AIBE (All India Bar Examination) में पारिवारिक कानून (Family Law) से जुड़े प्रश्न मुख्यतः विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, भरण-पोषण, गोद लेना और धार्मिक कानूनों पर आधारित होते हैं। ये प्रश्न हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और अन्य धर्मों के व्यक्तिगत कानूनों के विभिन्न प्रावधानों से संबंधित होते हैं। नीचे अब तक AIBE में पारिवारिक कानून से पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्न, उनके उत्तर, और व्याख्या दी गई है:
1. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत विवाह को शून्य (Void) कब घोषित किया जा सकता है?
- उत्तर: यदि विवाह:
- दोनों पक्षों में से कोई एक पहले से विवाहित हो (धारा 5(i))।
- निषिद्ध संबंध में हो (धारा 5(iv))।
- Sapinda संबंध में हो (धारा 5(v))।
- व्याख्या: शून्य विवाह का अर्थ है कि विवाह का कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं है। इसे अदालत द्वारा शून्य घोषित करने की आवश्यकता नहीं होती।
2. हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13B के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए कितना समय आवश्यक है?
- उत्तर: 6 महीने का समय
- व्याख्या:
- धारा 13B के तहत, पति-पत्नी को तलाक के लिए आपसी सहमति से याचिका दायर करनी होती है।
- 6 महीने का cooling-off period दिया जाता है ताकि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकें।
3. मुस्लिम विवाह में मेहर (Dower) क्या है?
- उत्तर: मेहर पति द्वारा पत्नी को दिया जाने वाला धन या संपत्ति है, जो विवाह के समय या बाद में दिया जाता है।
- व्याख्या:
- मेहर दो प्रकार का होता है: Prompt (विवाह के समय दिया जाए) और Deferred (बाद में दिया जाए)।
- यह विवाह का आवश्यक हिस्सा है और पत्नी का कानूनी अधिकार है।
4. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत पुत्री की संपत्ति पर अधिकार क्या है?
- उत्तर: पुत्री को समान अधिकार प्राप्त हैं।
- व्याख्या:
- 2005 के संशोधन के बाद, पुत्री को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार दिया गया, जैसे पुत्र को होता है।
- यह अधिकार जन्म से ही प्राप्त होता है।
5. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विवाह के लिए क्या आवश्यकताएँ हैं?
- उत्तर:
- दूल्हा और दुल्हन की आयु क्रमशः 21 और 18 वर्ष होनी चाहिए।
- दोनों पक्षों की सहमति होनी चाहिए।
- निषिद्ध डिग्री संबंध में नहीं होना चाहिए।
- व्याख्या: यह अधिनियम अंतर-धार्मिक और नागरिक विवाह को मान्यता देता है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों की आवश्यकता नहीं होती।
6. तलाक-ए-तफवीज किससे संबंधित है?
- उत्तर: मुस्लिम पत्नी को पति द्वारा तलाक देने का अधिकार प्रदान करना।
- व्याख्या:
- तलाक-ए-तफवीज के तहत पति अपने तलाक का अधिकार पत्नी को सौंप सकता है।
- इसे विवाह अनुबंध में स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए।
7. भरण-पोषण का दावा करने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम की कौन सी धारा लागू होती है?
- उत्तर: धारा 24 और 25
- व्याख्या:
- धारा 24: मुकदमे के दौरान भरण-पोषण का प्रावधान।
- धारा 25: अंतिम भरण-पोषण और आजीवन भत्ता।
8. गोद लेने का अधिकार किस कानून के तहत मिलता है?
- उत्तर: हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 (HAMA)
- व्याख्या:
- यह अधिनियम केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों पर लागू होता है।
- मुस्लिम, ईसाई, और पारसी गोद लेने के बजाय गार्जियनशिप (Guardian and Wards Act, 1890) के तहत बच्चों को अपनाते हैं।
9. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत न्यायिक पृथक्करण (Judicial Separation) का क्या अर्थ है?
- उत्तर:
- पति-पत्नी को एक-दूसरे के साथ रहने की बाध्यता नहीं होती।
- विवाह वैध रहता है, लेकिन सहवास समाप्त हो जाता है।
- व्याख्या: यह धारा 10 के तहत प्रदान किया जाता है। यह तलाक से अलग है, क्योंकि इसमें विवाह समाप्त नहीं होता।
10. मुस्लिम विवाह को "सिविल अनुबंध" क्यों कहा जाता है?
- उत्तर:
- इसमें पति और पत्नी के बीच अनुबंध के आधार पर अधिकार और दायित्व तय होते हैं।
- इसमें धार्मिक अनुष्ठानों की तुलना में अनुबंध की वैधता महत्वपूर्ण होती है।
- व्याख्या: यह हिंदू विवाह की पवित्रता से भिन्न है, जिसमें विवाह धार्मिक संस्कार माना जाता है।
11. "कायम दत्तक" (Customary Adoption) क्या है?
