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warrant recall क्या होता है ?

warrant recall क्या होता है ?

वॉरंट रीकाॅल warrant recall: वारंट रीकॉल से तात्पर्य है अपने खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी किया गया गिरफ्तारी के आदेश को रद्द कराने की प्रक्रिया को warrant recall कहते हैं। 


       इसको हम आसान शब्दों में समझते हैं जब किसी व्यक्ति के खिलाफ अदालत द्वारा गिरफ्तारी का वारंट (Arrest warrant जारी किया जाता है, और बाद में वह व्यक्ति व्यक्ति अदालत में  हाजिर होकर यह निवेदन करता है कि उसे गिरफ्तार न किया जाये और वारंट को वापस ले लिया जाये। तो इस सम्पूर्ण process को warrant recall कहा जाता है। 


                    'भारतीय दण्ड संहिता की धारा 70 के अनुसार - न्यायालय द्वारा जारी किया गया warrant लिखित रूप में ऐसे पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होगा और उस पर न्यायालय की मुहर लगी होगी। और यह Warrant जब तक प्रवर्तन में रहेगा जब तक उसे जारी करने वाले न्यायालय द्वारा उसे रद्द नही किया जाता है या जब तक वह निष्पादित नहीं कर दिया जाता है।


       जब किसी अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो दौरान विचारण मुकदमा अभियुक्त की उपस्थिति अनिवार्य होती है। अभियुक्त की अनुपस्थिति में अभियुक्त का वकील द्वारा हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र न्यायालय में पेश किया जाता है। ऐसी स्थिति में न्यायालय द्वारा स्वीकार कर ने पर कोई बात या किसी प्रकार की कार्यवाही की स्थिति  नहीं होती है। लेकिन यदि न्यायालय हाजिरी माफी के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर देती है तो न्यायालय द्वारा पहले जमानती warrant इस पर भी अनुपस्थित होने पर गैर जमानती warrant जारी कर देती है। ऐसी स्थिति में उक्त न्यायालय जहाँ मामला विचाराधीन है। warrant अपदस्थ करने का आवेदन -पत्र प्रस्तुत किया जायेगा जिसमे वह warrant Recall. या दूसरी जमानत या जुर्माने से दण्डित कर सकता है। अतः ऐसी स्थिति के लिये तैयार हो कर ही न्यायालय  में अधिवक्ता को  आवेदन प्रस्तुत करना चाहिये।



 warrant क्यो जारी होता है? 

warrant जारी करने का अधिकार न्यायालय को होता है। warrant निम्नलिखित परिस्थितियों में न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है- 

[•] जब कोई व्यक्ति न्यायालय के समन के बाद भी न्यायालय में हाजिर नहीं होता है।

 [•] जब कोई अभियुक्त नियत वाद तारीख में न्यायालय में पेश नहीं होता है।


 [•] Police report और chargesheet में  उस व्यक्ति को आरोपी बनाया गया हो ।

 [.] Court को ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी न्यायिक प्रक्रिया से भाग सकता है। warrant Recall को उदाहरण के माध्धाम से समझे 1:



मान लीजिये एक व्यक्ति जिसका नाम राजू राम है। वह व्यक्ति किसी Case में आरोपी है। अदालत द्वारा उराको समन भेजा गया लेकिन वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ । ऐसी स्थिति में न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारण्ट जारी कर दिया। अब ऐसी स्थिति में राजू राम अदालत में पेश होकर यह कहता है कि वह कोर्ट की गरिमा का सम्मान करता है और आगे से हर तारीख पर हाजिर रहेगा तो वह एक अधिवक्ता के माध्यम से वारंट रीकॉल के लिये आवेदन कर सकता है। यदि न्यायालय संतुष्ट होती है तो warrant Recall (रद्द) कर सकती है।


 Warrant Recall के लिये आवेदन कैसे करें ? 

