गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों की तलाशी
[search of arrested Person]
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 [BNSS] की धारा 49 में गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों की तलाशी के सम्वन्ध में प्रावधान है :-
1. जब किसी Police officer द्वारा ऐसे warrunt के अधीन जो जमानत किये जाने का उपबन्ध नहीं करता है, या ऐसे वॉरन्ट के अधीन जो, जमानत लिये जाने का उपबन्ध करता है, किन्तु गिरफ्तार किया गया व्यक्ति जमानत नहीं दे सकता, कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया जाता है तथा जब कभी कोई व्यक्ति वॉरंट के बिना या प्राइवेट व्यक्ति द्वारा वॉरंट के अधीन गिरफ्तार किया जाता है और वैध रुप से उसकी जमानत नहीं ली जा सकती, या वह जमानत देने में असमर्थ है ।
तब गिरफ्तार करने वाला अधिकारी या जब गिरफ्तारी प्राइवेट व्यक्ति द्वारा की जाती है. तब वह पुलिस अधिकारी, जिसे वह व्यक्त्ति गिरफ्तार किये गये व्यक्त्ति को सौपता है, उस व्यक्ति की तलाशी ले सकता है और पहनने के आवश्यक वस्त्रों को छोड़कर उसके पास पायी गयी सब वस्तुओं को सुरक्षित अभिरक्षा में रख सकता है और जहाँ गिरफ्तार किये गये व्यक्ति द्वारा कोई वस्तु अधिगृहीत की जाती है। वहाँ ऐसे ऐसे व्यक्ति एक रसीद दी जायेगी, जिसूमें पुलिस अधिकारी द्वारा कब्जे में की गयी 'वस्तुयें वस्तुयें दबिति होगीं।
इसका मुख्य उद्देश्य गिरफ्तार व्यक्ति से किसी भी हथियार, आपत्तिजनक वस्तु या सबूत को सुरक्षित करना जिससे जांच को बाधित न किया जाये।
उदाहरण: कोई व्यक्ति मोटर साइकिल पर सवार होकर जा रहा है और ऐसी स्थिति में आगे यातायात वाहन चेकिंग के दौरान वह व्यक्त्ति नहीं रुकता है, और अपनी बाइक को वहाँ से तेजी के साथ ले जाता है, आगे कुछ पुलिस वाली द्वारा उसको पकड लिया जाता है। अब वे पुलिस वाले उसके नाम पता पूछ सकते हैं और तलाशी भी ले सकते हैं, तलाशी के दौरान उसके पास कुछ आपत्ति जनक वस्तु मिलती है तो उसका चालान करके उसको मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करते हैं।
Important Point:→ यदि गिरफ्तार व्यक्ति महिला है, तो तलाशी केवल महिला पुलिस अधिकारी द्वारा और सम्मान की भावना को ध्यान में रखकर की जानी चाहिये।
(2) Memo of Seizure:→
memo of seizure यानी की पुलिस द्वारा जब किसी व्यक्ति की तलाशी ली जाती है और तलाशी के दौरान पुलिस को कोई आपत्ति जनक वस्तु दिखायी देती है तो वह उस समय को यानी सरल शब्दों में कहे तो तलाशी में जो वस्तु जब्त की जाती है उनका लिखित विवरण memo of seizure यानी की तलाशी का मेमो कहलाता है। जिसमें तलाशी के दौरान जब्त की गयी वस्तुओ का पूरा लेखा-जोखा होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने state of maharashtra munity welfare Council of -: V. Christian community कहा है कि महिला की तलाशी केवल महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही होनी चाहिये अन्यथा यह सविधान के अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत से स्वतंत्रता का अधिकार का उल्लघंन मानी जागेगी। इसको हम ऐसे समझते हैं कि करीब रात को 12 बजे के आस-पास के समय एक शादी-शुदा जोड़ा जो कि वास्तविक रुप में पति-पत्नि है नाइट शो देखकर अपनी बाइक पर अपने घर वापस आ रहे थे। तभी एक पुलिस चेकिंग टीम द्वारा उनको रोका गया और गाड़ी के कागज के साथ-साथ उन लोगों की पुलिस द्वारा तलाशी ली गई। जब उस महिला कि तलाशी ली जा रही थी तो वहां पर कोई भी महिला पुलिस कर्मी मौजूद नहीं थी। ऐसी स्थिति में पुरुष पुलिस द्वारा उस महिला के शरीर को तलाशी के दौरान स्पर्श किया गया। जिससे वह अपने आप को इस स्थिति में असहज महसूस कर रही थी।
