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क्या विवाहिता महिला यदि किसी अन्य पुरुष से शारीरिक संबंध बनाए तो वह पति से गुजारा भत्ता (Maintinace) प्राप्त कर सकती है?

भारतीय समाज में विवाह एक पवित्र संस्था मानी जाती है लेकिन जब पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आती है तो गुजारा भत्ता (maintenance) एक महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार बन जाता है। प्रश्न यह उठता है कि अगर पत्नी ने विवाह के दौरान किसी (अन्य पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध बना लिये ही (adultery) तो क्या वह पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने  की पात्र है? इस  Blog Post में हम इस जटिल प्रश्न को भारतीय कानून न्यायालय के दृष्टिकोण और कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों के आधार पर स्पष्ट करेंगे।       गुजारा भत्ता का कानूनी आधार (maintenance Law: भारतीय दण्ड संहिता की धारा 125 crpc के अन्तर्गत पत्नी यदि स्वंय अपना भरण-पोषण नहीं कर सकती, तो वह पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। लेकिन यह अधिकार नैतिक आचरण और वैवाहिक निष्ठा से भी जुड़ा हुआ है  । क्या व्यभिचार (Adultery) maintinace के अधिकार को समाप्त कर देता है?   अगर पत्नी पति के रहते हुये स्वेच्छा से किसी और पुरुष के साथ शारीरिक संबन्ध बनाती है तो यह "व्यभिचार" माना जायेगा और यह स्थिति धारा 125 (4) Crpc के अन्तर्गत आती है जिसम...

warrant recall क्या होता है ?

वॉरंट रीकाॅल warrant recall: वारंट रीकॉल से तात्पर्य है अपने खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी किया गया गिरफ्तारी के आदेश को रद्द कराने की प्रक्रिया को warrant recall कहते हैं।         इसको हम आसान शब्दों में समझते हैं जब किसी व्यक्ति के खिलाफ अदालत द्वारा गिरफ्तारी का वारंट (Arrest warrant जारी किया जाता है, और बाद में वह व्यक्ति व्यक्ति अदालत में  हाजिर होकर यह निवेदन करता है कि उसे गिरफ्तार न किया जाये और वारंट को वापस ले लिया जाये। तो इस सम्पूर्ण process को warrant recall कहा जाता है।                      'भारतीय दण्ड संहिता की धारा 70 के अनुसार - न्यायालय द्वारा जारी किया गया warrant लिखित रूप में ऐसे पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होगा और उस पर न्यायालय की मुहर लगी होगी। और यह Warrant जब तक प्रवर्तन में रहेगा जब तक उसे जारी करने वाले न्यायालय द्वारा उसे रद्द नही किया जाता है या जब तक वह निष्पादित नहीं कर दिया जाता है।        जब किसी अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है,...

किसी संदिग्ध स्थान की तलाशी हेतु Search warrant जारी करने के लिये आवेदन कैसे करें?

गलत ढंग से रोके गरे व्यक्तियों के लिये search warrant  जारी करने का तात्पर्य कुछ ऐसा है कि यह सामाजिक जीवन में हम अपने आस- पास ही ऐसी बहुत सी घटनाये देखते रहे हैं। जैसे कि किसी दबंग व्यक्ति द्वारा किसी का अपहरण करके उसको अपने घर या अन्य स्थान पर बन्दी बनाना या बंदी बना कर रखना । ऐसी परिस्थिति में यदि आप उस रसूखदार व्यक्ति की शिकायत पुलिस के पास करते हो तो पुलिस बिना search warrant के उसके घर और उन स्थानों खोजने के लिये search warrant की आवश्यकता होती है।                  search warrant की एक विशेषता है कि यदि मजिस्ट्रेट search warrant जारी करता है तो इस order का पालन पुलिस द्वारा तत्काल प्रभाव से किया जाता है। पुलिस search warrant के behalf पर उस व्यक्ति की गहन तलाशी का पावर रखती है। जैसे हम  आप ने फिल्मो में देखा होगा कि पुलिस से अक्सर 'search warrant लोग मांग बैठते हैं कि "क्या Inspector तुम्हारे पास मेरे घर कि तलाशी का Serch warrunt है।       Search warrant भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता [crpc] की धारा 93 से 98 के अन...