- उत्तर: दत्तक ग्रहण की वह प्रक्रिया जो किसी विशेष समुदाय या परंपरा में प्रचलित हो।
- व्याख्या: हिंदू कानून में, अगर किसी विशेष समुदाय में कोई विशेष रीति-रिवाज अपनाए जाते हैं और वे मान्य हैं, तो उन्हें कायमी दत्तक कहा जाता है।
12. हिंदू विवाह अधिनियम के तहत "मानसिक क्रूरता" तलाक का आधार कब बनता है?
- उत्तर: जब पति या पत्नी के कार्य दूसरे साथी के लिए असहनीय मानसिक कष्ट उत्पन्न करते हैं।
- व्याख्या:
- मानसिक क्रूरता को धारा 13(1)(ia) के तहत तलाक का आधार माना गया है।
- यह सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों द्वारा विस्तृत किया गया है।
13. ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 के तहत तलाक का प्रमुख आधार क्या है?
- उत्तर: व्यभिचार, क्रूरता, धर्मत्याग, मानसिक विकार।
- व्याख्या: ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 के तहत, तलाक का दावा करने के लिए एक पक्ष को उपरोक्त आधारों में से एक को साबित करना होता है।
14. हिंदू विवाह अधिनियम के तहत "शून्यीयकरण" (Annulment) का आधार क्या है?
- उत्तर:
- किसी पक्ष की सहमति में धोखाधड़ी हो।
- विवाह के समय कोई पक्ष मानसिक रूप से अक्षम हो।
- किसी पक्ष की पहले से विवाहित स्थिति।
- व्याख्या: यह धारा 11 और 12 के तहत प्रदान किया गया है।
15. "भरण-पोषण का स्थायी आदेश" किसके तहत दिया जाता है?
- उत्तर: हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 25।
- व्याख्या: तलाक या न्यायिक पृथक्करण के बाद, पत्नी या पति को उनके आर्थिक स्थिति के आधार पर स्थायी भरण-पोषण प्रदान किया जा सकता है।
ये प्रश्न AIBE परीक्षा में पारिवारिक कानून से संबंधित प्रमुख विषयों को कवर करते हैं। यदि आपको किसी विशेष प्रश्न पर विस्तृत जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं।
नीचे पारिवारिक कानून (Family Law) से जुड़े और अधिक प्रश्न, जो AIBE परीक्षा में पूछे गए हैं, उनके उत्तर और व्याख्या के साथ दिए गए हैं। ये प्रश्न विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों और पारिवारिक विषयों को कवर करते हैं:
16. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पुनर्विवाह (Remarriage) कब वैध होता है?
- उत्तर: जब पूर्व विवाह को वैध रूप से समाप्त कर दिया गया हो (तलाक या पूर्व साथी की मृत्यु के बाद)।
- व्याख्या:
- धारा 15 के तहत, तलाक के बाद पुनर्विवाह की अनुमति दी गई है, जब तक कि अपील की कोई प्रक्रिया लंबित न हो।
- विधवा/विधुर का पुनर्विवाह पूरी तरह वैध है।
17. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत नोटिस अवधि कितनी होती है?
- उत्तर: 30 दिन
- व्याख्या:
- विशेष विवाह अधिनियम के तहत, विवाह रजिस्ट्रार को लिखित नोटिस देना होता है।
- नोटिस के 30 दिनों के भीतर यदि कोई आपत्ति नहीं आती, तो विवाह पंजीकृत किया जा सकता है।
18. मुस्लिम विधवा का भरण-पोषण का अधिकार किस अधिनियम के तहत निर्धारित किया गया है?
- उत्तर: मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986
- व्याख्या:
- यह अधिनियम तलाकशुदा मुस्लिम महिला को इद्दत अवधि तक भरण-पोषण की गारंटी देता है।
- इद्दत अवधि समाप्त होने के बाद महिला अपने बच्चों या वैकल्पिक स्रोतों से सहायता प्राप्त कर सकती है।
19. हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत, गोद लेने के लिए कौन पात्र है?
- उत्तर:
- दत्तक देने वाला: 18 वर्ष से ऊपर और ध्वनि मानसिक स्थिति में होना चाहिए।
- दत्तक लेने वाला: विवाहित पुरुष अपनी पत्नी की सहमति से ही गोद ले सकता है।
- बच्चा: 15 वर्ष से कम उम्र का होना चाहिए (यदि परंपरागत प्रथा के तहत छूट न हो)।
- व्याख्या: HAMA का उद्देश्य गोद लेने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करना है।
20. मुसलमानों में "खुला" (Khula) क्या है?
- उत्तर: पत्नी द्वारा पति से तलाक की मांग।
- व्याख्या:
- खुला मुस्लिम महिलाओं को तलाक लेने का अधिकार प्रदान करता है, जिसमें पत्नी पति को मेहर लौटाने के लिए सहमत होती है।
- यह पति की सहमति से होता है और अदालत में पंजीकृत किया जा सकता है।
21. हिंदू विवाह अधिनियम के तहत परित्याग (Desertion) तलाक का आधार कब बनता है?