supreme Court of Indian ने 1997 में D.K. Basu v. State of west Bengel AIR 1997 SC 610 में गिरफ्तारी और तलाशी से सम्बन्धित कुछ Important दिशानिर्देश दिये हैं जिसमें Supreme court का कहना है कि किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी वैद्य है अवैध इसका निर्णय तो अदालते करेगें लेकिन गिरफ्तारी के दौरान जब्त की गयी वस्तुओं जब वह आरोपी छूटे तो आरोपी को दी जानी चाहिये।
•गिरफ्तार व्यक्ति को तलाशी के वक्त उसकी उपस्थिति में सूची दी जानी चाहिये।
• तलाशी के दौरान प्राप्त वस्तुओं की रसीद आरोपी को दी जानी चाहिये।
•यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि तलाशी और गिरफ्तारी मानवीय गरिमा के।
Important facts:-
•महिला की तलाशी केवल महिला पुलिस कर्मी द्वारा ही लेनी चाहिये।
•अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा और प्रक्रिया का पालन
Draft application for return of goods seized at the time of arrest of the accused]
(अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय जप्त किये गये सामानों को लौटाने हेतु आवेदन पत्र ]
न्यायालय श्रीमान C.J.M. महोदय बांदा
थाना.........
सरकार बनाम अभियुक्त
मु.अ.स... धारा .........
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 49 (BNSS) के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र ।
विषय :- गिरफ्तारी के समय जब्त किये गये व्यक्तिगत सामान की वापसी हेतु आवेदन ।
प्रार्थना पत्र प्रार्थी अभियुक्त (नाम).............. पुत्र....... निवासी..........…......थाना-...............जिला ....…............. निम्नलिखित निवेदन करता है।
1. यह कि प्रार्थी को उक्त मुकदमें में थाना- .........….......की पुलिस द्वारा दिनांक................ समय................ बजे शाम को अजमानतीय वॉरण्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के समय पुलिस द्वारा प्रार्थी के पास से निम्नलिखित सामान जब्त किया गया था:
[1] एक पर्स
[2] एक मोवाइल फोन (ब्रांड और मॉडल यदि ज्ञात हो)
3. एक कलाई घड़ी
4. नकद राशि र २३००० (तेईस हजार रुपये माल)
प्रार्थी उक्त सामान का वैध स्वामी है और उक्त सामान का किसी भी प्रकार से आपराधिक घटना से कोई लेना-देना नहीं है। यह सामान प्रार्थी के निजी उपयोग में था।
मामले की विवेचना में उक्त वस्तुयें केवल औपचारिकता के तौर पर जब्त की गयी थी तथा अब अभियोजन पक्ष की उक्त वस्तुओं की आगे की विवेचना में कोई आवश्यकता नहीं है।
2. यह कि माननीय न्यायालय द्वारा प्रार्थी अभियुक्त के मुकदमें की नियमित सुनवाई के पश्चात दिनांक.........…..... को दोष मुक्त कर दिया गया।
3. यह कि प्रार्थी पुलिस द्वारा जब्त सामानों की वापसी चाहता है।
अतः माननीय न्यायालय से विनम्र अनुरोध है कि प्रार्थी के सामानों को लौटाने हेतु जो कि गिरफ्तारी के समय जब्त किया गया था। पुलिस को आदेश प्रदान करने की कृपा करें।
स्थान.......... प्रार्थी
........................
दिनांक............
निवासी........…..............
द्वारा अधिवक्ता।
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