🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚 🏠 रेंट एग्रीमेंट (किरायानामा): सम्पूर्ण जानकारी, नियम, उदाहरण और केस लॉ सहित 🔹 भूमिका (Introduction) जब भी कोई व्यक्ति अपना मकान या दुकान किराए पर देता है या लेता है, तो अक्सर दोनों पक्षों के बीच “किरायानामा” यानी Rent Agreement बनाया जाता है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो मकान मालिक (Landlord) और किरायेदार (Tenant) के बीच के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है। रेंट एग्रीमेंट यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को कानून की सुरक्षा मिल सके। बिना किरायानामा के, कई बार विवादों का समाधान कठिन हो जाता है, जैसे — किराया बढ़ाना, मकान खाली कराना, या मरम्मत का खर्च आदि। 🔹 रेंट एग्रीमेंट क्या है? (What is Rent Agreement?) रेंट एग्रीमेंट एक लिखित अनुबंध (Written Contract) है जो मकान मालिक और किरायेदार के बीच होता है। इसमें यह तय होता है कि कितने समय तक मकान किराए पर रहेगा, किराया कितना होगा, भुगतान कब और कैसे होगा, और दोनों पक्षों की क्या-क्या जिम्मेदारियाँ होंगी। 👉 उदाहरण: मान लीजिए श्री अमित कुमार ने अपना एक ...
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