- उत्तर: जब कोई पति/पत्नी:
- लगातार दो वर्ष तक साथी को छोड़ देता है।
- इसे बिना किसी उचित कारण और सहमति के करता है।
- व्याख्या:
- धारा 13(1)(ib) में परित्याग को तलाक का आधार बताया गया है।
- परित्याग में भौतिक और मानसिक अलगाव दोनों शामिल हो सकते हैं।
22. गोद लेने का अधिकार ईसाई और पारसी कानून के तहत क्यों सीमित है?
- उत्तर: ईसाई और पारसी धर्म के लोग Guardian and Wards Act, 1890 के तहत केवल संरक्षकत्व (Guardianship) ले सकते हैं।
- व्याख्या:
- उन्हें हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की तरह पूर्ण गोद लेने का अधिकार नहीं है।
- संरक्षक बच्चे के 18 वर्ष का होने तक जिम्मेदारी निभाते हैं।
23. मुस्लिम विवाह में "निकाह हलाला" क्या है?
- उत्तर: यदि तलाकशुदा महिला अपने पहले पति से पुनः विवाह करना चाहती है, तो उसे किसी अन्य पुरुष से विवाह करके तलाक लेना होगा।
- व्याख्या:
- यह इस्लामी कानून के अनुसार है और तीन बार तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के संदर्भ में लागू होता है।
- इसे भारत में विवादास्पद माना गया है और कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
24. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में "कॉपार्सनरी संपत्ति" (Coparcenary Property) का क्या अर्थ है?
- उत्तर: वह पैतृक संपत्ति जो परिवार के पुरुष सदस्यों के बीच समान रूप से विभाजित होती है।
- व्याख्या:
- 2005 के संशोधन के बाद, पुत्रियों को भी कॉपार्सनरी अधिकार दिया गया है।
- यह अधिकार जन्म से ही होता है, चाहे पिता जीवित हों या नहीं।
25. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत "सात फेरे" का क्या महत्व है?
- उत्तर: हिंदू विवाह में सात फेरे विवाह की अनिवार्य और पवित्र प्रक्रिया है।
- व्याख्या:
- विवाह तभी वैध माना जाता है जब सात फेरे (सप्तपदी) संपन्न हो।
- यह रीति-रिवाज क्षेत्रीय परंपराओं पर निर्भर हो सकता है।
26. तलाक के बाद भरण-पोषण के लिए "पारिवारिक न्यायालय" किस कानून के तहत स्थापित किए गए हैं?
- उत्तर: पारिवारिक न्यायालय अधिनियम, 1984
- व्याख्या:
- इस अधिनियम का उद्देश्य पारिवारिक विवादों का शीघ्र और सुलझा हुआ समाधान प्रदान करना है।
- पारिवारिक न्यायालय तलाक, भरण-पोषण, और बच्चों की कस्टडी जैसे मामलों को संभालते हैं।
27. मुस्लिम कानून में "इद्दत" अवधि का उद्देश्य क्या है?
- उत्तर: तलाक या पति की मृत्यु के बाद पत्नी के पुनर्विवाह के लिए इंतजार करने की अवधि।
- व्याख्या:
- यह सुनिश्चित करने के लिए है कि महिला गर्भवती नहीं है, ताकि बच्चे की वैधता पर कोई विवाद न हो।
- तलाक के मामले में 3 महीने और मृत्यु के मामले में 4 महीने 10 दिन की अवधि होती है।
28. हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत कौन बच्चा गोद नहीं लिया जा सकता?
- उत्तर:
- 15 वर्ष से अधिक उम्र का बच्चा।
- यदि बच्चा पहले से गोद लिया गया हो।
- व्याख्या: गोद लेने का उद्देश्य बच्चे की देखभाल और पालन-पोषण सुनिश्चित करना है। इसलिए उम्र और अन्य मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
29. तलाक के बाद हिंदू महिला का भरण-पोषण किस कानून के तहत निर्धारित होता है?
- उत्तर: हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 (धारा 18 और 20)
- व्याख्या:
- तलाकशुदा महिला अपने पति से भरण-पोषण का दावा कर सकती है।
- यदि बच्चों की कस्टडी महिला के पास है, तो पति को उनका भी खर्च वहन करना होगा।
30. मुस्लिम विवाह में "नफका" (Nafaqa) क्या है?
- उत्तर: पति द्वारा पत्नी और बच्चों के लिए दिया गया भरण-पोषण।
- व्याख्या:
- यह विवाह का हिस्सा है और पत्नी का कानूनी अधिकार है।
- नफका तलाक के बाद इद्दत अवधि तक भी दिया जाता है।
ये प्रश्न पारिवारिक कानून के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं। यदि आपको किसी विशेष विषय पर और विस्तार चाहिए, तो कृपया बताएं.
यहां पारिवारिक कानून (Family Law) से जुड़े AIBE परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को और विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर व्याख्या के साथ दिया गया है ताकि आप विषय को बेहतर तरीके से समझ सकें।
1. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत विवाह कब शून्य (Void) होता है?
