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भारत में घर पर जुआ खेलते हुए पकड़े जाने पर कितनी सजा सुनाई जाएगी ?कानून, दंड और नियमों की पूरी जानकारी को विस्तार से बताओ।

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Aswini Jitendra Kamble बनाम महाराष्ट्र राज्य (2024) केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्यों 25% RTE आरक्षण में संशोधन पर रोक लगाई

  Aswini Jitendra Kamble v. State of Maharashtra (2024)” केस का पूरा ऑर्डर है। यह केस Right to Education (RTE) Act, 2009 के तहत 25% आरक्षण नियम  📚  Aswini Jitendra Kamble बनाम महाराष्ट्र राज्य (2024): मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) और 25% आरक्षण पर विस्तृत विश्लेषण” 🧩 ब्लॉग की संपूर्ण संरचना (Drafting Structure): परिचय (Introduction) RTE Act, 2009 क्या है? इस कानून का उद्देश्य क्या है? 25% आरक्षण की अवधारणा कैसे आई? मामले की पृष्ठभूमि (Background of the Case) महाराष्ट्र सरकार का 2024 संशोधन ( Rule 4 और Rule 8 में बदलाव) क्यों यह संशोधन विवादित हुआ? याचिकाकर्ताओं का पक्ष (Petitioners’ Arguments) संशोधन असंवैधानिक क्यों बताया गया अनुच्छेद 14, 21, 21-A के उल्लंघन की दलीलें पहले के समान केसों का हवाला ( Ajay Kumar Patel v. State of UP , Namita Maniktala v. State of HP ) राज्य सरकार का पक्ष (Respondents’ Arguments) सरकार द्वारा संशोधन का औचित्य “1 किलोमीटर क्षेत्र में सरकारी स्कूल” की दलील न्या...

बलवा और दंगा क्या होता है? दोनों में क्या अंतर है? दोनों में सजा का क्या प्रावधान है?( what is the riot and Affray. What is the difference between boths.)

बल्बा(Riot):- भारतीय दंड संहिता की धारा 146 के अनुसार यह विधि विरुद्ध जमाव द्वारा ऐसे जमाव के समान उद्देश्य को अग्रसर करने के लिए बल या हिंसा का प्रयोग किया जाता है तो ऐसे जमाव का हर सदस्य बल्बा करने के लिए दोषी होता है।बल्वे के लिए निम्नलिखित तत्वों का होना आवश्यक है:- (1) 5 या अधिक व्यक्तियों का विधि विरुद्ध जमाव निर्मित होना चाहिए  (2) वे किसी सामान्य  उद्देश्य से प्रेरित हो (3) उन्होंने आशयित सामान्य  उद्देश्य की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रारंभ कर दी हो (4) उस अवैध जमाव ने या उसके किसी सदस्य द्वारा बल या हिंसा का प्रयोग किया गया हो; (5) ऐसे बल या हिंसा का प्रयोग सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया हो।         अतः बल्वे के लिए आवश्यक है कि जमाव को उद्देश्य विधि विरुद्ध होना चाहिए। यदि जमाव का उद्देश्य विधि विरुद्ध ना हो तो भले ही उसमें बल का प्रयोग किया गया हो वह बलवा नहीं माना जाएगा। किसी विधि विरुद्ध जमाव के सदस्य द्वारा केवल बल का प्रयोग किए जाने मात्र से जमाव के सदस्य अपराधी नहीं माने जाएंगे जब तक यह साबित ना कर दिया जाए कि बल का प्रयोग कि...