मकान सम्पत्ति से आशय ( Meaning of House Property )
आयकर अधिनियम की धारा 22 के अनुसार , " मकान - सम्पत्ति से आय शीर्षक में करदाता के स्वामित्व वाले मकानों अथवा उनसे लगी जमीनों के वार्षिक मूल्य पर आयकर लगता है , किन्तु इस सम्पत्ति के ऐसे भागों को छोड़ दिया जाता है जिन्हें वह स्वयं के द्वारा संचालित किसी ऐसे व्यापार अथवा पेशे के लिए प्रयुक्त करता है जिसके लाभों पर आयकर लगता है । "
मकान सम्पत्ति पर आयकर ( Income Tax on House Property )
कोई भी आय मकान शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य ठहरायी जा सकती है । जबकि वह धारा 22 के अन्तर्गत दी गयी शर्तों को पूरी करती हैं , धारा 22 में निम्न शर्तें दी गई है :-
( 1 ) मकान अथवा उनसे लगी जमीनों से आय ( Income from building or lands attached there to ) - आयकर अधिनियम की धारा 22 के अन्तर्गत ऐसी भूमि से होने वाली आय पर कर लगेगा जो कि मकान से जुड़ी हुई हो या मकान से लगी हो । आयकर अधिनियम में मकान की परिभाषा नहीं दी गई है , किन्तु विभिन्न न्यायालयों के निर्णयों में मकान को परिभाषित किया गया है । सामान्यतया मकान का आशय दीवारों से घिरी जगह से है , भले ही दीवारें मिट्टी की हों । आयकर उद्देश्यों के लिये मकान या भवन शब्द का अर्थ ऐसी रचना से होता है जिसका कोई वार्षिक मूल्य हो , दुकानें इत्यादि । जहाँ एक मकान सम्पत्ति भारत में स्थित हो अथवा विदेश में , दोनों ही दशा में इस शीर्षक की आय पर आयकर देना होगा । कोई स्टॉल ( Stall ) जो जमीन से स्थाई रूप से लगी है , मकान सम्पत्ति के अन्तर्गत आयेगी ।
यदि किसी खाली जमीन से आय प्राप्त होती है , तो उस आय पर " गृह सम्पत्ति ” शीर्ष के अधीन कर नहीं लगाया जायेगा क्योंकि वहाँ कोई भवन नहीं है । तथापि इस प्रकार की आय पर मामलों के तथ्यों के आधार पर " अन्य स्रोतों से आय " अथवा " कारोबार से आय " शीर्ष के अधीन कर लगाया जायेगा ।
यदि कोई मकान सम्पत्ति किसी करदाता के पास स्कन्ध ( Store in trade ) की भाँति रखी है ( जब करदाता मकान सम्पत्तियों का क्रय - विक्रय करता है अथवा मकानों को किराये पर उठाने का व्यापार करता है ) तो भी मकान सम्पत्ति से प्राप्त आय इसी शीर्षक में कर योग्य होगी , व्यापार अथवा पेशे के शीर्षक में नहीं ।
Meaning of House Property
According to section 22 of the Income Tax Act, "Income from house property is chargeable to income-tax on the annual value of houses owned by the assessee or lands appurtenant thereto, but excluding such parts of this property as are operated by him." is used for any business or profession the profits of which are chargeable to income-tax."
Income Tax on House Property
Any income can be declared taxable under the head house. When it satisfies the conditions laid down under section 22, the following conditions have been laid down in section 22 :-
(1) Income from building or lands attached thereto - Under section 22 of the Income Tax Act, income from land attached to or attached to the house will be taxed. The definition of house has not been given in the Income Tax Act, but the house has been defined in the judgments of various courts. Generally, the meaning of the house is the place surrounded by the walls, even if the walls are made of mud. The term house or building for income tax purposes means any structure having an annual value, shops, etc. Where a house property is situated in India or in a foreign country, in either case the income from this title is liable to income-tax. Any stall which is attached to the ground permanently will come under house property.
If income is derived from a vacant land, that income will not be charged to tax under the head "House property" as there is no building. However, such income may be charged to tax under the head "Income from other sources" depending on the facts of the cases. or be charged to tax under the head "Income from business".
