retired employees under the Income Tax Act?

भारत में किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्त की आयु को 60 वर्ष निर्धारित किया गया है। [ यहाँ केन्द्र और राज्य सरकारों में आयु का कुछ अन्तर हो सकता है। लेकिन एक पैमान लगभग 60 वर्ष ही तय है। जिसको हम स्टैण्डर आयु सीमा का मानक 60 साल ही है। इस पोस्ट द्वारा हम समझेंगे कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष कर के अन्तर्गत कौन- कौन से उनको लाभ प्राप्त होते हैं। जैसे किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को उपदान, पेंशन कम्प्यूटेशन, छुट्टी नकदीकरण, जीपीएफ आदि जैसे विभिन्न सेवानिवृत लागों की प्राप्ति हुई। इन उपयुक्त प्राप्त लाभों की कर योग्यता के संबन्ध में कुछ सवाल हमारे को पता होना अति आवश्यक है। आज कि पोस्ट में हम इसी के सम्बन्ध में चर्चा करेगें।  In India, the retirement age of an employee has been fixed at 60 years.  [Here there may be some age difference between the Central and State Governments.  But one parameter is fixed only for about 60 years.  For which we consider the standard age limit to be 60 years only.  Through this post, we will understand what benefits the retired employees

इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए मकान किराए में छूट का क्या प्रावधान होता है?

मकान किराया भत्ता (एच आर ए) पर कर छूट भारत में एक महत्त्वपूर्ण कर सुविधा है जो किरायदारों को साथ ही किराये देने वाले व्यक्तियों को भी लाभ पहुचाती है। यह छूट भारतीय कर सिस्टम का हिस्सा है। नौकरी पेशा लोग अपनी इनकम के एक हिस्से के रूप में हर माह ही मकान किराया भत्ता (एचआरए) हासिल करते हैं। यहां तक की कारपोरेटर्स सेक्टर में काम करने वाले बड़े पदो पर बैठे हुये लोग भी HRA प्राप्त करते हैं जिससे उनको इनकम टैक्स बचाने में मदद मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) और नियम 2A में मकान किराया भते (एचआरए) पर कर- छूट का प्रावधान किया गया है। Tax exemption on House Rent Allowance (HRA) is an important tax benefit in India which benefits tenants as well as renting persons.  This exemption is part of the Indian tax system.  Employed people receive House Rent Allowance (HRA) every month as a part of their income.  Even people holding high positions working in the corporators sector also get HRA which helps them in saving income tax.  Section 10(13A) and Rule 2A of the Income Tax Act provide for tax

cyber crime क्या होता है?

आज का युग कम्प्यूटर और इंटरनेट की बढ़ती हुई उपयोगिता का युग है । जिसने हमको तकनीकी क्षेत्र  में बहुत आगे पहुंचा दिया है। आज हमारी रोज मर्रा के काम इस इन्टरनेट और मोबाइल के बिना आधे-अधूरे से लगते हैं। इस तकनीक क्षेत्र में  हमारी प्रगति के कारण हमारे जीवन को बदलने के लिये काफी मौके दे रहा है। जैसे की  इन्टरनेट बैंकिंग, के माध्यम से पैसों की निकासी जैसे कई कार्य कम्प्यूटर और इन्टरनेट के उपयोग ने तकनीकी क्षेत्र में हमें बहुत आगे पहुंचा दिया है लेकिन ये तकनीक अपने साथ कई ऐसे खतरे लायी है जिनके बारे में आपको पता होना चाहिये।  साइबर अपराध एक ऐसा खतरा है जो बीते कुछ वर्षो में तेजी से बढ़ा है और इसने दुनिया भर में इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। हैकर्स और स्पमर्श इन साइवर अटैक से किसी भी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी से लेकर किसी व्यापारिक संस्थान को कही भी सिर्फ बैठे-बैठे निशाना बना सकते हैं। इस तरह के साइबर हमलों से एक ही पल में कोई व्यक्ति और संस्थान बर्बाद किये जा सकते हैं। अपने आप को इन साइबर हमलों से बचाने के लिये आप को इनके बारे में जानकारी रखना बहुत ही आव

साइबर बुलिंग क्या होती है ? इसमें कौन -कौन से अपराध शामिल हैं?What is cyber bullying? Which crimes are involved in this?

साइबर बुलिंग एक ऐसा प्रकार का ऑनलाइन हरासमेंट होता है जिसमें व्यक्ति इंटरनेट या मोबाइल डिवाइस के माध्यम से दूसरे व्यक्तियों को बदनाम करता है, परेशान करता है, या उनके खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियाँ करता है। यह व्यक्तिगत जीवन में हानि पहुंचा सकता है और आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। साइबर बुलिंग की रूपेण ईमेल, सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग, चैट रूम्स, या अन्य ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल किया जा सकता है। सोशल मीडिया साइबर बुलिंग (Social Media Cyberbullying): यह विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर होता है, जैसे कि किसी को अपमानित करने के लिए झूठी गलियां या घृणास्पद टिप्पणियाँ करना। साइबर बुलिंग कई प्रकार की हो सकती है, निम्नलिखित कुछ प्रमुख प्रकार हैं: 1. साइबर वर्बल बुलिंग (Cyber Verbal Bullying): इसमें व्यक्ति ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ, बदनामी, या घातक भाषा का इस्तेमाल करता है, जैसे कि दुश्मनाना ट्वीट करना या अभद्र चैट मैसेज भेजना। इसमें ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर दुश्मनपूर्ण या अपमानजनक शब्दों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि निंदा, धमकी, या अपमान।इसमें व्यक्त

पोस्को एक्ट क्या होता है ? यह कब लगाया जाता है ?What is POCSO Act? When is it imposed?

Pocso act क्या है? यह सवाल हमारे मन में आता है जब हम किसी न्यूज पेपर के कालम में कोई ऐसी खबर पढ़ते हैं जोकि यौन  अपराध से सम्बन्धित हो या जिसमें कि नाबालिक के साथ किसी भी प्रकार का यौन शोषण किया गया हो वहाँ पर इस पॉक्सो Act के तहत मुकदमा लिखा जाता है लेकिन हम आम बोलचाल की भाषा में फिर भी Pocso Act को समझ नहीं पाते हैं तो आज हम इस Act (अधिनियम) पर सीधि और सरल- भाषा में चर्चा करेगें कि आखिर ये Pocso है क्या ?  Pocso Act यानी अगर हम इस एक्ट की बात  करे तो इसकी संविधानिक भाषा में अधिनियम और सरल भाषा में में कानून कहते हैं। ये पॉक्सो एक्ट है क्या ? जो आज कल हम पेपर अखबार और मीडिया के माध्यम से हम तक कुछ ऐसी खबरें पहुचती है जैसे किसी नाबालिक के साथ यौन हिंसा, यौन-शोषण जैसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिये सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट लागू किया गया है।   पॉक्सो एक्ट का फुल फॉर्म, Protection of children Against Sexual offence यानि कि बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा | Pocso Act को भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल 2012 में अधिनियमित किया गया था। POCSO Act 14 नवम्बर 2012 को लागू हुआ