1. अधिवक्ता के माध्यम से एक आवेदन पत्र तैयार किया जाता है। जिसमें warrant Recall का निवेदन होता है। 

2. आवेदन के साथ कारण दर्शाया जाता है कि Warrant क्यों जारी हुआ और अब उसे क्यों रद्द किया जाना चाहिये।


 3. अभियुक्त स्वंय अदालत में उपस्थित होता है।


 ५. कोर्ट दोनों पक्षों की बात सुनकर निर्णय लेती है। इसको उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिये अनुराधा कृष्णन को एक घरेलू विवाद के मामले में IPC की धारा 498A के अन्तर्गत आरोपी बनाया गया । Court ने उसे Notice भेजा लेकिन वह किसी कारणवश समय पर पेश नहीं हो सकी। अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया । अब अनुराधा कृष्णनन ने
वकील के माध्यम से एक अर्जी लगाती  हैं कि वह Hospital में भर्ती थी और 'समन मिलने पर ध्यान नहीं दे सकी। उन्होंने  Court में पेश होकर warrant recall की याचिका लगायी । न्यायालय द्वारा सहानुभूति दिखाते हुये और सबूतों को देखकर गिरफ्तारी warrant रद्द कर दिया। 


Benifits of warrant  Recall→

• गिरफ्तारी से बचा सकता है। 

•न्यायालय का व्यक्ति पर विश्वास बना रहता है। 

•आरोपी अपनी बात न्यायालय में रख सकता है वो भी बिना जेल गये।

 when warrant Recall not allow :- 

•यदि आरोपी बार-बार कोर्ट में गैर हाजिर  रहता है।

• अगर आरोपी जानबूझकर भाग रहा हो या न्यायालय को गुमराह कर रहा हो। 

•गम्भीर अपराधों में न्यायालय सीधे Recall की अनुमति नहीं देता है।




 गैर- जमानती वारंट रद्ध (Recall) करने हेतु आवेदन -पत्र


 न्यायालय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी / सत्र न्यायाधीश महोदय       बांदा


 वाद संख्या- 


                     सरकार बनाम अभियुक्त



 अ०स०…...............           ‌।     ‌‌।                   थाना-...........

                                                                    धारा.............

प्रार्थना-पत्र अन्तर्गत धारा 70(2) गैर जमानती वारंट को रद्द करने हेतु आवेदन 


महोदय

 विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त वाद माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, जिसकी अगली तिथि सुनवाई हेतु दिनांक................. नियत है। 

1. यह कि उपरोक्त वाद वास्ते अभियोजन साक्ष्य एवं हाजिरी अभियुक्त दिनांक .............. निश्चित था। 


२. यह कि प्राथी अभियुक्त नियत तिथि पर जब न्यायालय पहुंचा तो वहाँ के बाबू ने कहा उसका प्रकरण अन्य अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है।


 ७. यह कि प्रार्थी अभियुक्त दिनभर सभी न्यायालयों में भटकता रहा, अपने मुकदमें की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से लेकिन उसे आवश्यक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।


 4. यह कि प्रार्थी अभियुक्त ने काफी भटकने के पश्चात अपने मुकदमों की पैरवी हेतु अधिवक्ता नियुक्त कर इस बात की जानकारी करना चाहा कि उसका मुकदमा किस न्यायालय में विचाराधीन है।


 5. यह कि अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थी अभियुक्त को आज जानकारी हुई  कि उसका मुकदमा माननीय न्यायालय में स्थानांतरित होकर आया है। जिसमें 10 दिन बाद कि तिथि.............. वास्ते हाजिर अभियुक्त निश्चित है।



८. यह कि प्रार्थी अभियुक्त ने इस प्रार्थना पत्र के साथ एक आवेदन पत्र भी शीघ्र सुनवाई हेतु प्रस्तुत किया है। 

        अतः माननीय न्यायालय में विनम्र अनुरोध है, कि अभियुक्त के खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करने की कृपा करें, जोकि न्यायहित में आवश्यक है। 


स्थान...........                      ‌।                  प्राथी...............

 दिनांक............. -                द्वारा अधिवक्ता- 





जूनियर वकीलों के लिये महत्वपूर्ण टिप्स :-


 1. आवेदन के साथ प्रमाण संलग्न करें. यदि गैर- हाजिरी का कारण बीमारी है तो मेडिकल रिपोर्ट , यात्रा है तो टिकट , मृत्यु है तो प्रमाण - जरुर सलग्न करें।.


 ३. अभियुक्त को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश करें:- यह कोर्ट की नजर में गभीरता और सम्मान दर्शाता है।

 ७ भाषा में सम्मान और सादगी रखे - अधिक कानूनी शब्दाजाल से बचे : भाव स्पष्ट होना चाहिये। 


4. अगर मामला गंभीर अपराध से जुड़ा है तो अग्रिम जमानत भी विचार करें।

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