गिरफ्तार व्यक्ति की प्रार्थना पर गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा - व्यवसायी द्वारा परीक्षा [Examination of arrested person by medical practitioner at the request of arrested person

भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 54 जोकि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 53 है कि जब कोई व्यक्ति जो चाहे किसी आरोप पर या अन्यथा गिरफ्तार किया गया है। मजिस्ट्रेट के समान पेश किये जाने के समय या अभिरक्षा में अपने निरोध की अवधि के दौरान किसी समय यह अभिकथन करता है, कि उसके शरीर का परीक्षण से ऐसे साक्ष्य प्राप्त होगा, जो उसके द्वारा किसी अपराध के किये जाने को नासाबित कर देगा या जो यह साबित करेगा कि उसके शरीर के विरुद्ध किसी अन्य ने कोई अपराध [जैसे कि मारपीट की घटना को अंजाम दिया हो] किया था तो यदि गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा मजिस्ट्रेट से ऐसा करने के लिये प्रार्थना की जाती है और यदि मजिस्ट्रेट का यह विचारण नहीं है, कि प्रार्थना तंग करने या विलम्ब करने या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन के लिये की गयी है, तो वह यह निर्देश देगा कि रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा ऐसे व्यक्ति के शरीर का परीक्षण किया जाये।"         अभियुक्त के डाक्टरी परीक्षण हेतु प्रार्थना -पत्र  [Application for Medical Examination of Accused]      न्यायालय मुख्य...

भारत में विधिक व्यवसाय का विकास का इतिहास क्या है ? इस पर चर्चा।

                                  भारत में विधिक व्यवसाय का विकास  Importance of legal Profession [ विधिक व्यवसाय का महत्व :-        न्याय प्रशासन में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। न्यायाधीशों की सही निर्णय देने में अधिवक्ता सहायता प्रदान करते हैं। अधिवक्ता वाद से सम्बन्धित विधिक सामग्री एकत्रित करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों और Legal तर्कों के अनुसार [ legal materials] के आधार पर न्यायाधीश निर्णय देते हैं। अधिवक्ताओं के अभाव में न्यायाधीशों के लिये सही निर्णय देना थोडा जटिल कार्य सिद्ध होगा।      न्यायमूर्ति श्री पी० एन० सप्रु के अनुसार अधिवक्ता के अस्तित्व का उचित आँधार यह है कि किसी भी विवाद का प्रत्येक पक्षकार इस स्थिति में होना चाहिये कि वह निष्पक्ष अधिकरण के समक्ष अपने पक्ष को सर्वोत्तम ढंग से और सबसे अधिक प्रभावी ढंग से अपना पक्ष प्रस्तुत कर सके।           वास्तव में विधि...

police के द्वारा गिरफ्तार किये गये व्यक्ति के सामान की वापसी के लिये प्रार्थना पत्र कैसे लिखें?

               गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों की तलाशी [search of arrested Person]               भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 [BNSS] की धारा 49 में गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों की तलाशी के सम्वन्ध में प्रावधान है :- 1. जब किसी Police officer द्वारा ऐसे warrunt के अधीन जो जमानत किये जाने का उपबन्ध नहीं करता है, या ऐसे वॉरन्ट के अधीन जो, जमानत लिये जाने का उपबन्ध करता है, किन्तु गिरफ्तार किया गया व्यक्ति जमानत नहीं दे सकता, कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया जाता है तथा जब कभी कोई व्यक्ति वॉरंट के बिना या प्राइवेट व्यक्ति द्वारा वॉरंट के अधीन गिरफ्तार किया जाता है और वैध रुप से उसकी जमानत नहीं ली जा सकती, या वह जमानत देने में असमर्थ है ।            तब गिरफ्तार करने वाला अधिकारी या जब गिरफ्तारी प्राइवेट व्यक्ति द्वारा की जाती है. तब वह पुलिस अधिकारी, जिसे वह व्यक्त्ति गिरफ्तार किये गये व्यक्त्ति को सौपता है, उस व्यक्ति की तलाशी ले सकता है और पहनने के आवश्यक वस्त्रों को छोड़कर उसके...