आईपीसी की धारा 366 और बीएनएस की धारा 87: महिलाओं और जबरन शादी के लिए अपहरण का कानून→ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 366 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 87 उन अपराधों पर केंद्रित हैं, जहां किसी महिला का अपहरण या बहलाकर ले जाना उसकी जबरन शादी करने या किसी अन्य अनैतिक उद्देश्य के लिए किया जाता है। यह धारा महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आईपीसी की धारा 366 क्या है? आईपीसी की धारा 366 महिलाओं के अपहरण या उन्हें जबरन किसी अनुचित गतिविधि के लिए ले जाने को अपराध मानती है। महत्वपूर्ण बिंदु:→ अपराध का स्वरूप:→ यह धारा तब लागू होती है, जब किसी महिला को उसकी सहमति के बिना या धोखा देकर इस उद्देश्य से ले जाया जाता है कि:→ •उसकी जबरन शादी कराई जाएगी। •उसका यौन शोषण या अन्य अनैतिक कामों में इस्तेमाल किया जाएगा। सजा का प्रावधान:→ दोषी को 10 साल तक का कठोर कारावास और जुर्माना हो सकता है। महिला की उम्र:→ इस धारा के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को शामिल किया गया है। इरादे का महत्व:→ अपराध साबित करने के लिए यह दिखाना जरूरी है कि महिला...
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