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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

कौन गोद ले सकता है ? गोदनामे का एक प्रारूप तैयार कीजिए । ( Who can adopt ? Draft an adoption deed . )

 दत्तक ग्रहण एक ऐसी औपचारिक मान्यता है जिसके अधीन किसी एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की सन्तान मान लिया जाता है । यह प्रथा केवल हिन्दुओं में ही प्रचलित है । हिन्दू अनिवार्यताएँ है दत्तक ग्रहण तथा पोषण अधिनियम , 1956 के अन्तर्गत दत्तक ग्रहण सम्बन्धी निम्नलिखित  अनिवार्यताऐ है




 ( 1 ) हिन्दू पुरुष दत्तक ग्रहण करने की सामर्थ्य ( Capacity ) — दत्तक ग्रहण करने वाले व्यक्ति को दत्तक ग्रहण करने के लिए सक्षम ( capable ) होना चाहिए । कोई भी हिन्दू पुरुष जो स्वस्थ मस्तिष्क ( Sound mind ) का है तथा 18 वर्ष से कम उम्र का नहीं है किसी भी बालक को गोद ले सकता है । सक्षम विवाहित हिन्दू अपनी पत्नी की स्वीकृति से यदि उसके एक से अधिक पत्नी हैं तो सबकी  स्वीकृति से गोद ले सकता है । पत्नी की असहमति या किसी भी एक पत्नी की असहमति होने पर वह गोद नहीं ले सकता है क्योंकि पत्नी की सहमति के बिना लिया गया दत्तक शून्य है । उस पत्नी की सहमति लेना आवश्यक नहीं है जो 

 ( अ ) पूर्ण और अन्तिम रूप से संसार त्याग चुकी है ,

 ( ब ) हिन्दू नहीं रही है , या 

( स ) सक्षम अधिकारिता वाले न्यायलय द्वारा विकृत चित्त घोषित कर दी गई है । ( धारा 7 ) 

Adoption is such a formal recognition under which a person is considered as the child of another person.  This practice is prevalent only among Hindus.  Hindu essentials are the following requirements related to adoption under the Adoption and Maintenance Act, 1956




 (1) Capacity for Hindu male adoption — The person adopting should be capable of adoption.  Any Hindu male who is of sound mind and not less than 18 years of age can adopt any child.  A capable married Hindu can adopt with the consent of his wife, if he has more than one wife, with the consent of all.  He cannot adopt with the consent of the wife or any one of the wives, because the adoption without the consent of the wife is void.  It is not necessary to take the consent of the wife who

(a) has completely and finally renounced the world,


 (b) has ceased to be a Hindu, or


 (c) has been declared by a court of competent jurisdiction to be of unsound mind.  (Section 7)


( 2 ) हिन्दू स्त्री द्वारा दत्तक ग्रहण करने की सामर्थ्य ( Capacity ) — कोई भी ऐसी हिन्दू स्त्री किसी भी बालक को दत्तक ग्रहण करने की सामर्थ्य रखती है जो स्वस्थ्य  चित्त की हो तथा 18 वर्ष से कम आयु की तथा विवाहित न हो , यदि वह विवाहित हो तो उसका विवाह विघटित कर दिया गया हो या रद्द किया जा चुका होगा जिसका पति मर चुका हो या और अतिम रूप से ससार का त्याग कर दिया हो या वह हिन्दू न रह गया हो या सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय ने उसे विकृत चित्त का घोषित कर दिया हो । 


( 3 ) दत्तक देने के लिए सक्षम व्यक्ति प्राचीन हिन्दू विधि में दत्तक को देने की क्षमता केवल पिता और माता को ही थी , अन्य कोई व्यक्ति दत्तक देने की क्षमता नहीं रखता था । अब हिन्दू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम के अन्तर्गत पिता , माता और संरक्षक बालक या बालिका को गोद देने की क्षमता रखते हैं । धारा 9 के अनुसार सन्तान के माता या पिता या संरक्षक के सिवाय कोई व्यक्ति सन्तान को दत्तक देने की सामर्थ्य नहीं रखेगा । यदि कोई संरक्षक किसी बालक को दत्तक ग्रहण में देना चाहता है तो ऐसा न्यायालय की पूर्ण स्वीकृति से ही करना चाहिये ।


