हत्या के मुकदमे में एक वकील द्वारा दिया गया मेडिकल ब्योरा अक्सर महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में होता है, जो घटना की परिस्थितियों को स्पष्ट करने में मदद करता है। कानूनी भाषा में, वकील द्वारा चिकित्सा साक्ष्य प्रस्तुत करते समय कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है, जो मुकदमे की दिशा को निर्धारित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में चिकित्सा विशेषज्ञों की गवाही, शव परीक्षण (पोस्टमॉर्टम) रिपोर्ट, घायल या मृतक व्यक्ति के शरीर पर पाए गए घावों और चिकित्सा निष्कर्षों की व्याख्या की जाती है। आइए इसे विस्तार से समझें: → 1. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की समीक्षा: → वकील पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की विस्तार से समीक्षा करता है। यह रिपोर्ट हत्या के कारणों और तरीकों की जानकारी प्रदान करती है, जैसे: → •मृत्यु का कारण: → वकील यह बताता है कि शरीर पर कौन-कौन से घाव या चोटें पाई गई हैं, जो मौत का कारण बनीं। •मृत्यु का समय:→ चिकित्सा साक्ष्य यह तय करने में मदद करता है कि मौत कब हुई, जो आरोपी की उपस्थिति या अनुपस्थिति का निर्धारण कर सकता है। •घावों की प्रकृति:→ वकील बताता है कि घाव कैसे बनाए गए थे,
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