किशोर अभियुक्त के विचारण के सम्बन्ध में आवेदन पत्र
[अभियुक्त हिरासत में)
न्यायालय मुख्य न्यागिक दण्डाधिकारी xxxxxx (...............)
अपराध संख्या xxxxxxx सन् xxx XXX
राज्य बनाम अभियुक्त
धारा xxx XX
थाना xxxx
जनपद XXXX
प्रार्थना-पत्र में अभियुक्त (नाम) xx xxx पुत्र xxx निवासी x x x x थाना........... तहसील x xxx जनपद .........की ओर से निम्नलिखित निवेदन है,
1. यह कि उपरोक्त वाद में अभियुक्त की थाना xxxxxx की पुलिस द्वारा कल रात दिनांक xxxxx समय xxxxx गिरफ्तार कर आज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
२. यह कि आज दिनांक xxxxx को अभियुक्त की आयु स्कूल के जन्म प्रमाण-पत्र एवं नगर निगम के जन्म मृत्यु रजिष्टर की प्रविष्टियों के अनुसार 16 वर्ष से कम है।
३. यह कि गिरफ्तारी के समय अभियुक्त द्वारा पुलिस वालों को उम्र के सम्बन्ध में बताये जाने पर यह कहा गया कि अपनी समस्त बातों को कल अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में कहना।
4. अभि यह कि अभियुक्त की उम्र x xxx वर्ष है और वह किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत किशोर की परिभाषा में आता है। उसकी मानसिक और शारीरिक अवस्था ऐसी है कि वह कानून की दृष्टि से किशोर माना जाता है।
5. अभियुक्त की पुलिस द्वारा उसके निवास स्थान से गिरफ्तार किया गया है। और गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसे उसके अधिकारों से अवगत नही कराया गया जोकि भारतीय संविधान और किशोर न्याय अधिनियम के तहत अनिवार्य है। पुलिस ने बताया है कि अभियुक्त की बालू माफियाओं के साथ मुठभेड में पकड़ा गया था, लेकिन इस मामले में (अभियुक्त की संलिप्तता के सम्बन्ध में किसी ठोस या निर्णायक प्रमाण का खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस का दावा केवल बयान पर आधारित है और अभियुक्त के खिलाफ कोई विशिष्ट और पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं।
6. यह कि अभियुक्त का किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसके खिलाफ पहले कोई भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है। अभियुक्त एक साधारण किशोर है जो अध्ययन में रुचि रखता है और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय है। वह किसी प्रकार के आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं रहा है। उसकी शिक्षा और मानसिक स्थिति सामान्य है, और वह समाज में एक सकारात्मक व्यक्ति के रूप में पहचान बनाने की दिशा में कार्यरत है ।
७. यह कि अभियुक्त के परिवार का सामाजिक और आर्थिक स्थिति सामान्य है। उसके माता-पिता उसे अच्छे संस्कार देने का प्रयास कर रहे है और उसे हमेशा सही मार्ग पर चलने कि लिए प्रेरित करते रहें है। परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वे अभियुक्त के भविष्य को लेकर चिंतित है। परिवार के सदस्य हमेशा से अभियुक्त के सुधार और विकास में सहायक रहे हैं।
8. यह कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत पुलिस को किशोरों की गिरफ्तारी और हिरासत में रखने की प्रक्रिया में अत्यंत सावधानी बरतनी होती है ताकि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। अभियुक्त को हिरासत में रखने से उसकी शिक्षा और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, पुलिस 'की ओर से गिरफ्तारी के समय अभियुक्त की यह जानकारी नहीं दी गयी कि उसको जमानत का अधिकार है और उसे किसी भी प्रकार की कानून की प्रक्रिया से अवगत नहीं कराया गया।
9. यह कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत यदि अभियुक्त के खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं है या आरोप संदेहास्पद है तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है। अभियुक्त की हिरासत में रखने पर से उसके सुधारात्मक प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके बजाय उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है ।
प्रार्थना
अतः माननीय महोदय से विनम्र अनुरोध है कि अभियुक्त की आयु 16 वर्ष से कम होने के कारण उक्त प्रकरण को किशोर न्यायालय में स्थानान्तरित करने की कृपा करें, जो कि न्याय हित में आवश्यक है।
स्थान XXXXX। अभियुक्त
दिनांक XXXXX। द्वारा अधिवक्ता
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