If a house property is kept with a tax payer as a store in trade (when the tax payer buys and sells house properties or does the business of taking houses on rent), then also the income received from the house property is under this head. shall be taxable, not in the title of business or profession.
( 2 ) करदाता उस मकान सम्पत्ति का स्वामी हो ( Assessee should be the owner of the Property ) - मकान सम्पत्ति से आय शीर्षक के अन्तर्गत आवश्यक है कि करदाता मकान सम्पत्ति का स्वामी हो , अर्थात् कर निर्धारण का आधार केवल सम्पत्ति का स्वामित्व है । स्वामित्व से आशय वैधानिक स्वामित्व से है , लाभदायक स्वामित्व से नहीं । स्वामी वह व्यक्ति होता है जो स्वयं ही अपनी ओर से स्वामित्व के अधिकार का प्रयोग कर सकता है । राजा पी . सी . लाल चौधरी बनाम सी . आई . टी के वाद में न्यायालय द्वारा यह अभिमत व्यक्त किया गया है कि यदि न्यायालय ने किसी सम्पत्ति का प्रबन्ध करने के लिये कोई प्रापक नियुक्त होता है तो ऐसे मापक को स्वामी मानकर उस पर कर निर्धारण नहीं किया जा सकता । इस प्रकार स्पष्ट होता है कि सम्पत्ति का स्वामित्व होने पर ही सम्पत्ति की आय पर कर दायित्व उत्पन्न होता है ।
(2) The assessee should be the owner of the house property - Under the heading income from house property, it is necessary that the assessee should be the owner of the house property, that is, the basis of assessment of tax is the ownership of the property only. Ownership refers to legal ownership, not beneficial ownership. An owner is a person who can exercise the right of ownership on his own behalf. Raja P. C . Lal Chowdhary Vs. I . In T's suit, the court has expressed the opinion that if the court appoints a receiver to manage any property, then such measurer cannot be assessed as the owner. Thus, it is clear that the tax liability arises on the income of the property only when the property is owned.
( 3 ) वार्षिक मूल्य ( Annual Value ) - मकान सम्पत्ति से आय शीर्षक के अन्तर्गत कर उस आय पर लगाया जाता है जो उस सम्पत्ति का वार्षिक मूल्य है । वार्षिक मूल्य उस अनुमानित किराये को कहते हैं जिस पर सम्पत्ति को उचित रूप से अनुमानित किराया ही वार्षिक मूल्य होता है । इस प्रकार मकान सम्पत्ति से आय की गणना वार्षिक मूल्य पर आधारित होती है । वार्षिक मूल्य से आशय उस राशि से है , जिस पर सम्बन्धित मकान सम्पत्ति को वर्ष प्रतिवर्ष उचित रूप उचित रुप से किराये पर उठाया जा सकता है । यदि किरायेदार ने किराया नहीं दिया है तो भी वार्षिक मूल्य को गणना करेंगे तथा आयकर दायित्व निकालेंगे ।
( 4 ) सम्पत्ति को स्वामी अपने किसी व्यापार अथवा पेशे के लिये प्रयोग न करता हो-
यदि करदाता अपनी सम्पत्ति को अपने किसी व्यापार अथवा पेशे के लिये प्रयोग में लाता है । तो ऐसे प्रयोग से होने वाली आय मकान सम्पत्ति से आय शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य नहीं होगी । साथ ही यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि उसके इस व्यापार अथवा पेशे को कर योग्य आये निकालने के लिये उस मकान का अनुमानित किराया खर्चे के रूप में स्वीकृत नहीं किया जायेगा । यहाँ पर यह ध्यान देना आवश्यक है कि- ( i ) व्यापार या पेशा मकान सम्पत्ति के स्वामी का ही हो । ( ii ) व्यापार एवं पेशे के लाभों पर आयकर लगता हो , अर्थात् यह ' व्यापार या पेशा ' आयकर के करदाता हो।
मकान सम्पत्ति की आय के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य - मकान - सम्पत्ति शीर्षक में कर - निर्धारण के लिये कुछ निम्न महत्वपूर्ण तथ्यों पर ध्यान देना आवश्यक है
(3) Annual Value - Under the head income from house property, tax is levied on that income which is the annual value of that property. Annual value is called the estimated rent on which the proper estimated rent of the property is the annual value. Thus, the calculation of income from house property is based on the annual value. Annual value refers to the amount on which the related house property can be taken on reasonable rent year after year. Even if the tenant has not paid the rent, the annual value will be calculated and income tax liability will be calculated.
