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warrant recall क्या होता है ?

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जजमेंट लेखन की कला (The Art and Skills of Judgment Writing) क्या होती है? उदाहरण के साथ समझाओ।

Note:- Skills of Judgment Writing ” , वह Judicial Training & Research Institute, लखनऊ द्वारा प्रकाशित एक संपूर्ण गाइड है जिसमें जजमेंट लिखने की कला, संरचना, तर्क (reasoning), भाषा, तथा केस लॉ के उदाहरण दिए गए हैं। Credit goes to:- (सोर्स  Judicial Training & Research Institute, लखनऊ  द्वारा ) सरल और समझने योग्य भाषा में, उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक, तथा जिसमें ड्राफ्टिंग फॉर्मेट , महत्वपूर्ण केस लॉ और पॉइंट-वाइज स्ट्रक्चर सब शामिल हो। इस ब्लॉग की संरचना इस प्रकार होगी👇 🏛️ ब्लॉग का विषय: जजमेंट लेखन की कला (The Art and Skills of Judgment Writing) ड्राफ्टिंग स्ट्रक्चर (Blog Outline / Drafting Points): प्रस्तावना — न्याय का अर्थ और जज का दायित्व जजमेंट क्या है? (परिभाषा, प्रकार और उद्देश्य) एक अच्छे जजमेंट की विशेषताएँ जजमेंट लिखने की संरचना — (i) परिचय भाग (ii) तथ्यों का उल्लेख (iii) विधि और मुद्दे (iv) कानून का प्रयोग (v) निर्णय और आदेश जजमेंट लेखन में आवश्यक गुण (स्पष्टता, तार्किकता, निष्पक्षता, brevity) सिविल और ...

दीनानाथ सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के 2025 के महत्वपूर्ण न्यायालय

इस ब्लॉग पोस्ट में दीनानाथ सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के 2025 के महत्वपूर्ण न्यायालय फ़ैसले को सरल हिंदी में बताया जा रहा है, जिसमें सभी मुख्य केस लॉ (उदाहरण, सुप्रीम कोर्ट के फैसले) और मूल अधिकार के बिंदुओं का उल्लेख किया गया है ताकि आम आदमी भी इस कानूनी प्रक्रिया को आसानी से समझ सके। शीर्षक: "समय-सीमा और अपील का अधिकार: न्यायालय के आदेश का सरल विश्लेषण"🧑‍🎓 भूमिका क्या होता है जब किसी सरकारी अपीलीय अदालत में कोई अपील तय समय-सीमा (limitation period) के बाद दायर की जाती है? क्या अदालत उस अपील को सुन सकती है, या अपील पूरी तरह अमान्य हो जाती है? इसी सवाल का जवाब देती है – "दीनानाथ सिंह व अन्य बनाम राज्य उत्तर प्रदेश एवं अन्य" केस की निर्णायक जजमेंट।   केस की पृष्ठभूमि 🦸‍♂️ दीनानाथ सिंह के पिता ने विवादित ज़मीन के सीमांकन के लिए उपजिलाधिकारी के समक्ष 1 सितम्बर 2017 को आवेदन किया।   🦸‍♂️उक्त आदेश के खिलाफ विरोधी पक्ष ने बिना नोटिस के पारित आदेश को चुनौती दी, लेकिन रिकॉल अर्जी खारिज हो गई। 🦸‍♂️  आगे चलकर उपजिलाधिकारी ने सीमांकन आदेश पारित किया, जिसे विर...

Kamlesh Meena and Two Others vs State of U.P. (2025) का क्या है पूरा मामला?