उत्तर:
विवाह निम्नलिखित स्थितियों में शून्य होगा:
- बिगेमी (Bigamy): यदि विवाह के समय पति या पत्नी का पूर्व में कोई वैध विवाह मौजूद है।
- सपिंडा संबंध (Sapinda Relationship): यदि दंपत्ति आपस में sapinda संबंध में हैं।
- निषिद्ध डिग्री (Prohibited Degree): यदि पति-पत्नी निषिद्ध डिग्री के रिश्ते में हैं।
व्याख्या:
धारा 11 के अनुसार, ऐसे विवाह को शून्य घोषित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विवाह धार्मिक और सामाजिक मानदंडों के अनुसार हो।
2. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विवाह की उम्र क्या है?
उत्तर:
- पुरुष: 21 वर्ष।
- महिला: 18 वर्ष।
व्याख्या:
यह अधिनियम सभी धर्मों के लिए लागू होता है और अंतरधार्मिक विवाह के लिए विशेष प्रावधान करता है। यदि कोई व्यक्ति निर्धारित उम्र से कम है, तो विवाह अमान्य हो सकता है।
3. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत तलाक के लिए "क्रूरता" का आधार क्या है?
उत्तर:
"क्रूरता" का अर्थ शारीरिक या मानसिक कष्ट से है जो पति या पत्नी के साथ इस हद तक हो कि सह-अस्तित्व असंभव हो जाए।
व्याख्या:
धारा 13(1)(ia) के तहत, मानसिक और शारीरिक क्रूरता दोनों तलाक के लिए वैध आधार हैं। उदाहरण:
- बार-बार अपमान करना।
- घरेलू हिंसा।
- साथी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना।
4. मुस्लिम विवाह में "मेहर" (Dower) क्या है?
उत्तर:
मेहर वह धन या संपत्ति है जो पति पत्नी को विवाह के समय या बाद में देता है।
व्याख्या:
- यह पत्नी का कानूनी अधिकार है और इस्लामी विवाह का एक आवश्यक घटक है।
- मेहर के बिना विवाह को अमान्य नहीं माना जाएगा, लेकिन इसे तय करना अनिवार्य है।
- मेहर का उद्देश्य पत्नी को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
5. तलाक-ए-बिद्दत (Triple Talaq) पर भारत में क्या स्थिति है?
उत्तर:
तलाक-ए-बिद्दत, जिसे ट्रिपल तलाक कहा जाता है, 2019 में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया गया।
व्याख्या:
- सुप्रीम कोर्ट ने इसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन माना।
- अब पति यदि ट्रिपल तलाक देता है, तो उसे तीन साल की सजा हो सकती है।
6. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत पुत्री को पैतृक संपत्ति में अधिकार कब मिला?
उत्तर:
2005 में किए गए संशोधन के बाद।
व्याख्या:
- संशोधन से पुत्रियों को समान अधिकार मिला जो पुत्रों को पहले से था।
- अब पुत्री भी अपने पिता की coparcenary property में जन्म से ही समान अधिकार रखती है, चाहे पिता जीवित हों या न हों।
7. विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण के लिए नोटिस की अवधि कितनी है?
उत्तर: 30 दिन।
व्याख्या:
- विवाह के इच्छुक जोड़े को रजिस्ट्रार के समक्ष नोटिस देना होता है।
- यदि 30 दिनों के भीतर कोई वैध आपत्ति नहीं आती, तो विवाह पंजीकृत किया जाता है।
8. मुस्लिम विवाह में "खुला" (Khula) क्या है?
उत्तर:
"खुला" पत्नी द्वारा पति से तलाक की मांग करने की प्रक्रिया है।
व्याख्या:
- इसमें पत्नी मेहर या अन्य धनराशि लौटाकर तलाक ले सकती है।
- खुला पति की सहमति से होता है और इसे न्यायालय के माध्यम से भी कराया जा सकता है।
9. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पुनर्विवाह कब वैध है?
उत्तर:
जब पहला विवाह:
- तलाक के माध्यम से समाप्त हो गया हो।
- पूर्व साथी की मृत्यु हो चुकी हो।
व्याख्या:
धारा 15 के तहत यह स्पष्ट है कि जब तलाक के बाद अपील का कोई लंबित मामला न हो, तो पुनर्विवाह किया जा सकता है।
10. तलाक के बाद हिंदू महिला भरण-पोषण का दावा किस कानून के तहत कर सकती है?
उत्तर:
- हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956।
- हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 25।
व्याख्या:
महिला अपने जीवन-यापन के लिए पति से भरण-पोषण का दावा कर सकती है। इसमें बच्चे की कस्टडी के आधार पर अतिरिक्त खर्च भी शामिल हो सकता है।
11. "निकाह हलाला" का अर्थ क्या है?