(4) The property is not used by the owner for any of his trade or profession-
If the taxpayer uses his property for any of his business or profession. then the income from such use will not be taxable under the head income from house property. Along with this, it should also be kept in mind that the estimated rent of that house will not be accepted as an expense for extracting taxable income from this business or profession. Here it is necessary to note that-
(i) The business or profession should be of the owner of the house property.
(ii) The profits of business or profession are chargeable to income-tax, that is, this 'business or profession' is liable to income-tax.
Some important facts regarding the income of house property - It is necessary to pay attention to some of the following important facts for tax assessment in the house property title
( 1 ) जब सम्पत्ति के दो या दो से अधिक स्वामी हों यदि किसी सम्पत्ति के दो या दो से अधिक स्वामी है और उस सम्पत्ति में उनका प्रत्येक भाग ( Share ) निश्चित एवं ज्ञात है तो प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से को अलग - अलग कर निर्धारण किया जायेगा ( धारा 22 ) यदि सम्पत्ति संयुक्त रूप से प्रयुक्त , प्रबन्धित एवं निर्मित और विकसित है तथा उसकी आय का वितरण नहीं किया जाता तो भी यदि प्रत्येक स्वामी का हिस्सा निश्चित एवं ज्ञात है तो प्रत्येक हिस्सेदार का अलग - अलग कर निर्धारण किया जायेगा । ( अब्दुल रहमान बनाम सी . आई . टी . ( 1944 ) प्रत्येक व्यक्ति का हिस्सा एक अलग इकाई माना जायेगा और उसके वार्षिक मूल्य का निर्धारण एक अलग इकाई की ही भाँति होगा ।
( 2 ) विदेश स्थित मकान सम्पत्ति से आय - यदि किसी व्यक्ति का मकान विदेश में स्थित है तथा वह मकान किराये पर उठा हुआ है और उससे मकान मालिक को किराया मिल रहा है तो ऐसा किराया इस शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य होगा । परन्तु केवल ' भारत में निवासियों ' को ही ऐसी सम्पत्ति की आय पर कर देना पड़ता है । असाधारण निवासी एवं अनिवासी उक्त आय पर कर नहीं देते जब तक कि वह आय भारत में प्राप्त न हो । यदि विदेश में स्थित मकान सम्पत्ति की आयभारत में कर योग्य है तो उसका वार्षिक मूल्य भी उसी प्रकार निर्धारित होगा जैसे कि वह सम्पत्ति भारत में स्थित हो ।
( 3 ) विवादास्पद स्वामित्व - जहाँ किसी सम्पत्ति के स्वामित्व का विवाद न्यायालय में चल रहा है तो इस कारण उस मकान सम्पत्ति पर आयकर की कार्यवाही नहीं रोकी जायेगी और आयकर अधिकारी या निर्णय होने के लिये अधिकृत है कि उस मकान का स्वामी कौन है । सामान्यतः जो व्यक्ति उस मकान पर कब्जा किये हुए हैं तथा उस मकान से किराया प्राप्त कर रहा है अथवा उस मकान में निवास कर रहा है तो आयकर अधिकारी आयकर के लिये उसे ही मकान का स्वामी मान लेगा ।
( 4 ) मकान - सम्पत्ति से आय जो ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' अथवा ' अन्य मामलों से आय ' शीर्षक में कर योग्य है - मकान सम्पत्ति शीर्षक के अन्तर्गत निम्नलिखित कुछ ( Income ) ऐसी है जो इस शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य न होकर अन्य शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य होती है ।
(1) When there are two or more owners of a property, if there are two or more owners of a property and each of their shares in that property is fixed and known, then the share of each person is determined separately. (Section 22) If the property is jointly used, managed and constructed and developed and its income is not distributed, even if the share of each owner is fixed and known, then each sharer will be assessed separately. (Abdul Rahman v. C.I.T. (1944)) The share of each person shall be treated as a separate unit and its annual value shall be determined as that of a separate unit.
