( 1) responsibility (दायित्व): - कंपनी के अंश धारियों का सदैव सीमित दायित्व रहता है एवं कंपनी द्वारा लिए गए ऋणों से उनका किसी प्रकार का संबंध नहीं रहता है, लेकिन साझेदारी फर्म में प्रत्येक साझेदार पर उस फर्म द्वारा लिए गए ऋणों के दायित्व का पूरी जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से रहती है. इसका आशय यह है कि फार्म का ऋण दाता उस फर्म के प्रत्येक साझेदार का ऋण दाता होता है. इसलिए वह चाहे तो अपना संपूर्ण कर्ज एक ही साझेदार से वसूल कर सकता है.
( 2) contract (अनुबंध): - कंपनी के अंश धारी सदस्य अपनी कंपनी से अनुबंध कर सकते हैं परंतु साझेदार अपनी फर्म से किसी प्रकार का अनुबंध नहीं कर सकते हैं.
( 3) अस्तित्व: - कंपनी को वैधानिक व्यक्तित्व प्राप्त होने का कारण उसका अस्तित्व उसके सदस्यों से पूरी तरह पृथक होता है लेकिन साझेदारी फर्म का सदस्यों से अलग व्यक्तित्व नहीं होता है.
( 4) विनियोजन: - कंपनी को वैधानिक व्यक्तित्व प्राप्त होने के कारण वह अपनी संपत्ति का विनियोग स्वयं के नाम से कर सकता है परंतु साझेदारी फर्म की संपत्ति उसके सभी साझेदारों की संयुक्त संपत्ति होती है अतः वह अपने नाम से संपत्ति का विनियोग नहीं कर सकती.
( 5) अंतरण: - कंपनी के अंश धारियों (shareholders) द्वारा धारण किए गए अंततरणी होने के कारण किसी भी समय बेचे जा सकते हैं, परंतु साझेदारी फर्म का साझेदार अन्य साझेदारों की अनुमति के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी साझेदारी अंतरित नहीं कर सकता और ना उसे फार्म का साझेदार (partner) बना सकता है.
Differences between private company and public company ( निजी कंपनी एवं साजन कंपनी में अंतर)
Private company (प्राइवेट कंपनी)
( 1) एक प्राइवेट कंपनी में सदस्यों की न्यूनतम संख्या 2 तथा अधिकतम संख्या 200 है. इसमें कर्मचारी सदस्य शामिल नहीं है.
( 2) प्राइवेट कंपनी अपने अंश ऋण पत्रों के लेने के लिए जनता को आमंत्रित नहीं कर सकती है.
( 3) कंपनी के पार्षद सीमा नियम पर कम से कम 2 व्यक्तियों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है.
( 4) अंश द्वारा सीमित प्राइवेट कंपनी में पार्षद अंतर नियमन बनाना आवश्यक है.
( 5) यह कंपनी प्रविवरण निर्गमित नहीं कर सकती.
( 6) एक कंपनी के अंश यदि कोई हो के हस्तांतरण पर प्रतिबंध होता है.
( 7) इसमें कम से कम 2 संचालक अवश्य होने चाहिए.
( 8) इसमें पारी से अवकाश ग्रहण करना संचालकों के लिए आवश्यक नहीं है.
Public company ( पब्लिक कंपनी)
( 1) public company कंपनी में सदस्यों की न्यूनतम संख्या 7 है अधिकतम संख्या के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है.
( 2) कंपनी अंश तथा ऋण पत्रों के लिए जनता को आमंत्रित कर सकती है.
( 3) कंपनी के पार्षद सीमा नियमन पर कम से कम 7 व्यक्तियों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है.
( 4) अंश द्वारा सीमित पब्लिक कंपनी में पार्षद अंतर नियम बनाना आवश्यक नहीं है. वह तालिका ऐप अपना
( 5) कंपनी के लिए प्रा विवरण (prospectus) निर्गमित करना आवश्यक है.
( 6) इसके अंशों को हस्तांतरित किया जा सकता है.
( 7) इसमें कम से कम 3 संचालक अवश्य होने चाहिए.
( 8) इस कंपनी के दो तिहाई संचालक अवश्य ही पारी से अवकाश ग्रहण करते हैं.
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