उत्तर:
यदि तलाकशुदा महिला अपने पूर्व पति से पुनः विवाह करना चाहती है, तो उसे किसी अन्य पुरुष से विवाह करके तलाक लेना होगा।
व्याख्या:
यह इस्लामी कानून का एक विवादास्पद प्रावधान है और भारतीय न्यायपालिका द्वारा इसकी वैधता पर बार-बार सवाल उठाए गए हैं।
12. हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत गोद लेने की शर्तें क्या हैं?
उत्तर:
- दत्तक लेने वाला व्यक्ति विवाहित हो तो पत्नी की सहमति आवश्यक है।
- दत्तक लिया जाने वाला बच्चा 15 वर्ष से कम उम्र का होना चाहिए।
व्याख्या:
इस कानून का उद्देश्य गोद लेने की प्रक्रिया को संरचित और न्यायसंगत बनाना है।
13. पारिवारिक न्यायालय अधिनियम, 1984 का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
परिवार से जुड़े विवादों का शीघ्र और सुलझा हुआ समाधान प्रदान करना।
व्याख्या:
- तलाक, भरण-पोषण, और बच्चों की कस्टडी जैसे मामलों को सुगम तरीके से सुलझाने के लिए यह अदालतें स्थापित की गईं।
14. हिंदू विवाह अधिनियम के तहत "विवाह का शून्यीयकरण" का आधार क्या है?
उत्तर:
- सहमति में धोखाधड़ी।
- मानसिक विकार।
- यौन संबंध में असमर्थता।
व्याख्या:
धारा 12 के तहत इसे लागू किया गया है, जिससे विवाह रद्द किया जा सकता है।
15. मुस्लिम विधवा का भरण-पोषण कब तक दिया जाता है?
उत्तर:
इद्दत की अवधि तक।
व्याख्या:
इद्दत तलाक या पति की मृत्यु के बाद की अवधि है, जिसमें महिला भरण-पोषण की हकदार होती है।
16. ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 के तहत तलाक का आधार क्या है?
उत्तर:
व्यभिचार, क्रूरता, धर्मत्याग।
व्याख्या:
इस अधिनियम के तहत तलाक के लिए धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक आधार दोनों मान्य हैं।
17. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत संपत्ति किस प्रकार विभाजित होती है?
उत्तर:
- Class I Heirs को प्राथमिकता।
- यदि वे नहीं हैं, तो Class II Heirs।
व्याख्या:
पैतृक संपत्ति और स्वअर्जित संपत्ति के लिए उत्तराधिकार अलग-अलग तरीके से लागू होता है।
यहां पारिवारिक कानून (Family Law) से संबंधित शेष 80 प्रश्नों का विस्तृत उत्तरों के साथ संकलन दिया गया है। ये प्रश्न पिछले AIBE परीक्षा पैटर्न और पूछे गए विषयों पर आधारित हैं।
21. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत "सप्तपदी" का क्या महत्व है?
उत्तर:
सप्तपदी (सात फेरे) हिंदू विवाह का एक आवश्यक संस्कार है।
व्याख्या:
- हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 के अनुसार, सप्तपदी का संपन्न होना विवाह की वैधता के लिए अनिवार्य है।
- सप्तपदी के दौरान दंपति अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं, और सातवें फेरे के बाद विवाह पूर्ण माना जाता है।
22. "शुद्ध तलाक" और "सशर्त तलाक" में क्या अंतर है?
उत्तर:
- शुद्ध तलाक:
- पति सीधे तौर पर पत्नी को तलाक देता है।
- सशर्त तलाक:
- तलाक कुछ शर्तों की पूर्ति के बाद प्रभावी होता है।
व्याख्या:
सशर्त तलाक, जैसे तलाक-ए-तफवीज, में पत्नी को शर्त पूरी होने पर तलाक का अधिकार दिया जाता है।
- तलाक कुछ शर्तों की पूर्ति के बाद प्रभावी होता है।
23. मुस्लिम कानून में "फस्ख" क्या है?
उत्तर:
"फस्ख" एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें न्यायालय पति-पत्नी के बीच विवाह को भंग कर देता है।
व्याख्या:
- इसे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए स्थापित किया गया है।
- अगर पति क्रूरता करता है, नफका नहीं देता, या मानसिक रूप से अक्षम है, तो पत्नी न्यायालय से "फस्ख" की मांग कर सकती है।
24. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत "Class I Heirs" कौन होते हैं?
उत्तर:
Class I Heirs:
- पुत्र, पुत्री।
- विधवा।
- माता।
- पुत्र के बच्चे (यदि पुत्र जीवित न हो)।
व्याख्या:
Class I के उत्तराधिकारी पैतृक संपत्ति के प्राथमिक अधिकार रखते हैं। यदि Class I उत्तराधिकारी मौजूद नहीं हैं, तो Class II को प्राथमिकता दी जाती है।
25. "धार्मिक विवाह" और "सिविल विवाह" में अंतर क्या है?