(2) Income from house property situated abroad - If a person's house is situated abroad and that house is taken on rent and the landlord is getting rent from it, then such rent will be taxable under this head. But only 'residents in India' are liable to tax on the income of such property. Extraordinary residents and non-residents do not pay tax on the said income unless that income is received in India. If the income from house property situated abroad is taxable in India, then its annual value shall also be determined in the same manner as if the property were situated in India.
(3) Disputed Ownership - Where the dispute of the ownership of a property is going on in the court, then the income tax proceedings on that house property will not be stopped and the Income Tax Officer is authorized to decide who is the owner of that house. Generally, the person who is occupying that house and is receiving rent from that house or is residing in that house, then the Income Tax Officer will consider him as the owner of the house for the purpose of income tax.
(4) Income from house property which is taxable under the head 'Income from business or profession' or 'Income from other matters' - Under the head house property the following are some (income) which are not taxable under this head Taxable under other heads.
( 1 ) करदाता के कर्मचारियों को किराये पर उठाई गई मकान सम्पत्ति से प्राप्त आय - यदि कर्मचारियों का सम्पत्ति किराये पर देना व्यापार के लिए आवश्यक तथा लाभदायक है तो कर्मचारियों से प्राप्त ऐसा किराया ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' शीर्षक में कर योग्य होगी ।
( 2 ) केवल जमीन किराये पर उठाने से प्राप्त आय ' अन्य साधनों से आय ' शीर्षक में कर योग्य होगी ।
( 3 ) अस्वामी द्वारा मकान सम्पत्ति को पुनः किराये पर उठाने से होने वाली आय भी मकान सम्पत्ति शीर्षक में नहीं बल्कि ' अन्य साधनों से आय ' शीर्ष से ही कर योग्य होती है ।
( 4 ) वह मकान सम्पत्ति जो मशीनरों , फर्नीचर आदि के साथ किराये पर उठाई गई है तथा सम्पत्ति की किरायेदारी को मशीनरी , फर्नीचर आदि से पृथक् नहीं किया जा सकता ; जैसे सिनेमा , फैक्ट्री , होटल आदि इनकी आय ' अन्य साधनों से आय ' शीर्षक में कर योग्य होगी ।
(1) Income from house property let out to the employees of the assessee - If the letting out of the property to the employees is necessary and profitable for the business, such rent from the employees shall be taxable under the head 'Income from business or profession'.
(2) Income from letting out of land only shall be chargeable to tax under the head 'Income from other sources'.
(3) Income from re-letting of house property by the owner is also taxable under the head 'Income from other sources' and not under the head 'house property'.
(4) The house property which is taken on rent along with machinery, furniture etc. and the tenancy of the property cannot be severed from the machinery, furniture etc.; Such as cinema, factory, hotel etc. their income will be taxable under the head 'Income from other sources'.
