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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

शपथपत्र की drafting कैसे करें?How to draft an affidavit?

न्यायालय श्रीमान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय

 मु०सं० सं० XXX/2023                     थाना......                                    ABCD आदि बनाम सरकार 


                     धारा 498 A, 304 B, 504 आई०पी सी व 3/4 डी ०पी० एक्ट 

               प्रति शपथपत्र मिनजानिब DCBA पुत्र ARDCA निवासी DABN रोड कस्बा BN थाना CN जिला GN निम्नलिखित है : →

     शपथकर्ता कसम खाता व हलफ से निम्नलिखित बमान करता है: 

[1] यह कि एफ० आई० आर० प्राम्ट है और हरगिज फर्जी नहीं फंसाना गया है।

 [२] यह कि अभियुक्तगण का एक्टिव रोल व पार्ट एसाइन है और अभियुक्तगण मुख्य अभियुक्त है। 

[३] यह कि शादी के कुछ दिनों बाद दहेज की मांग को लेकर अभियुक्तों द्वारा जघन्य घटना कि गयी है।

 [4.] यह कि मृतका द्वारा प्रताड़ना की सूचना दी जाती रही जिस पर शपथकर्ता के पक्ष द्वारा समझाने बुझाने का प्रयास किया गया किन्तु अभियुक्तगण निरंकुश व अत्याचारी है जिन्होने ने किसी तरह की रियायत न करके प्रति शपथकर्ता के पक्ष को भी गाली गलौज " किया जाता रहा।

[5.] यह कि रक्षा बन्धन में आने पर भी मृतका द्वारा परेशान व मांग करने की बात बतायी गयी जिससे स्पष्ट है कि लगातार अभियुक्तों द्वारा अत्याचार की पराकाष्टा पार कर दी गयी। 


[6] यह कि दहेज हत्या किये जाने के चारों अनिवार्य उपादान सुस्पष्ट है शादी के कुछ ही महीनों के बाद अभियुक्तों द्वारा जघन्य हत्या की गयी।

 [7] यह कि एलीगेसन हरगिज जनरल नेचर के नही है बल्कि सुस्पष्ट व सम्पुष्ट तथ्यों व साक्ष्य पर है। 


[8] यह कि विवेचक द्वारा दो मुल्जिमों को गलत आधारों पर सक्षिप्तता  से प्रथक करने का कुप्रयास किया गया है जिस सम्बन्ध में संज्ञान की स्टेज पर ही प्रतिशपथकर्ता आपत्ति प्रस्तुत करेगा। 

[9] यह कि अभियुक्तों मृतका  का  एडमिशन है कि अननेचुरल डेथ है जिससे भी जमानत के मुश्तहक नहीं है।


 [10] यह कि जमानत प्रार्थना पत्र सरासर गलत है और लोगों से फोन करने की बात का झूठा आरोप लगाया गया है और दहेज के लिये प्रताडित कर  दहेज हत्या का प्रकरण कारित किया गया है।


 [11] यह कि अभियुक्तगण बेहद कठोर व निर्दयी है उनके द्वारा गंभीर घटना की गयी है।

 [12] यह कि मृतका के इलाज के पर्चे फर्जी है और किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी नहीं है।


[13] यह कि अभियुक्तगण हरगिज जमानत के पात्र नहीं है।

 [14] यह कि एफ० आई० आर० चिकित्सीय साक्ष्य से समर्थित है।

 [15] यह कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अवलोकन से गंभीर दहेज हत्या का केश है। 

[16] यह कि दोनो अभियुक्तगण प्रमुख अपराधी है और जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त योग्य हैं।

 [17] यह कि प्रति शपथपत्र की धारा 1 लगायत 16 मेरे निजी ज्ञान में सही व सच है। 

स्थान 

दिनाक।                                       शपथकर्ता



Court Mr. First Additional Sessions Judge

  Mo. No. XXX/2023       Police Station...                  ABCD etc vs Government


 Section 498 A, 304 B, 504 IPC and 3/4 D.P. Act

                Copy of the affidavit Minzanib DCBA S/o ARDCA resident DABN Road Town BN Police Station CN District GN is as follows: →

      The deponent swears and makes the following statements:

 [1] That the FIR is prompt and no false implication has been made.

  [2] That the active role and part of the accused is assigned and the accused are the main accused.

 [3] That a few days after the marriage the heinous incident was committed by the accused for demanding dowry.

  [4.] That the deceased kept giving information about the torture on which the deponent's side tried to pacify them, but the accused are autocratic and tyrannical, who did not make any kind of concession and also abused the deponent's side.  Kept going.

 [5.] That even after coming under protection, the deceased was reported to have been harassed and demanding, which clearly shows that the extremes of torture were crossed by the accused continuously.



[6] It is clear that all the four essential ingredients of dowry death were committed and the heinous murder was committed by the accused within a few months of the marriage.

  [7] That the allegation is not at all of general nature but is based on clear and strong facts and evidence.


 [8] That a malicious attempt has been made by the investigator to separate the two accused briefly on wrong grounds, in this regard the counter-affidavit will present objection at the stage of cognizance.

 [9] That the accused have admitted that the deceased died of unnatural death, which also does not warrant bail.


  [10] That the bail application is completely wrong and a false allegation has been made about calling people and a case of dowry death has been committed by harassing people for dowry.


  [11] That the accused are very harsh and cruel and a serious incident has been committed by them.

  [12] That the prescriptions for the treatment of the deceased are fake and there is no serious illness of any kind.


 [13] That the accused are not eligible for bail at all.

  [14] That the FIR is supported by medical evidence.

  [15] That as per the post mortem report, it is a serious case of dowry death.

 [16] That both the accused are major criminals and the bail applications deserve to be rejected.

  [17] That Sections 1 to 16 of the counter affidavit are correct and true to the best of my personal knowledge.

 place

 Date.                                          APPLICANT


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