उत्तर:
- धार्मिक विवाह:
- यह धार्मिक संस्कारों के अनुसार संपन्न होता है (जैसे सप्तपदी या निकाह)।
- सिविल विवाह:
- यह विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत पंजीकरण द्वारा होता है।
व्याख्या:
सिविल विवाह उन दंपतियों के लिए है जो अंतरधार्मिक विवाह करना चाहते हैं या धार्मिक विधियों से विवाह नहीं करना चाहते।
- यह विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत पंजीकरण द्वारा होता है।
26. हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 का क्या महत्व है?
उत्तर:
इस अधिनियम ने हिंदू विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार दिया।
व्याख्या:
- इससे पहले हिंदू विधवाओं को समाज में पुनर्विवाह की अनुमति नहीं थी।
- इस कानून ने विधवाओं को सामाजिक स्वतंत्रता प्रदान की।
27. गोद लिए गए बच्चे के अधिकार क्या हैं?
उत्तर:
- पैतृक संपत्ति में समान अधिकार।
- गोद लेने वाले माता-पिता के उत्तराधिकारी बनने का अधिकार।
व्याख्या:
हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के अनुसार, गोद लिया गया बच्चा जैविक बच्चे के समान अधिकार रखता है।
28. "Meher" का भुगतान कब और कैसे किया जाता है?
उत्तर:
Meher का भुगतान:
- विवाह के समय।
- विवाह के बाद, एक निश्चित समय सीमा में।
व्याख्या:
- मेहर पत्नी का वैधानिक अधिकार है।
- यह विवाह अनुबंध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
29. ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 में विवाह की वैधता की शर्तें क्या हैं?
उत्तर:
- पति और पत्नी में से किसी एक का ईसाई होना।
- कानूनी उम्र: पुरुष (21 वर्ष), महिला (18 वर्ष)।
व्याख्या:
यह अधिनियम ईसाइयों के विवाह को पंजीकृत करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
30. हिंदू विवाह अधिनियम में "परित्याग" का अर्थ क्या है?
उत्तर:
यदि कोई पति या पत्नी:
- बिना वैध कारण साथी को छोड़ देता है।
- दो वर्षों तक लगातार अनुपस्थित रहता है।
व्याख्या:
धारा 13 के तहत परित्याग तलाक का एक वैध आधार है।
31. "मुस्लिम उत्तराधिकार कानून" में विरासत का वितरण कैसे होता है?
उत्तर:
इस्लामी उत्तराधिकार कानून के अनुसार, संपत्ति को निम्नलिखित अनुपात में बांटा जाता है:
- विधवा: 1/8।
- पुत्र: 2 हिस्से।
- पुत्री: 1 हिस्सा।
व्याख्या:
यह वितरण कुरानिक निर्देशों के अनुसार किया जाता है।
32. तलाक के बाद हिंदू महिला संपत्ति का अधिकार कैसे प्राप्त करती है?
उत्तर:
- पति द्वारा दी गई संपत्ति पर अधिकार।
- भरण-पोषण के लिए पति की संपत्ति पर दावा।
व्याख्या:
हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत महिला संपत्ति का दावा कर सकती है।
33. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में "वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना" का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यदि पति या पत्नी बिना उचित कारण साथी को छोड़ देता है, तो छोड़ दिया गया पक्ष न्यायालय से पुनर्स्थापना की मांग कर सकता है।
व्याख्या:
धारा 9 के तहत यह प्रावधान लागू होता है।
34. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 में अंतरधार्मिक विवाह के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
- दोनों पक्षों की सहमति।
- 30 दिन का नोटिस।
- गवाहों की उपस्थिति में विवाह पंजीकरण।
व्याख्या:
यह कानून विभिन्न धर्मों के बीच विवाह को कानूनी मान्यता प्रदान करता है।
35. "Maintenance" का अधिकार तलाकशुदा महिला को कैसे मिलता है?
उत्तर:
- धारा 125, दंड प्रक्रिया संहिता।
- हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956।
व्याख्या:
भरण-पोषण का उद्देश्य महिला को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
36. "शरिया कानून" के तहत पुरुष कितनी बार विवाह कर सकता है?
उत्तर:
एक मुस्लिम पुरुष चार पत्नियों तक विवाह कर सकता है, बशर्ते वह सभी के साथ समान व्यवहार कर सके।
व्याख्या:
कुरान में यह प्रावधान न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है।
37. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में "Class II Heirs" कौन हैं?
उत्तर:
Class II उत्तराधिकारी:
- पिता।
- भाई-बहन।
- भतीजे और भतीजियां।
व्याख्या:
Class II के उत्तराधिकारी को संपत्ति का अधिकार तब मिलता है, जब Class I के कोई उत्तराधिकारी न हों।
38. "पैतृक संपत्ति" और "स्व-अर्जित संपत्ति" में अंतर क्या है?
उत्तर:
- पैतृक संपत्ति:
- जो संपत्ति चार पीढ़ियों से चली आ रही हो।
- स्व-अर्जित संपत्ति:
- जो व्यक्ति स्वयं अर्जित करता है।
व्याख्या:
पैतृक संपत्ति में सभी उत्तराधिकारी अधिकार रखते हैं, जबकि स्व-अर्जित संपत्ति में ऐसा नहीं है।
- जो व्यक्ति स्वयं अर्जित करता है।
39. "Cruelty" के आधार पर तलाक कैसे लिया जा सकता है?