     माँ अपनी सन्तान को उसी दशा में दत्तक ग्रहण में दे सकती है जबकि उस बालक के पिता की मृत्यु हो चुकी हो या उसने पूर्णतया तथा अन्तिम रूप से संसार त्याग दिया हो , या उसे समर्थ क्षेत्राधिकार के द्वारा विकृत चित्त घोषित कर दिया गया हो । 

(2) Capacity of a Hindu woman to adopt - Any such Hindu woman has the capacity to adopt any child who is of sound mind and below 18 years of age and is not married, if she  married, her marriage has been dissolved or annulled whose husband is dead or has finally renounced the world or has ceased to be a Hindu or has been declared by a court of competent jurisdiction to be of unsound mind  Have done



 (3) Persons capable of giving adoption In ancient Hindu law, only father and mother had the ability to give adoption, no other person had the ability to give adoption.  Now under the Hindu Adoption and Maintenance Act, the father, mother and guardian have the capacity to adopt a boy or a girl child.  According to section 9, no person except the mother or father or guardian of the child shall have the capacity to give the child in adoption.  If a guardian wants to give a child for adoption, then it should be done only with the full approval of the court.



 A mother can give her child for adoption only if the father of that child is dead or has completely and finally renounced the world, or has been declared by a competent jurisdiction to be of unsound mind.


( 4 ) वे व्यक्ति जिनका दत्तक ग्रहण किया जा सकता है किसी भी व्यक्ति का दशक प्रदन , उस समय तक नहीं किया जा सकता है , जब तक कि निम्नलिखित शतों का पालन न किया गया हो अर्थात्


( अ ) वह ( बालक अथवा बालिका ) हिन्दू हो 

( ब ) उस ( बालक अथवा बालिका ) का पहले से ही दत्तक ग्रहण न किया गया हो


 ( स ) वह बालक अथवा बालिका विवाहित न हो , यह प्रतिबन्ध उस दावा में लागू नहीं होगा , जबकि पक्षकारों के यहाँ ऐसी प्रथा तथा रीति का प्रचलन हो , जिसके अनुसार विवाहित बालक तथा बालिकाओं का दत्तक ग्रहण किया जा सकता है ।


 ( द ) उस ( बालक अथवा बालिका ) ने 15 वर्ष की आयु न पूरी कर ली हो , यह प्रतिबन्ध उस दशा में लागू न होगा जबकि पक्षकारों के यहाँ ऐसे प्रथा तथा रीति का प्रचलन हो , जिसके अनुसार अधिक आयु के व्यक्तियों का दत्तक ग्रहण किया जा सकता है । ( धारा 10 )

(4) Persons who may be adopted No person shall be adopted unless the following conditions are fulfilled, namely:



 (a) he (boy or girl) is a Hindu


 (b) he (child or child) has not already been adopted;



 (c) That boy or girl is not married, this restriction shall not apply in that claim, when the parties have such practice and custom, according to which married boys and girls can be adopted.



 (d) he (boy or girl) has not completed the age of 15 years, this restriction shall not apply in case the parties have such practice and custom, according to which persons of older age are adopted  May go .  (Section 10)



 वैघ दत्तक ग्रहण की अन्य शर्ते- प्रत्येक दत्तक ग्रहण में निम्नलिखित शर्तों का अवश्य पालन किया जाना चाहिए-


 ( i ) यदि पुत्र का दत्तक ग्रहण होना है तो दत्तक लेने वाले पिता या माता का जिसके द्वारा दत्तक लिया जाए , कोई हिन्दू पुत्र का , या पुत्र या पुत्र के पुत्र का ( चाहे औरस रक्त नातेदारी से या दत्तक से ) दत्तक ग्रहण के समय जीवित न हो , 


( ii ) यदि पुत्री का दत्तक है तो दत्तक लेने वाले पिता या माता की , जिनके द्वारा दत्तक लिया जाए , कोई हिन्दू पुत्री या पुत्र की ( चाहे औरस रक्त नातेदारी से हो या दत्तक से ) दत्तक ग्रहण के समय जीवित न हो ।