निम्नलिखित मामलों में सम्पत्ति से होने वाली आय पर कर नहीं लगाया जाता है ।
( I ) फार्म हाउस (FORMHOUSE) - किसी किसान अथवा ऐसी भूमि का किराया / राजस्व प्राप्त करने वाले के स्वामित्वाधीन अथवा अपने अधिभोग वाले किसी भवन में से होने वाली आय , बशर्ते भवन कृषि भूमि के बिल्कुल नजदीक हो और उसका उपयोग किसी रिहायशी मकान अथवा भण्डारघर - हाउस के रूप में किया जा रहा हो ।
( 2 ) कल्याणकारी प्रयोजकों के लिए धारित सम्पत्ति
( 3 ) अपने कारोबार / कृषि के लिए प्रयुक्त सम्पत्ति ।
( 4 ) अपने अधिभोग में रखा गया मकान ।
( 5 ) पंजीकृत ट्रेड यूनियन / स्थानीय प्राधिकरण की सम्पत्ति
( 6 ) वस्तु के भण्डारण संसाधन अथवा विपणन की सुविधा के लिए गोदाम अथवा मकान के किराये से प्राप्त आय
( 7 ) किसी पूर्व शासक के कब्जे में महल के वार्षिक मूल्य को कर से छूट दी जायेगी ।
( 8 ) पूर्णतया धार्मिक एवं पुण्यार्थ उद्देश्यों के लिए स्थापित ट्रस्ट के स्वामित्व वाली मकान सम्पत्ति से आय धारा 11 ( 1 ) ( a ) के अन्तर्गत पूर्णत : कर - मुक्त होती है ।
( 9 ) ' राजनीतिक पार्टी ' के स्वामित्व वाली मकान सम्पत्ति की आय धारा 13 A के अन्तर्गत पूर्णत : कर मुक्त है ।
( 10 ) स्वयं के व्यापार अथवा पेशे में प्रयुक्त मकान सम्पत्ति से आय भी इस शीर्षक में कर योग्य नहीं होगी । ( धारा 22 )
( 11 ) कर दाता का एक रहने का मकान ( Self occupied property ) से आय की धारा 23 ( 2 ) के अन्तर्गत पूर्णत : कर मुक्त होती है ।
( 12 ) करदाता के स्वामित्व में उसके निवास के लिए प्रयुक्त मकान जिसे , करदाता किसी अन्य स्थान पर सेवा या कारोबार करने के कारण रहने के लिए प्रयुक्त न रह सका और न उससे कोई अन्य लाभ प्राप्त न कर सका , धारा 23 ( 2 ) के अन्तर्गत कर मुक्त है ।
Income from property is not taxed in the following cases.
(I) FORMHOUSE - Income from any building owned or occupied by a farmer or the recipient of rent/revenue of such land, provided the building is adjacent to the agricultural land and is used as a residential house or It is being done in the form of a warehouse-house.
(2) Property held for charitable purposes
(3) Property used for his business / agriculture.
(4) House kept in his occupation.
(5) Property of registered trade union/local authority
(6) Income received from the rental of warehouse or house for the facility of storage, processing or marketing of goods.
(7) The annual value of a palace in the possession of a former ruler shall be exempt from tax.
(8) Income from house property owned by a trust established solely for religious and charitable purposes is completely tax-free under section 11 (1) (a).
(9) Income from house property owned by 'political party' is completely tax free under section 13A.
(10) Income from house property used in own business or profession will also not be taxable under this head. (Section 22)
(11) Income from self occupied property of the tax payer is completely tax free under section 23(2).
(12) A house owned by an assessee used for his residence, which the assessee could not continue to use for residence or derive any benefit from it due to service or business at any other place, under section 23(2). Tax free included.
आंशिक कर मुक्त आयें ( Party Exampt Incomes ) - मकान सम्पत्ति से प्राप्त निम्न आयें यद्यपि करदाता की सकल कुल आय में जोड़ी जाती हैं किन्तु उन पर आयकर नहीं लगता
( i ) एक सहकारी समिति की उस मकान सम्पत्ति से आय जो उसे वस्तुओं के संग्रहण , प्रसंकरण या विपणन में सहायता देने के लिए गोदामों या भण्डार गृहों को किराये पर उठाने में हुई । ( धारा 80P ( 2 ) ) ( e )
( ii ) एक सहकारी समिति की मकान सम्पत्ति से आय , बशर्ते कि समिति के सकल कुल आय ₹ 20,000 से अधिक नहीं है तथा यह समिति गृह निर्माण समिति नगर उपभोक्ता समिति , यातायात व्यापार संचालित करने वाली समिति अथवा उपभोक्ता व्यापार संचालित करने वाली समिति नहीं है । ( धारा 80P . ( 8 ) ( F )
Partial Tax Exempt Incomes (Party Exempt Incomes) - The following incomes from house property are added to the gross total income of the taxpayer but are not taxed
(i) income of a co-operative society from house property which is derived from the hiring of godowns or storehouses to assist it in the collection, processing or marketing of goods. (Section 80P(2))(e)
(ii) income from house property of a co-operative society, provided that the gross total income of the society does not exceed ₹ 20,000 and the society is not a house building society, a city consumer society, a society operating a transport business or a society operating a consumer business; . (Section 80P.(8)(F))
Comments
Post a Comment