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विशेष विवाह अधिनियम 1954 क्या होता है ? यह किस प्रकार से अंतर-धार्मिक और अंतर-जातीय विवाह से सम्बंधित है ?

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वाणिज्यिक अचल संपत्ति किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार की होती है ? इससे होने वाले लाभ, कानूनी पहलू और निवेश करने की महत्वपूर्ण टिप्स बताओ।

वाणिज्यिक अचल संपत्ति: एक विस्तृत गाइड (प्रकार, लाभ, और कानूनी पहलू) वाणिज्यिक अचल संपत्ति (Commercial Real Estate) का नाम सुनते ही दिमाग में बड़ी-बड़ी इमारतें, गोदाम, और ऑफिस का ख्याल आता है। लेकिन यह केवल इन्हीं तक सीमित नहीं है। वाणिज्यिक अचल संपत्ति में वे सभी प्रॉपर्टी आती हैं, जिनका उपयोग व्यावसायिक या लाभ कमाने के उद्देश्य से किया जाता है। इस ब्लॉग में हम वाणिज्यिक अचल संपत्ति के प्रकार, उनके फायदे, और उनसे जुड़े कानूनी पहलुओं को समझेंगे। इसके साथ ही आपको इस विषय से संबंधित कुछ प्रमुख उदाहरण और केस स्टडी भी बताएंगे। 1. वाणिज्यिक अचल संपत्ति क्या है? वाणिज्यिक अचल संपत्ति का तात्पर्य ऐसी संपत्तियों से है, जिनका उपयोग व्यवसायिक कार्यों के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य आम तौर पर किराये की आय कमाना या इसे ऊंची कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाना होता है। उदाहरण: ऑफिस परिसर होटल और रिसॉर्ट गोदाम रेस्टोरेंट मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स 2. वाणिज्यिक अचल संपत्ति के प्रकार 1. ऑफिस स्पेस: बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस से लेकर छोटे-छोटे कंसल्टेंसी ऑफिस तक। आम तौर पर शहरों में इन...

AIBE (All India Bar Examination) क्या है? फायदे, महत्व और FAQ | पूरी जानकारी विस्तार से उदाहरण सहित ।

 AIBE (All India Bar Examination) के फायदे, इसकी ज़रूरत, और AIBE fail होने पर डिग्री पर क्या असर पड़ेगा को विस्तार से उदाहरण सहित समझाया जाएगा। AIBE (All India Bar Examination) क्यों कराया जाता है और इसके फायदे क्या हैं? भारत में कानून की पढ़ाई (LL.B.) पूरी करने के बाद हर छात्र का सपना होता है कि वह एक सफल वकील बने और अदालत में प्रैक्टिस करे। लेकिन केवल डिग्री हासिल करना ही काफी नहीं होता। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि वकीलों के पास न्यूनतम आवश्यक ज्ञान और योग्यता हो, AIBE (All India Bar Examination) को अनिवार्य किया है। AIBE क्यों कराया जाता है? गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Check): AIBE यह सुनिश्चित करता है कि कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के पास वकालत करने के लिए बुनियादी और आवश्यक ज्ञान हो। न्याय व्यवस्था की रक्षा (Protecting Justice System): अगर बिना जाँच-परख के कोई भी अदालत में प्रैक्टिस करने लगे, तो न्याय प्रणाली की गंभीरता और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। व्यावसायिक मानक (Professional Standard): यह परीक्षा छात्रों ...

पुलिस स्पेशल सेल द्वारा मोटरसाइकिल जब्त करने पर क्या करें, जब कोई मुकदमा पंजीकृत न हो?

