क्या सिर्फ अखबार में मात्र यह सूचना छपवाने से कि मैं अपना नाम बदल रहा हूं .नाम को परिवर्तित किया जा सकता है क्या?
कई बार जीवन में ऐसे हालात आते हैं जब हमें अपना नाम बदलने की जरूरत पड़ जाती है। कभी दस्तावेज़ों में नाम गलत लिखा जाता है, कभी शादी के बाद उपनाम बदलना होता है, या फिर किसी व्यक्तिगत कारण से नाम में बदलाव करना चाहते हैं। हालांकि, हमारे देश में नाम बदलने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है, लेकिन इसे सही तरीके से किया जाए तो यह आसान भी हो सकता है।
नाम बदलने की प्रक्रिया की जरूरत क्यों पड़ती है?
1. गलत नाम दर्ज हो जाना: →अक्सर सरकारी दस्तावेज़ों या प्रमाणपत्रों में नाम गलत लिख जाता है।
2. शादी या तलाक के बाद:→विवाह के बाद महिलाएं अपने उपनाम में बदलाव चाहती हैं, या तलाक के बाद पुराना उपनाम वापस लेना चाहती हैं।
3. धार्मिक या व्यक्तिगत कारण:→कभी-कभी लोग अपने धार्मिक विश्वासों या व्यक्तिगत कारणों से अपना नाम बदलना चाहते हैं।
4. सार्वजनिक पहचान:→कुछ लोग अपनी पहचान में बदलाव के लिए या करियर के लिए भी नाम बदलते हैं, जैसे अभिनेता या लेखक।
नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया→
भारत में कानूनी रूप से नाम बदलने के लिए गजट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया अनिवार्य होती है। यह एक सरकारी अधिसूचना होती है, जिसमें आपका नया और पुराना नाम प्रकाशित किया जाता है। गजट नोटिफिकेशन के बिना किसी भी सरकारी दस्तावेज़ में नाम नहीं बदला जा सकता।
नाम बदलने की प्रक्रिया में जरूरी दस्तावेज़→
1. शपथ पत्र (Affidavit): →
•सबसे पहला कदम है शपथ पत्र बनवाना। इसमें आपको यह बताना होता है कि आप अपना नाम क्यों बदल रहे हैं और आपका नया नाम क्या होगा। इसमें पुराने और नए नाम दोनों का स्पष्ट उल्लेख होता है।
•यह शपथ पत्र किसी नोटरी या शपथ आयुक्त के सामने तस्दीक करवाना होता है।
उदाहरण:→यदि किसी व्यक्ति का नाम "राजेश शर्मा" है और वह इसे "रवि वर्मा" करना चाहता है, तो शपथ पत्र में यह साफ लिखा जाएगा कि "राजेश शर्मा अब अपना नाम बदलकर रवि वर्मा रख रहे हैं।"
2. अखबार में जाहिर सूचना (Newspaper Advertisement):→
•नाम बदलने के लिए एक और आवश्यक कदम होता है कि आप एक प्रसिद्ध अखबार में नाम बदलने की घोषणा करें।
•आपको अपने पुराने और नए नाम की जानकारी देकर यह घोषणा करनी होती है कि आपने अपना नाम बदल लिया है।
उदाहरण:→राजेश शर्मा को अब "रवि वर्मा" नाम से पहचाना जाएगा। इस तरह की सूचना आपको अंग्रेजी और हिंदी में अखबार में देनी होगी।
3. पहचान पत्र (Identity Proof):→
• इसके बाद आपको अपने पहचान से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट इत्यादि।
•साथ में आपकी दो पासपोर्ट साइज फोटो भी आवेदन के साथ जमा करनी होती हैं। इन फोटोज़ के पीछे आपको हस्ताक्षर करके अपनी पहचान प्रमाणित करनी होती है।
4. आवेदन पत्र (Application Form):→
•आप नाम बदलने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। यह आवेदन पत्र सही ढंग से भरने के बाद, आपको इसे दिल्ली स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन में जमा करना होता है।
•इसके साथ ही, दो गवाहों के हस्ताक्षर भी आवेदन पत्र में होते हैं, जो आपके नाम बदलने की पुष्टि करते हैं।
गजट नोटिफिकेशन कैसे प्राप्त करें?