 ( iii ) यदि पुरुष को दत्तक ग्रहण करना है और दत्तक ग्रहण किये जाने वाला व्यक्ति स्त्री है तो दत्तक ग्रहीता पिता को दत्तक किये जाने वाले व्यक्ति से आयु कम से कम 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए ।


 ( iv ) यदि स्त्री को दत्तक ग्रहण करना है और दत्तक ग्रहण किये जाने वाला व्यक्ति पुरुष है तो दत्तक ग्रहीता माता को दत्तक ग्रहण किय जाने वाले व्यक्ति से आयु में कम से कम 21 वर्ष से अधिक होना चाहिए ।


 ( v ) वही सन्तान एक साथ दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा दत्तक ग्रहण नहीं की जा सकती ।


 ( vi ) सम्बन्धित माता - पिता अथवा अभिभावकों या उनके अधिकार के अधीन दशक ग्रहण वाली सन्तान को वास्तविक रूप से दिया जाना अथवा प्राप्त किया जाना चाहिए जिससे वह अभिप्राय प्रतीत हो कि वह ( स्त्री या पुरुष ) अपने जन्म वाले परिवार से अपने ( स्त्री या पुरुष ) दत्तक ग्रहण करने वाले परिवार को हस्तान्तरित ले गया / गयी है , किन्तु वैध दत्तक ग्रहण की वैधता के लिए दत्त होम होना आवश्यक नहीं है । 


दत्तक ग्रहण से सम्बन्धित रजिस्ट्री कृत दस्तावेजों के सम्बन्ध में अवधारणा  := हिंदु दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम , 1950 सम्बन्धी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेजों के सम्बन्ध में उपधारण सम्बन्धी प्रावधान किये गये हैं जो निम्नलिखित है

Other conditions of valid adoption- The following conditions must be followed in every adoption-



 (i) if a son is to be adopted, the adoptive father or mother by whom the adoption is made, of a Hindu son, or of a son or son's son (whether by blood or by adoption) at the time of adoption  don't survive



 (ii) If the adoption is of a daughter, the adoptive father or mother from whom the adoption is made should not have any Hindu daughter or son (whether by blood or by adoption) living at the time of the adoption.




 (iii) If the adoption is a male and the person to be adopted is a female, then the adoptive father should be at least 21 years older than the person to be adopted.



 (iv) If a woman is to be adopted and the person to be adopted is a male, then the adoptive mother should be at least 21 years older than the person to be adopted.



 (v) The same child cannot be adopted by two or more persons simultaneously.



 (vi) that the adopted child must be actually given or received by the parents or guardians concerned or under their authority in such a way as to make it appear that he (male or female) has taken away his (female or male) from the family of his birth;  Male) has been transferred to the adoptive family, but it is not necessary to have an adoptive home for the validity of a valid adoption.



 Concept in relation to the registered documents related to adoption := In relation to the registered documents related to the Hindu Adoption and Maintenance Act, 1950, provisions related to presumption have been made which are as follows


 ( 1 ) जब कभी किसी तत्समय प्रवृत्त विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत ऐसा कोई दस् जिनकी बावत यह प्रकटत : अभिप्रेत है कि यह किये गये दत्तक ग्रहण का अभिलेख है और वह दत्तक द्वारा बालक को देने और लेने वाले व्यक्ति द्वारा हस्तान्तरित है किसी न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए तब न्यायालय यह उपधारणा करेगी कि जब तक और यदि दत्तक ग्रहण असिद्ध कर दिया जाये वह इस अधिनियम के उपबन्धों के अनुवर्तन में किया गया है । 


( 2 ) 6 जनवरी , 1977 के प्रथम दिवस को या उसके पश्चात् किसी दत्तक की दशा में उत्तर प्रदेश में कोई भी न्यायालय अपत्य ( Child बालक ) को दत्तक लेने और देने के सबूत में ऐसी दस्तावेज के सिवाय जिसमें दत्तक अभिलिखित हो और जो अपत्य को दत्तक देने वाले व्यक्ति या  लेने वाले व्यक्ति द्वारा हस्तान्तरित हो और तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत हो ,कोई साक्ष्य स्वीकार नहीं करेगा ।

  गोद पत्र ' अथवा ' गोद लेने के अधिकार पत्र ' दोनों पर स्टाम्प एक्ट की अनुसूची 1 - बी केअनुच्छेद 3 के अनुसार ₹ 50 का स्टाम्प लगता है । '

(1) Whenever a document registered under any law for the time being in force and purporting to be a record of an adoption made and transferred by the person giving and taking the child by the adoptee, is produced before any court  is made, the Court shall presume that the adoption has been made in pursuance of the provisions of this Act, unless and until it is disproved.



 (2) In the case of an adoption on or after the 6th day of January, 1977, no court in Uttar Pradesh shall accept, in evidence of the adoption and delivery of a child, except a document recording the adoption and which the child  Transferred by the person giving adoption or the person taking the adoption and registered under any law for the time being in force, shall not admit any evidence.


 According to Section 3 of Schedule 1-B of the Stamp Act, a stamp of ₹ 50 is levied on both 'Adoption Letter' or 'Adoption Letter'.  ,


 हिन्दू पुरुष द्वारा किये गये दत्तक ग्रहण की विलेख

 दत्तक ग्रहण के इस लेख का निष्पादन वर्ष 2023....... .के .......दिन अ .... आयु .. .वर्ष . .के सुपुत्र .. .. ..के निवासी ( जिसे आगे चलकर ' दत्तकग्रहीता पिता ' कहा गया है ) और जो एक पक्षकार है तथा ब , आयु वर्ष .... के ... सुपुत्र ..निवासी , ( जिसे आगे ' प्राकृतिक पिता ' कहा गया है और पक्षकार है ) के मध्य हुआ है ।



  चूँकि ' अ ' के कोई प्राकृतिक पुत्र नहीं है और उसकी यह इच्छा है कि उसका वंश चलता रहे तथा उसको उसके पितरों का पिण्ड दान होता रहे ।


 अतः उक्त इच्छा की पूर्ति के लिए ' अ'ने ' ख ' पुत्र ' ब ' जिसकी कि आयु .... वर्ष है आज की तारीख में गोद लिया और उक्त ' अ ' यह घोषित करता है कि उक्त ' ब ' ने उक्त ' ख ' को उक्त ' अ ' को गोद दिया और उक्त ' अ ' ने ' ख ' को गोद में ग्रहण किया । 



इस लेख द्वारा यह भी घोषित किया जाता है कि उक्त दत्तक पुत्र में दत्तक ग्रहण के पश्चात् दत्तक ग्रहीता पिता ने उसका ..... उसके नाम से नामकरण किया है और उक्त दत्तक पुत्र न अपने प्राकृतिक माता पिता के परिवार के अधिकार तथा दायित्वों से अपने सभी सम्बन्ध तोड़ दिये है तथा उसने दत्तक ग्रहीता माता - पिता के परिवार के सभी अधिकारों को प्राप्त कर लिया और उस परिवार के दायित्वों को प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वाले पुत्र ( Natural born son ) के रूप में पूरा करेगा । लेख्य के प्रमाण में उक्त ' अ ' व ' ब ने अपने हस्ताक्षर आज की तारीख में ... ..बनायें । 


साक्षीगण -    
                                                                      हस्ताक्षर . ......ब
                                        
                                                                     हस्ताक्षर ..........अ

1.....................                                            

2....................               
    


Deed of adoption by a Hindu male


 Execution of this Writ of Adoption on the ...... day of the year 2023 at the age of yrs.  .. son of .. .. resident of .. .. (hereinafter referred to as the 'adoptive father') and who is a party and B, aged .  natural father' and is a party).




 Since 'A' has no natural son and it is his desire that his lineage should continue and he should be given the body of his forefathers.



 Therefore, in fulfillment of the said desire, 'A' has, on this date, adopted 'B', the son of 'B' aged ....years and the said 'A' declares that the said 'B' has  B' gave adoption to the said 'A' and the said 'A' adopted 'B'.




 It is also declared by this article that after adoption in the said adopted son, the adoptive father has christened him with the name of .....  He has severed all his relations and he has acquired all the rights of the family of the adoptive parents and will fulfill the obligations of that family as a natural born son.  In witness of the writing, the said 'A' and 'B' have put their signatures on this day of .....



 Witnesses -

 1.....................                                                      Signature..........a

 2.................                                                            Signature. ......B



                                                                    


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