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भारतीय जेलों में जाति आधारित भेदभाव: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला और इसके प्रभाव

एक आदर्श अधिवक्ता के गुण: The qualities of Ideal lawyer

विधि व्यवसाय अर्थात वकालत का व्यवसाय एक बौद्धिक एवं नेता व्यवसाय माना जाता है. न्याय प्रशासन में अधिवक्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है लेकिन यह तभी संभव है जब कि अधिवक्ता अपने व्यवसाय में सफल रहे इस व्यवसाय में सफलता के लिए अधिवक्ता का सभी दृष्टि से कुशल एवं निपुण होना आवश्यक है.


( 1) ईमानदारी (honesty): - अधिवक्ता का पहला गुण यह है कि वह अपने व्यवसाय के प्रति पूर्ण रूप से ईमानदार रहे ईमानदारी केवल व्यवसाय के प्रति नहीं वरन न्यायालयों  तथा पक्षकारों के प्रति भी होना आवश्यक है।

( 2) साहस (Courage): - अधिवक्ताओं को न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अदम्य साहस होना चाहिए वह अपने पक्ष को निडरता एवं निर्भीकता से प्रस्तुत करें साहसी अधिवक्ता ही विधि व्यवसाय में सफलता की सीढ़ियां तय कर सकता है।

( 3) परिश्रम (Deligence): - अधिवक्ता को अपने मामले के संबंध में बहुत परिश्रम करना पड़ता है वह जितना अधिक परिश्रम करेगा उसे उतना अधिक सफलता प्राप्त होगी विधि व्यवसाय में अधिवक्ताओं को वाद तथा परिवाद तैयार करने से लेकर निर्णय तक अनेक स्तरों से गुजर ना होता है हर स्तर पर उसके ज्ञान की परीक्षा होती है अतः परिश्रम द्वारा ही वह सफलता प्राप्त कर सकता है.

( 4) वाक् चातुर्य (Sweet Speaking ): - एक सफल अधिवक्ता के लिए यह आवश्यक है कि उसकी वाणी में चातुर्य हो और था जिसमें समय के अनुकूल बोलने की क्षमता हो न्यायालय में कटु भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

( 5) सरल स्वभाव (Easy Attitude ): - अधिवक्ता को अपने स्वभाव से हमेशा क्षमता का परिचय देना चाहिए न्यायालय में उसका न्यायोचित होना चाहिए उसे कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए.

( 6) विधिक ज्ञान (sound legal  knowledge ): - अधिवक्ता की सफलता का सबसे बड़ा कारण विधिक ज्ञान है उसे कानून का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए. कानून देश काल और परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तनशील है समय-समय पर कानून बदलता रहता है विभिन्न न्यायिक निर्णय भी आते रहते हैं इसलिए अधिवक्ता को चाहिए कि वह नवीनतम कानूनी न्यायिक निर्णय उसे परिचित रहे तथा समय पर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें.

( 7) अभिव्यक्ति की कला (Art of good expression): - अधिवक्ता में किसी बात को अभिव्यक्त करने की चतुर्थ होनी चाहिए किसी बात को जितनी सुंदर भाषा और प्रभावी रूप से कहा जाए वह उतनी ही सार्थक होगी इसके लिए आवश्यक है कि वह अधिवक्ता का भाषा पर पूर्ण अधिकार और उसकी अभिव्यक्ति का तरीका कलात्मक हो.

            इस प्रकार विधि व्यवसाय में सफलता के लिए अधिवक्ता को उपरोक्त सभी बातों पर ध्यान देना अति आवश्यक है.



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