उत्तर:
- मानसिक या शारीरिक क्रूरता के साक्ष्य।
- साथी का अनुचित व्यवहार।
व्याख्या:
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(ia) के तहत क्रूरता तलाक का वैध आधार है।
40. "निकाह मुता" क्या है?
उत्तर:
यह एक अस्थायी विवाह है, जो शिया मुस्लिमों में प्रचलित है।
व्याख्या:
यह एक तयशुदा समय अवधि के
लिए किया जाता है और अवधि समाप्त होने पर स्वतः समाप्त हो जाता है।
यहां पारिवारिक कानून (Family Law) से संबंधित शेष 60 प्रश्नों का विस्तृत उत्तरों के साथ संकलन प्रस्तुत है:
41. मुस्लिम तलाक (Talaq) के किस प्रकार से तलाक लिया जा सकता है?
उत्तर:
- तलाक-ए-अहसन:
- सबसे अच्छा और विधिवत तरीका, जिसमें पति अपनी पत्नी को एक बार तलाक देता है और फिर उसे इद्दत अवधि तक वापस लौटने का मौका देता है।
- तलाक-ए-हसन:
- पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक देता है, एक-एक करके।
- तलाक-ए-बिद्दत:
- तीन बार तलाक एक साथ दिया जाता है, जो अब असंवैधानिक है।
व्याख्या:
- तलाक-ए-बिद्दत (Triple Talaq) को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2017 में असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
42. हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत "क्रूरता" का क्या अर्थ है?
उत्तर:
क्रूरता का अर्थ है किसी साथी द्वारा शारीरिक या मानसिक रूप से पीड़ा पहुँचाना।
व्याख्या:
यह तलाक का एक वैध आधार बन सकता है, जहां पति या पत्नी एक दूसरे के प्रति अत्यधिक कठोर व्यवहार करते हैं।
43. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत दो व्यक्तियों के विवाह के लिए क्या आवश्यकताएँ हैं?
उत्तर:
- दोनों पक्षों की सहमति।
- विवाह की न्यूनतम उम्र: पुरुष (21 वर्ष), महिला (18 वर्ष)।
- विवाह का पंजीकरण।
व्याख्या:
विशेष विवाह अधिनियम का उद्देश्य अंतरधार्मिक या अंतरजातीय विवाहों को कानूनी मान्यता देना है।
44. "साधारण तलाक" और "तलाक-ए-बिद्दत" में अंतर क्या है?
उत्तर:
- साधारण तलाक:
- एक वैध प्रक्रिया जिसमें पति-पत्नी को तलाक देने के लिए इद्दत की अवधि और पुनः विवाह की शर्तें होती हैं।
- तलाक-ए-बिद्दत:
- यह तीन बार तलाक देने की प्रक्रिया है जो तुरंत प्रभावी होती है।
व्याख्या:
- यह तीन बार तलाक देने की प्रक्रिया है जो तुरंत प्रभावी होती है।
- तलाक-ए-बिद्दत अब असंवैधानिक है और इसे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए निषिद्ध कर दिया गया है।
45. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत "पैतृक संपत्ति" का क्या महत्व है?
उत्तर:
पैतृक संपत्ति वह संपत्ति है जो चार पीढ़ियों से परिवार के बीच हस्तांतरित होती है।
व्याख्या:
यह संपत्ति, जिस पर परिवार का सामूहिक अधिकार होता है, सभी संयुक्त परिवार के सदस्य (जैसे पिता, पुत्र, पुत्री) को मिलती है।
46. "भरण-पोषण" के अधिकार का दावा कौन कर सकता है?
उत्तर:
- पत्नी, तलाक के बाद।
- विधवा पत्नी।
- बच्चों के लिए, विशेष रूप से नाबालिग बच्चों।
व्याख्या:
धारा 125, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत, पति या अन्य परिवार के सदस्य अपने निर्वाह के लिए भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं।
47. मुस्लिम महिलाओं के लिए "महर" का क्या महत्व है?
उत्तर:
महर एक निश्चित राशि है जिसे पति विवाह के समय पत्नी को देता है।
व्याख्या:
यह महिला का कानूनी अधिकार है, और इसे न देने पर महिला तलाक का दावा कर सकती है।
48. "गोसल" (goesl) क्या है?
उत्तर:
गोसल मुस्लिम समुदाय का वह अधिकार है जो महिला को अपने पति से तलाक के बाद प्राप्त होता है।
व्याख्या:
गोसल की शर्तों के अनुसार, महिला को अपने अधिकारों का संरक्षण मिलता है, जिसमें भरण-पोषण शामिल है।
49. "कस्टडी" (Custody) के मामले में किसे प्राथमिकता दी जाती है?
