किशोर अभियुक्त के विचारण के सम्बन्ध में एक आवेदन पत्र की Drafting करो। Drafting करते हुए उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा करो जोकि बहुत ही जरूरी हैं।
किशोरों के मामले में अधिकारिता से सम्बन्धित यदि आवेदन की Drafting करनी हो तो किन-किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिये। यदि वह अभियुक्त हिरासत में हो।
यदि हम Drafting की बात करते तो आप की Drafting सीधी और बहुत ही सरल भाषा में होना बहुत आवश्यक है जिससे मजिस्ट्रेट आप की बात को भलिभाँति पढकर ही समझ जाये। या कहे कि एक नजर में ही पूरा मामला क्या है उसको अवगत करना Drafting होती है। इस बात को हम एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
उदा०:- A नामक व्यक्ति को किसी ऐसे अपराध में पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है, जोकि मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डनीय नहीं है जो अपराध A द्वारा किया गया है उस तारीख को जब वह न्यायालय के समक्ष हाजिर हुआ या लाया गया सोलह वर्ष से कम है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा या किसी ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसे बालक अधिनियम, 1960 या किशोर अपराधियों के उपचार, प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिये उपबन्ध करने वाली तत्समय प्रवृत किसी अन्य विधि के अधीन विशेष रूप से सशक्त किया किया गया है।
किशोर अभियुक्त के लिये Drafting: →
किशोर न्याय अधिनियम, 2015: →
भारत में किशोरों से संबन्धित सभी अपराधिक मामलों को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत नियंत्रित किया जाता है। इस अधिनियम का उद्देश्य किशोर अपराधियों को सुधारने और पुनर्वास करने पर केंद्रित है, न कि केवल उन्हें दंडित करने पर ।
किशोर अभियुक्त के लिये ड्राफ्टिंग के प्रमुख बिन्दु →
यदि आप एक किशोर अभियुक्त के लिये ड्राफ्टिंग कर रहे हैं तो आपको निम्नलिखित बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिये: →
• किशोर की उम्र का प्रमाण :→ सबसे पहले यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि किशोर वास्तव में 16 वर्ष से कम उम्र का है। जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या अन्य आधिकारिक दस्तावेज इस उद्देश्य के लिये प्रयोग किये जा सकते हैं।
अपराध की प्रकृतिः → किशोर द्वारा किये गये अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखना आवश्यक है। कुछ अपराधों के लिये अधिक गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
• किशोर की पृष्ठभूमि : →किशोर की पारिवारिक पृष्ठभूमि। सामाजिक वातावरण और पिछले रिकॉर्ड को भी ध्यान में रखना चाहिये ।
• सुधारात्मक उपाय: → किशोर न्याय अधिनियम के तहत, किशोर अपराधियों के लिये विभिन्न प्रकार के सुधारात्मक उपाय उपलब्ध है। जैसे कि परामर्श शिक्षा और प्रशिक्षण ।
• बाल कल्याण समिति [chid [child welfare Committee-CWC]→ सभी मामलों में बाल कल्याण समिति को सूचित किया जाना चाहिये । CWC किशोर के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेने के लिये जिम्मेदार है।
ड्राफ्टिंग में क्या शामिल हो सकता है?
• अभियोग पत्र: → अभियोग पत्र में अपराध का विवरण, तारीख और स्थान शामिल होना चाहिये ।
साक्ष्य: → अभियोग पत्र में साक्ष्य का विवरण भी शामिल होना चाहिये।
• किशोर की गिरफ्तारी और हिरासत : →किशोर की गिरफ्तारी और हिरासत के बारे में विवरण भी शामिल किया जाना चाहिये ।
• किशोर के अधिकार : →किशोर के अधिकारों का उल्लेख किया जाना चाहिये, जैसे कि कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार और जमानत का अधिकार।
• सुधारात्मक उपायों का सुझाव :→ किशोर के लिये उपयुक्त सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया जाना चाहिये।
अतिरिक्त सुझाव: →
• समय सीमा का पालन करें: → किशोर न्याय अधिनियम में विभिन्न प्रकार की समय सीमायें निर्धारित की गयी हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
• किशोर के साथ सहानुभूति रखें: → किशोर के साथ सहानुभूति रखें और उसे समझने की कोशिश करें ।
• किशोर के माता-पिता या अभिभावकों को शामिल करें: → किशोर के माता-पिता या अभिभावकों को प्रक्रिया में शामिल करें।
किशोर अभियुक्त के विचारण के सम्बन्ध में आवेदन पत्र
[ अभियुक्त हिरासत में]
न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी महोदय, [जिला............. ]
अपराध संख्या :-
सरकार बनाम अभियुक्त
धारा ..............
थाना ................
जिला .…............
प्रार्थना पत्र में अभियुक्त [नाम ........] पुत्र ....... निवासी ........ थाना ........ तहसील ....... जिला .......... की ओर से निम्नलिखित निवेदन है।
1. यह कि आवेदन किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत प्रस्तुत किया जा रहा है। जिसमें अभियुक्त को थाना ......... की पुलिस द्वारा कल रात दिनांक ........... समय ........ गिरफ्तार कर आज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
२. यह कि आज तारीख 31/8/2024 को अभियुक्त की आयु स्कूल के जन्म प्रमाण-पत्र एवं नगर निगम के जन्म-मृत्यु रजिस्टर की प्रविष्टियों के अनुसार 16 वर्ष से कम है।
3. यह कि गिरफ्तारी के समय अभियुक्त द्वारा पुलिस वालों को उम्र के सम्बन्ध में बताये जाने पर यह कहा गया कि अपनी समस्त बातों को कल (अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में कहना।
4. अभियुक्त की आयु 16 वर्ष से कम है अतः इसे वयस्क न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। अस्तु माननीय न्यायालय को उसके अपराध के विचारण का कोई अधिकार नहीं है।
5. किशोर न्याय अधिनियम के तहत, अभियुक्त को विशेष किशोर पुलिस इकाई या बाल संरक्षण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिये।
6. अभियुक्त के सामाजिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट [social investigation Report ] तैयार की जाये।
7. अभियुक्त को उनके माता-पिता / अभिभावकों के साथ मिलवाया जाये।
8. अभियुक्त का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह [ विद्यालय ; कालेज किसी अन्य संस्थान] का नियमित छात्र है।
9. अभियुक्त के परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुवे और उसके पुनर्वास की संभावनाओं को देखते हुए यह न्यायालय से अनुरोध है कि अभियुक्त को तत्काल रिहा किया जाये और उसे सुधारात्मक सेवाओं में भेजा जाये।
10 अभियुक्त के अभिभावक / परिजन / कानूनी प्रतिनिधि के तौर पर मैं यह सुनिश्चित करता / करती हूँ कि अभियुक्त अदालत की सभी शर्तों का पालन करेगा और अदालत की आगामी तारीखों पर उपस्थित रहेगा।
प्रार्थना
अतः श्रीमान जी से विनम्र अनुरोध है कि अभियुक्त की आयु 16 वर्ष से कम होने के कारण उक्त प्रकरण को किशोर न्यायालय में स्थानांतरित करने की कृपा करें जो कि न्याय हित में आवश्यक है।
स्थान ............ अभियुक्त
द्वारा अधिवक्ता
दिनांक ............
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