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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

गिरफ्तारी संबंधी उन प्रावधानों का वर्णन कीजिए जहां पुलिस किसी व्यक्तिगत गिरफ्तारी के वारंट के बिना गिरफ्तार कर सकती है? Discuss the provisions under CrPC where the police can arrest a person without warrant?

क्या मजिस्ट्रेट किसी अपराधी को स्वयं गिरफ्तार कर सकता है? पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को बिना वारंट के Cr.P.C. मे किन उपबन्धो के अंतर्गत गिरफ्तार कर सकता है?


दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 44 मजिस्ट्रेट को किसी अपराधी को स्वयं गिरफ्तार करने का उपबंध करता है . धारा44 में मजिस्ट्रेट शब्द के अंतर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट सम्मिलित हैं धारा 44 में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट को विशेष रूप से अधिकृत किया गया है.

             धारा44(1) के अनुसार कार्यपालक मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट या तो अपराधी को स्वयं गिरफ्तार कर सकते हैं या किसी अन्य व्यक्ति को उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दे सकते हैं

           उक्त मजिस्ट्रेट ऐसा आदेश तभी दे सकता है जब अपराधी ने अपराध उसकी उपस्थिति में या उसकी स्थानीय अधिकारिता के अंतर्गत किया हो.

         कार्यपालक एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी ऐसे व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दे सकता है जिसकी गिरफ्तारी के लिए वह गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए प्राधिकृत या सक्षम है धारा 44 के अंतर्गत की जाने वाली गिरफ्तारी की कार्रवाई एक प्रशासकीय तथा न्यायिक कार्य है।


सैलजानंद पांडे बनाम सुरेश चंद्र गुप्ता ए आई आर 1969 पटना 1947 के वाद में धारित हुआ कि कानूनी कार्रवाई के लंबित रहने की दशा में गिरफ्तारी की इस शक्ति धारा 44 के अंतर्गत का प्रयोग किया जा सकता है।


      धारा 4 4 के अंतर्गत कार्यपालक या न्यायिक मजिस्ट्रेट ओं को गिरफ्तारी संबंधी शक्ति का प्रयोग अपनी स्थानीय अधिकारिता के भीतर किया जा सकता है.


         धारा 44 विदित होता है कि मजिस्ट्रेट के समक्ष भले ही कोई अपराध न किया गया हो किंतु यदि वह मजिस्ट्रेट किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए सक्षम है तथा ऐसा व्यक्ति उसके समक्ष उपस्थित भी है तो वह ऐसे व्यक्ति को या तो स्वयं गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तारी के लिए किसी अन्य व्यक्ति को निर्देशित कर सकता है.


संहिता में वारंट  के बिना पुलिस अधिकारी के गिरफ्तार करने की शक्ति: - संहिता के अंतर्गत पुलिस अधिकारी विभिन्न उपबन्धों के अंतर्गत किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है संहिता के अंतर्गत निम्नलिखित उपबंधों  के अधीन पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकता है

( 1) धारा 41 के अंतर्गत उपबंध प्रावधानों के अनुसार

( 2) धारा 42 के अंतर्गत नाम और निवास बताने से इनकार करने पर

( 3) धारा 43 (2) एवं 43 (3) के अंतर्गत

( 4) धारा 123 (6) के अंतर्गत

( 5) धारा 151 संज्ञेय  अपराधों का किया जाना रोकने के लिए गिरफ्तारी

( 6) धारा 432 खंड (3) के अंतर्गत शर्तों के रद्दीकरण पर।

( 7) धारा 438 खंड (1) के परंतुक के अनुसार 


        संहिता के अतिरिक्त अन्य प्रमुख विधियों में भी पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है।

      यहां पुलिस अधिकारी से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो पुलिस बल का सदस्य और पुलिस अधिनियम 1861 से प्रसारित होता है 7 पुलिस अधिकारी में प्रत्येक पुलिस आता है जैसे मुख्य आरक्षी ,आरक्षी आदि।


          उपरोक्त प्रश्नों में धारा 41,42, एवं43 चर्चा किया गया है अतः हम यहां  उप बंधुओं की व्याख्या करेंगे.....

धारा 123 खंड(6) अंतर्गत किसी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति

यदि कोई शर्त जिस पर ऐसा कोई व्यक्ति उन मोचित किया गया है धारा 117 के अधीन किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किसी आदेश के मामले में जिला मजिस्ट्रेट अथवा किसी अन्य मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की राय में जिस ने उन मोचन का आदेश दिया था या उसके उत्तर भर्ती की राय में पूरी नहीं की गई है तो वह उस आदेश को रद्द कर सकता है.


              जब उन मोचन का शासनादेश धारा 123 उप धारा(5) के अधीन रद्द कर दिया जाता है तब ऐसा व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी द्वारा वारंट  के बिना गिरफ्तार किया जा सकता है।


धारा 151 के अंतर्गत संज्ञेय अपराधों का किया जाना रोकने के लिए गिरफ्तारी

कोई पुलिस अधिकारी जिसे किसी संगे अपराध करने की परिकल्पना का पता है ऐसी पर क्लिक करना करने वाले व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के आदेशों के बिना और वारंट के बिना उस दशा में गिरफ्तार कर सकता है जिसमें ऐसे अधिकारी को प्रतीत होता है कि उस अपराध का किया जाना अन्यथा नहीं रोका जा सकता है।


धारा 432 खंड(3) के अंतर्गत शर्तों के रद्दी करण पर बिना वारंट के पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी करने की शक्ति

           यदि कोई शर्त जिस पर डंडा देश का निलंबन या परिहार किया गया है समुचित सरकार की राय में पूरी नहीं हुई तो समझे सरकार निलंबन या परिहार को रद्द कर सकती है और तब यदि वह व्यक्ति जिसके पक्ष में डंडा देश या निलंबन या परिहार किया गया है या मुक्त है तो वह किसी पुलिस अधिकारी द्वारा वारंट के बिना गिरफ्तार किया जा सकता है।


धारा 438 खंड(1) के परंतुक के अनुसार: - परंतु किया है कि जहां यथास्थिति उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय ने इस धारा के अधीन कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है या अग्रिम जमानत मंजूर करने के लिए आवेदन को अस्वीकार कर दिया है वहां किसी पुलिस थाने का भार साधक अधिकारी इस बात के लिए मुक्त रहेगा कि ऐसे आवेदन में आशंकित अभियोग के आधार पर आवेदन को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सके.

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