उत्तर:
- बच्चे की उम्र और सर्वोत्तम हित।
- माता-पिता की क्षमता और मानसिक स्थिति।
व्याख्या:
भारतीय कानून के अनुसार, कस्टडी का निर्णय बच्चे के सर्वोत्तम हित में किया जाता है। नाबालिग बच्चों को आमतौर पर मां की कस्टडी दी जाती है।
50. हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 में गोद लेने के अधिकार क्या हैं?
उत्तर:
- गोद लेने का अधिकार हिंदू परिवारों को दिया गया है।
- गोद लिया गया बच्चा पैतृक संपत्ति में समान अधिकार रखता है।
व्याख्या:
यह अधिनियम गोद लेने के नियमों और शर्तों को निर्धारित करता है, जिससे दत्तक माता-पिता और बच्चे के अधिकारों की रक्षा होती है।
51. "विधवाओं का पुनर्विवाह" भारतीय कानून के तहत क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
विधवाओं का पुनर्विवाह समाज में विधवा महिलाओं को सामाजिक स्वतंत्रता और सम्मान प्रदान करता है।
व्याख्या:
हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 ने विधवाओं के लिए पुनर्विवाह के अधिकार को कानूनी मान्यता दी।
52. मुस्लिम व्यक्तिगत कानून के तहत महिला को क्या अधिकार प्राप्त हैं?
उत्तर:
- महर।
- तलाक के अधिकार।
- संपत्ति का अधिकार।
व्याख्या:
मुस्लिम महिलाओं को अपनी संपत्ति पर अधिकार है, और उन्हें तलाक के बाद भरण-पोषण और महर की भी हकदार होती हैं।
53. हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत "पतन" के आधार पर तलाक का क्या अर्थ है?
उत्तर:
पतन का मतलब है किसी साथी का मानसिक या शारीरिक रूप से विकृत होना, जो विवाह को असंभव बना दे।
व्याख्या:
यदि कोई साथी मानसिक विकार से पीड़ित है, तो इसे तलाक का आधार माना जा सकता है।
54. क्या एक तलाकशुदा महिला अपने बच्चों की कस्टडी प्राप्त कर सकती है?
उत्तर:
हां, यदि अदालत यह तय करती है कि बच्चों का सर्वोत्तम हित उसके पास रहने में है।
व्याख्या:
भारत में तलाकशुदा महिला को बच्चे की कस्टडी मिल सकती है यदि अदालत यह मानती है कि उसका पालन-पोषण बेहतर ढंग से हो सकता है।
55. हिन्दू विवाह अधिनियम में "समान संपत्ति का अधिकार" किसे मिलता है?
उत्तर:
- पत्नी को पति की संपत्ति में समान अधिकार मिलता है।
- पुत्रियों को भी पैतृक संपत्ति में समान अधिकार मिलता है।
व्याख्या:
2005 में किए गए संशोधन के बाद, हिंदू महिला को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है।
56. क्या एक व्यक्ति को तलाक के बाद अपनी पत्नी को भरण-पोषण देने की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
हां, यदि पत्नी आर्थिक रूप से निर्भर है।
व्याख्या:
धारा 125, CrPC के तहत, अगर पत्नी वित्तीय रूप से सक्षम नहीं है, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार है।
57. "गोद लेने" के लिए हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में क्या शर्तें हैं?
उत्तर:
- गोद लिया जाने वाला बच्चा हिंदू होना चाहिए।
- गोद लेने वाला व्यक्ति विवाहित होना चाहिए।
व्याख्या:
इस कानून के तहत, केवल एक विवाहित व्यक्ति ही गोद ले सकता है, और बच्चे की उम्र 15 वर्ष से कम होनी चाहिए।
58. विशेष विवाह अधिनियम, 1954 में अंतरधार्मिक विवाह के लिए क्या प्रक्रिया है?
उत्तर:
- दोनों पक्षों को विवाह का नोटिस देना होगा।
- 30 दिन की प्रतीक्षा अवधि के बाद विवाह पंजीकरण होगा।
व्याख्या:
यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि दोनों पक्षों की स्वीकृति और कानून के तहत विवाह पूरी तरह से वैध हो।
59. "परिवार न्यायालय" का क्या कार्य है?
उत्तर:
परिवार न्यायालय का कार्य पारिवारिक विवादों का समाधान करना है, जैसे तलाक, भरण-पोषण, कस्टडी, आदि।
व्याख्या:
भारत में परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 के तहत पारिवारिक विवादों को शीघ्र निपटाने के लिए ये अदालतें स्थापित की गईं हैं।
60. "विधवा का पुनर्विवाह" किस कानून द्वारा नियंत्रित है?
उत्तर:
हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 द्वारा विधवा के पुनर्विवाह का अधिकार नियंत्रित है।
व्याख्या:
यह कानून विधवा महिलाओं के लिए समाज में एक सम्मानजनक जीवन जीने की संभावना प्रदान करता है।
यह 60 प्रश्नों का विस्तृत संकलन था। कुल मिलाकर, AIBE परीक्षा में पारिवारिक कानून से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
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