राजनयिक दूत(Diplomatic Envoys ) से हमारा अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है जो किसी दूसरे राज्य में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करता है तथा अपने राज्य में राजनैतिक हितों की देखभाल तथा रक्षा करता है। प्रत्येक राज्य अन्य राज्यों के साथ अपना संबंध बनाए रखने के लिए तथा पारस्परिक सहयोग चलाने के लिए दूत और व्यापारिक प्रतिनिधि भेजता है। अंतर्राष्ट्रीय विधि में इन्हें ही राजनयिक दूत कहा जाता है। यह दूत भेजने की प्रथा आदि काल से चली आ रही है। इस संबंध में सन 1861 का वियाना सम्मेलन महत्वपूर्ण था जिसमें 81 राष्ट्रों ने भाग लिया और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता राजदूतों की नियुक्ति निष्कासन और उनकी कार्यपद्धती से संबंधित नियम वाला था। दूतों की श्रेणी : प्राचीन काल से अब तक दूतों की श्रेणियों में परिवर्तन होते रहे परंतु आधुनिक युग में दूतों को निम्न श्रेणियों में बांटा जा सकता है:- (1) राजदूत(Ambassador) (2)पूर्णाधिकार मन्त्री तथा असाधारण दूत (3)निवासी मन्त्री (minister Resident) (4) कार्यदूत(Charge affairs ) ब्रिटिश राष्ट्रमंडल सदस्...
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