यहाँ एक विस्तृत,  ब्लॉग पोस्ट है जो कि कभी आपकी या  किसी व्यक्ति की मोटरसाइकिल को पुलिस विभाग की स्पेशल सेल पकड़ लेती है और किसी भी थाने में मुकदमा पंजीकृत नहीं करती है तो ऐसे स्थिति में क्या करें की गाड़ी को रिलीज करवा लिया जाये इस पर एक  blog post लिखकर मेरे द्तवारा  जितना सम्भव है उतना विशेष जानकारी के साथ  उदाहरण सहित समझाने की आप लोगों को कोशिश है ।🔥🔥🔥🔥 पुलिस स्पेशल सेल द्वारा मोटरसाइकिल जब्त करने पर क्या करें, जब कोई मुकदमा पंजीकृत न हो? कई बार ऐसी स्थिति सामने आती है जब पुलिस विभाग की स्पेशल सेल किसी व्यक्ति की मोटरसाइकिल या अन्य वाहन को रोककर अपने कब्जे में ले लेती है, लेकिन किसी भी थाने में उसके संबंध में FIR या मुकदमा पंजीकृत नहीं करती। इस तरह की परिस्थिति में वाहन मालिक के लिए यह समझना जरूरी है कि कानूनी प्रक्रिया क्या है और वाहन को रिलीज कराने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाएं। 1. सबसे पहले स्थिति की पुष्टि करें जिस पुलिस टीम या स्पेशल सेल ने गाड़ी पकड़ी है, उनसे लिखित या मौखिक रूप से पूछें कि वाहन क्यों रोका गया है। यह ...

Ram Lal v. Jarnail Singh (2025, Supreme Court) क्या है? इसको विस्तार से जानकारी दो।

Ram Lal v. Jarnail Singh (2025, Supreme Court) केस को एक आसान blog  पोस्ट   सरल भाषा में तथ्य (Facts) कानूनी प्रश्न (Issues) सुप्रीम कोर्ट का निर्णय (Holding) महत्त्वपूर्ण सिद्धांत (Legal Principles) उदाहरण संबंधित केस लॉ ब्लॉग ड्राफ्टिंग का स्ट्रक्चर  यह ब्लॉग UPSC/LLB छात्रों से लेकर आम पाठक तक सभी के लिए उपयोगी रहे। 🏛 Ram Lal v. Jarnail Singh (2025) : सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला ✨ प्रस्तावना कभी-कभी अदालत में जीतने के बाद भी असली हक मिलना आसान नहीं होता। ऐसा ही हुआ राम लाल बनाम जर्नैल सिंह (2025) केस में, जहाँ ज़मीन की रजिस्ट्री को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुँची। यह फैसला बताता है कि कानून केवल तकनीकी नियमों पर नहीं बल्कि न्याय और निष्पक्षता पर भी आधारित है। 📖 केस के तथ्य (Facts) राम लाल (वादी/प्लaintiff) ने एक एग्रीमेंट टू सेल के आधार पर कृषि भूमि की रजिस्ट्री करवाने के लिए मुकदमा दायर किया। ट्रायल कोर्ट ने राम लाल के पक्ष में डिक्री दी और कहा कि वह 2 महीने के अंदर बाकी पैसा जमा करे। प्रतिवादी/जर...

warrant recall क्या होता है ?

वॉरंट रीकाॅल warrant recall: वारंट रीकॉल से तात्पर्य है अपने खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी किया गया गिरफ्तारी के आदेश को रद्द कराने की प्रक्रिया को warrant recall कहते हैं।         इसको हम आसान शब्दों में समझते हैं जब किसी व्यक्ति के खिलाफ अदालत द्वारा गिरफ्तारी का वारंट ( Arrest warrant जारी किया जाता है, और बाद में वह व्यक्ति व्यक्ति अदालत में  हाजिर होकर यह निवेदन करता है कि उसे गिरफ्तार न किया जाये और वारंट को वापस ले लिया जाये। तो इस सम्पूर्ण process को warrant recall कहा जाता है।                      'भारतीय दण्ड संहिता की धारा 70 के अनुसार - न्यायालय द्वारा जारी किया गया warrant लिखित रूप में ऐसे पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होगा और उस पर न्यायालय की मुहर लगी होगी। और यह Warrant जब तक प्रवर्तन में रहेगा जब तक उसे जारी करने वाले न्यायालय द्वारा उसे रद्द नही किया जाता है या जब तक वह निष्पादित नहीं कर दिया जाता है।        जब किसी अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता ...