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भारत में दहेज हत्या में क्या सजा का प्रावधान है ? विस्तार से चर्चा करो।

लोक सेवक कौन होते हैं ?इसमें और सरकारी सेवक या कर्मचारी में क्या अंतर होता है?( define the word public servant and point out the difference between IT and the government servant.)

लोक सेवक(Public Servant): भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अंतर्गत निम्नलिखित श्रेणियों के सभी व्यक्ति लोक सेवक (Public servant ) हैं


(1) भारत की स्थल, जल और वायु सेना का प्रत्येक कमीशन प्राप्त अधिकारी।

(2) प्रत्येक न्यायाधीश जिसमें वह शक्ति भी सम्मिलित है जिसको चाहे वह स्वयं अथवा मनुष्यों के समूह के सदस्यों की हैसियत से किसी न्याय निर्णय उनके कर्तव्यों के पालन कराने का अधिकार है।


(3) न्यायालय का प्रत्येक ऐसा पदाधिकारी जिसका उस पद के कारण यह कर्तव्य हो कि वह किसी तथ्य विधि के मामले पर अनुसंधान और रिपोर्ट प्रस्तुत करें अथवा किसी दस्तावेज को रखें या किसी न्यायिक क्रिया को कार्यान्वित करें या उसकी व्याख्या करें।


(4) जूरी का प्रत्येक सदस्य(jury man) असेसर (Assessor) या पंचायत का कोई अधिकारी जो न्यायालय की सहायता कर रहा हो या लोक सेवक।

(5) प्रत्येक मध्यस्थ(Arbitrator) जिसे न्यायालय द्वारा कोई मामला निर्णय करने के लिए प्रतिवेदित करने के लिए निर्देशित किया गया हो।


(6) प्रत्येक व्यक्ति जो ऐसा पद धारण किए हो जिसके कारण वह किसी अन्य व्यक्ति को बंद कर सके या उसके वंदीकरण करा सके।


(7) सरकार का प्रत्येक पदाधिकारी जो कि कार्यरत हो सरकार से वेतन प्राप्त करता हो या किसी लोक कर्तव्य के पालन में फीस या कमीशन प्राप्ति  द्वारा पारिश्रमिक प्राप्त करता है।


(8) सरकार की सेवा में प्रत्येक पदाधिकारी जो कि कार्यरत हो या सरकार से वेतन प्राप्त करता हो या किसी लोक कर्तव्य के पालन के लिए फीस  या कमीशन प्राप्ति द्वारा पारिश्रमिक प्राप्त करता हो।


(9) प्रत्येक पदाधिकारी जिसका उस पद के कारण यह कर्तव्य हो कि वह सरकार की ओर से किसी ग्राम नगर या जिले में किसी लौकिक सामान्य कार्य(Secular common purposes) के लिए संपत्ति ग्रहण करें प्राप्त करें रखे व्यय करे शुल्क लगाएं अथवा कर लगाएं।


(10) प्रत्येक व्यक्ति जो अपने पद के कारण निर्वाचन नामावली तैयार रखने प्रकाशित करने बनाए रखने और पुनः निरीक्षण करने का अधिकार रखता हो अथवा निर्वाचन का संचालन कराने का अधिकारी।


(11) प्रत्येक व्यक्ति जो सरकार से वेतन लेता हो या सेवा में हो यह सेवा में हो या सार्वजनिक कार्य के लिए फीस कमीशन प्राप्त करता हो या किसी स्थानीय निकाय या निकाय जो किसी केंद्रीय या राज्य  सरकार द्वारा किसी  अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया हो कि सेवा में हो या वेतन  पाता हो या कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 617 द्वारा परिभाषित किसी सरकारी कंपनी की सेवा में हो या वेतन पाता हो।


उदाहरण 1: नगर पालिका आयुक्त लोक सेवक हैं।

स्पष्टीकरण 1: ऊपर के वर्णनों में आने वाले व्यक्ति लोक सेवक हैं वे चाहे सरकार द्वारा नियुक्त किए गए या नहीं।


स्पष्टीकरण 2: जहां कहीं लोग सेवक शब्द आए हैं उस ही व्यक्ति के संबंध में समझे जाएंगे जो सेवक के पद को वास्तव में धारण किए हुए हैं चाहे उस पद को धारण करने के उसके अधिकार में कैसी भी विधिक त्रुटि  हो।


स्पष्टीकरण 3: निर्वाचन शब्द ऐसे किसी विधायी , नगर पालिका या अन्य लोक प्राधिकारी के नाते चाहे वह कैसे ही स्वरूप का हो सदस्यों के वरणार्थ निर्वाचन का द्योतक है जिसके लिए वरण करने की पद्धति किसी विधि के द्वारा या अधिन निर्वाचन के रूप में विहित की गई हो।


निम्नलिखित व्यक्तियों को लोकसेवक माना गया है-

(1) अध्यापक जिसे सरकार से वेतन मिलता है।


(2) रेलवे कर्मचारी

(3) नगर पालिका द्वारा नियुक्त बिल संग्रह कर्ता(Bill collector)।


(4) नगर पालिका की प्रबंध समिति का अध्यक्ष


(5) कुर्क अमीन


(6) औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 11(क) के अंतर्गत श्रम आयुक्त या समझौता अधिकारी


(7) सरपंच


(8) रजिस्ट्रीकृत सहकारी समिति का कर्मचारी अथवा उसकी कार्यपालिका समिति का सदस्य।


यूनियन ऑफ इंडिया बनाम अशोक कुमार के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय बैंक के कर्मचारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अर्थ में लोक सेवक माना गया है और यह अभिनिर्धारित किया गया है कि बैंक कर्मचारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं अन्य आरोपों का विचारण विशेष न्यायालय द्वारा किया जा सकता है।



गुलाम रब्बानी बनाम असम राज्य के बाद में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने यह अभी निर्धारित किया कि राज्य भण्डागारण निगम का शाखा प्रबंधक  संहिता की धारा 12(क) एक के अधीन लोक सेवक नहीं है  अतः उसके द्वारा निगम को सदोष हानि पहुंचाने के लिए उसके अभियोजन के लिए सरकार से मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। भण्डागारण निगम एक कानूनी निकाय नहीं है क्योंकि इसे कानून के द्वारा नहीं बनाया गया था। यह एक निगमित निकाय है क्योंकि इसे कानून के उपबन्धों के अनुसार नियमों की विरचना द्वारा बनाया गया है।

सरकारी कर्मचारी और लोकसेवक में अंतर(Difference between Government servant and public servant ): लोक सेवक की उपयुक्त परिभाषा का विश्लेषण करने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि लोक सेवक पद का संबंध किसी सार्वजनिक कार्य के संपादन से है जिसको करने वाले अधिकृत व्यक्ति का सरकारी कर्मचारी होना आवश्यक नहीं है। अतः  लोक सेवक के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह सरकार द्वारा वेतन प्राप्त करें।


        सरकारी कर्मचारी के लिए आवश्यक है कि निर्धारित नियमों और उपबंधों  और सेवा शर्तों के अनुसार अपने पद पर कार्य करें और सरकार के कोष से वेतन ले परंतु लोकसेवक के लिए कुछ भी आवश्यक नहीं है।

जूरी(jury) या असेसर (Assessor) या मध्यस्थ (Arbitrator) यद्यपि लोक कार्य करते हैं परंतु वे सरकारी नहीं होते।


      लोक सेवक(Public servant ) की परिभाषा में सिविल कर्मचारी नहीं आते जो प्रतिनियुक्ति (Debulation) पर सरकारी समिति में कार्यरत हैं।


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