1. फीस का भुगतान: →
• नाम बदलने की प्रक्रिया में आपको गजट नोटिफिकेशन के लिए एक निश्चित फीस जमा करनी होती है। वर्तमान में यह फीस करीब ₹1100 होती है।
2. नोटिफिकेशन जारी होना: →
•जब आपका आवेदन और सभी दस्तावेज सही होते हैं, तो गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। यह नोटिफिकेशन ऑनलाइन ही वेबसाइट पर उपलब्ध होता है, जिसे आप डाउनलोड करके अपने पास रख सकते हैं।
उदाहरण:→यदि राजेश शर्मा का नाम "रवि वर्मा" के रूप में गजट में प्रकाशित हो गया, तो वह अब अपने सभी दस्तावेजों में इस नोटिफिकेशन का उपयोग करके नया नाम लिखवा सकता है।
गजट नोटिफिकेशन का महत्व:→
गजट नोटिफिकेशन के बाद आप अपने सभी सरकारी दस्तावेज़, जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट इत्यादि में अपना नया नाम दर्ज करवा सकते हैं। इसके बिना किसी भी सरकारी विभाग में नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
उदाहरण':→
मान लीजिए, एक महिला का नाम "सुरभि सिंह" है और शादी के बाद वह अपना नाम "सुरभि वर्मा" रखना चाहती है। इसके लिए वह शपथ पत्र बनवाएगी, अखबार में जाहिर सूचना देगी, और डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन में आवेदन करेगी। जब गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा, तब वह अपने सभी दस्तावेज़ों में नाम "सुरभि वर्मा" के रूप में बदलवा सकती है।
निष्कर्ष:→
नाम बदलने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल जरूर है, लेकिन अगर सही तरीके से इसे किया जाए, तो यह आसानी से पूरी हो सकती है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि गजट नोटिफिकेशन के बिना किसी भी सरकारी दस्तावेज़ में नाम नहीं बदला जा सकता। इसलिए, यदि आपको अपना नाम बदलने की जरूरत है, तो ऊपर दी गई प्रक्रिया का पालन करें और अपने नए नाम का उपयोग कानूनी रूप से कर सकें।
इस प्रक्रिया के सही तरीके से पालन के बाद, आप अपने जीवन में नाम से जुड़े किसी भी दस्तावेज़ी समस्या को हल कर सकते हैं।
नाम बदलने की प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर अगर प्रक्रिया को सही तरीके से नहीं अपनाया जाता है या दस्तावेजों में कोई त्रुटि हो जाती है। यहां हम कुछ आम समस्याओं को उदाहरण सहित समझते हैं:
1.दस्तावेजों में त्रुटि:→
कई बार नाम बदलने के दौरान शपथ पत्र, अखबार की घोषणा या गजट नोटिफिकेशन में गलत जानकारी दर्ज हो जाती है। यदि आपके नाम का गलत उच्चारण, गलत स्पेलिंग, या अन्य त्रुटियां रह जाती हैं, तो यह आपके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
उदाहरण:→मान लीजिए, राजेश शर्मा नाम के व्यक्ति ने अपना नाम "रवि वर्मा" करवाना चाहा, लेकिन गजट नोटिफिकेशन में गलती से "रवि शर्मा" छप गया। इससे उनकी सभी कानूनी प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी, और उन्हें फिर से शपथ पत्र और नोटिफिकेशन करवाना पड़ सकता है।
2.दस्तावेजों का गलत या अपूर्ण जमा होना:→
गजट नोटिफिकेशन के लिए आवेदन करते समय सभी जरूरी दस्तावेज सही रूप से संलग्न करना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर कोई दस्तावेज गायब हो या गलत रूप में जमा हो, तो आपका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
उदाहरण:→अगर सुरभि सिंह ने नाम बदलने के लिए शपथ पत्र और अखबार की घोषणा तो कर दी, लेकिन पहचान पत्र की फोटो कॉपी की जगह मूल प्रति नहीं लगाई, तो आवेदन खारिज हो सकता है और उसे फिर से पूरी प्रक्रिया दोहरानी पड़ेगी।
3.अखबार की सूचना का सही ढंग से प्रकाशित न होना:→
अखबार में नाम बदलने की घोषणा करना अनिवार्य होता है, लेकिन कभी-कभी लोग ऐसी घोषणा ऐसे छोटे अखबारों में कर देते हैं जिन्हें राज्य सरकार द्वारा मान्यता नहीं होती। इससे उनकी घोषणा वैध नहीं मानी जाती, और उन्हें पूरी प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ती है।
उदाहरण:→यदि "रवि वर्मा" नाम का व्यक्ति किसी छोटे और गैर-मान्यता प्राप्त अखबार में अपनी नाम बदलने की सूचना प्रकाशित करवा देता है, तो वह वैध नहीं मानी जाएगी। उसे पुनः बड़े और मान्यता प्राप्त अखबार में सूचना देनी होगी।
4.नाम बदलने के बाद दस्तावेजों में बदलाव की कठिनाई:→
नाम बदलने के बाद सभी दस्तावेजों में नाम बदलवाना एक लंबी और समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। खासकर यदि आपने कई जगहों पर अपना पुराना नाम पहले से दर्ज करवा रखा है, तो हर विभाग में जाकर अलग-अलग दस्तावेजों को संशोधित करवाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उदाहरण:→यदि सुरभि सिंह ने अपना नाम "सुरभि वर्मा" करवाया है, तो अब उसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट, प्रॉपर्टी पेपर्स, और अन्य सभी जगहों पर जाकर नाम बदलवाना होगा। अगर किसी भी दस्तावेज में त्रुटि रह जाती है, तो कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।
5.सरकारी विभागों में विलंब और भ्रष्टाचार:→
कई बार नाम बदलने की प्रक्रिया में सरकारी विभागों से दस्तावेजों में नाम परिवर्तन करवाने में देर हो जाती है। कुछ स्थानों पर भ्रष्टाचार की समस्या भी सामने आती है, जहां कुछ अधिकारी बिना रिश्वत लिए काम करने में देरी करते हैं या दस्तावेजों में त्रुटि उत्पन्न करते हैं।
उदाहरण:→मान लीजिए, "रवि वर्मा" ने नाम बदलने के बाद अपने बैंक अकाउंट और पासपोर्ट में नाम परिवर्तन के लिए आवेदन किया, लेकिन सरकारी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार या देरी के कारण उसे महीनों तक इंतजार करना पड़ा। इससे उसका विदेश यात्रा या अन्य महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो सकते हैं।
6.सभी जगह नाम बदलवाने में विफलता:→
यदि आपने किसी एक जगह पर नाम बदल लिया और बाकी जगहों पर नहीं, तो यह समस्या पैदा कर सकता है। खासकर सरकारी कागजात जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, और शिक्षा प्रमाणपत्र में एक नाम और बैंक अकाउंट में दूसरा नाम होना कानूनी परेशानी खड़ी कर सकता है।
उदाहरण:→"रवि वर्मा" ने बैंक में तो अपना नाम बदल लिया, लेकिन पासपोर्ट या आधार कार्ड में पुराना नाम "राजेश शर्मा" ही रह गया। इससे उनकी पहचान को लेकर भ्रम हो सकता है और कानूनी या वित्तीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
7.नाबालिग का नाम बदलने में समस्याएं:→
यदि नाबालिग का नाम बदला जा रहा है, तो सभी प्रक्रिया उसके अभिभावक द्वारा की जाती है। अगर अभिभावक से कोई गलती हो जाए या दस्तावेजों में कोई कमी रह जाए, तो आवेदन अस्वीकार हो सकता है। साथ ही, नाबालिग के नाम बदलने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी और जटिल हो सकती है।
उदाहरण:→यदि किसी माता-पिता ने अपने बच्चे का नाम "आरव" से "आर्यन" करना चाहा, और शपथ पत्र में माता-पिता के हस्ताक्षर सही से नहीं किए गए या जरूरी दस्तावेज नहीं लगाए गए, तो उनका आवेदन अस्वीकार हो जाएगा।
8.शैक्षिक प्रमाणपत्रों में बदलाव की कठिनाई:→
नाम बदलने के बाद शैक्षिक प्रमाणपत्रों में नाम बदलवाना काफी मुश्किल हो सकता है। कई विश्वविद्यालय और शैक्षिक संस्थान नाम बदलने के बाद प्रमाणपत्र में संशोधन करने से मना कर देते हैं, या फिर लंबी प्रक्रिया अपनाते हैं।
उदाहरण:→अगर किसी व्यक्ति ने "अंजलि शर्मा" से "अंजलि कपूर" नाम बदलवाया, तो उनके 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन के प्रमाणपत्रों में बदलाव करवाना मुश्किल हो सकता है। कई बार शैक्षिक संस्थान ऐसा करने के लिए कई अतिरिक्त दस्तावेज और शर्तें मांग सकते हैं।
निष्कर्ष:→
नाम बदलने की प्रक्रिया में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं, खासकर यदि आप इसे सही तरीके से नहीं करते हैं या किसी दस्तावेज में कोई त्रुटि होती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज सही ढंग से तैयार करें और गजट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक पूरा करें।
Comments
Post a Comment