Kamlesh Meena बनाम State of U.P. (2025): बी.एन.एस.एस. की धारा 528 और FIR दर्ज करने के अधिकार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Kamlesh Meena v. State of U.P. (2025) केस में यह स्पष्ट किया कि किसी ‘prospective accused’ को FIR दर्ज करने के आदेश को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। इस लेख में आसान भाषा में पूरा विश्लेषण, कानूनी प्रावधान, केस लॉ और BNSS की तुलना CrPC से समझें। 🟨 ब्लॉग की ड्राफ्टिंग / मुख्य पॉइंट्स (Structure): परिचय (Introduction) मामले के तथ्य (Facts of the Case) कानूनी प्रश्न (Legal Issue) संबंधित विधिक प्रावधान (Relevant Provisions) Section 173(4), 175(3), 528 BNSS Comparison with CrPC Sections 154, 156(3), 482 पक्षकारों की दलीलें (Arguments by Both Sides) अदालत का विश्लेषण (Court’s Analysis) महत्वपूर्ण सुप्रीम कोर्ट व अन्य केस लॉ (Supporting Case Laws) अदालत का निर्णय (Judgment and Outcome) इस फैसले का महत्व (Legal Significance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQs (Blog SEO Section) ✳️ मुख्य ब्लॉग ...

किरायानामा (Rent Agreement) क्या है | नियम, कानून, उदाहरण और केस लॉ सहित पूरी जानकारी

🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚🏚 🏠 रेंट एग्रीमेंट (किरायानामा): सम्पूर्ण जानकारी, नियम, उदाहरण और केस लॉ सहित 🔹 भूमिका (Introduction) जब भी कोई व्यक्ति अपना मकान या दुकान किराए पर देता है या लेता है, तो अक्सर दोनों पक्षों के बीच “किरायानामा” यानी Rent Agreement बनाया जाता है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो मकान मालिक (Landlord) और किरायेदार (Tenant) के बीच के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है। रेंट एग्रीमेंट यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को कानून की सुरक्षा मिल सके। बिना किरायानामा के, कई बार विवादों का समाधान कठिन हो जाता है, जैसे — किराया बढ़ाना, मकान खाली कराना, या मरम्मत का खर्च आदि। 🔹 रेंट एग्रीमेंट क्या है? (What is Rent Agreement?) रेंट एग्रीमेंट एक लिखित अनुबंध (Written Contract) है जो मकान मालिक और किरायेदार के बीच होता है। इसमें यह तय होता है कि कितने समय तक मकान किराए पर रहेगा, किराया कितना होगा, भुगतान कब और कैसे होगा, और दोनों पक्षों की क्या-क्या जिम्मेदारियाँ होंगी। 👉 उदाहरण: मान लीजिए श्री अमित कुमार ने अपना एक ...

भारत में मुकदमे और अपील दाखिल करने की तय समय सीमा क्या है? जानिए Limitation Period, उसकी कानूनी आधार, उदाहरण और महत्वपूर्ण केस लॉ के साथ।

Primary Keywords: सीमाबद्धता अवधि Limitation Period in Hindi Limitation Act 1963 Appeal Time Limit in India Civil Appeal Limitation Period Secondary Keywords: Criminal Appeal Limitation Execution time limit Limitation Act case laws मुकदमा दाखिल करने की समय सीमा सिविल और क्रिमिनल मामलों की समय सीमा Delay condonation Section 5 Limitation in civil suits 🧩 Suggested Blog Headings (H1, H2, H3 Structure) H1: सीमाबद्धता अवधि (Limitation Period): मुकदमे और अपील की समय सीमा H2: सीमाबद्धता अवधि क्या है? H2: सीमाबद्धता कानून का उद्देश्य H2: सिविल मामलों में समय सीमा H2: आपराधिक मामलों में समय सीमा H2: देरी माफी (Condonation of Delay) क्या है? H2: Limitation Act के महत्वपूर्ण अनुच्छेद H2: महत्वपूर्ण केस लॉ (Case Laws) H2: अपवाद (Exceptions to Limitation Period) H2: निष्कर्ष H3: उदाहरणों से समझिए H3: Delay माफ़ करने के लिए आवेदन कैसे करें H3: Limitation Period कब से शुरू होता है ❓ FAQs Section (Search-Optimized) प्रश्न 1: सीम...

Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh, Supreme Court, 2021 को विस्तार से जानकारी दो?

  Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh, Supreme Court, 2021   📖 सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: Patan Jamal Vali बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (2021) भूमिका भारत में न्यायालयों के फैसले केवल एक केस को निपटाने के लिए नहीं होते, बल्कि वे समाज को एक दिशा और कानून को एक नई व्याख्या भी देते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh (2021) ऐसा ही एक ऐतिहासिक निर्णय है। इस केस में न केवल रेप अपराध की गंभीरता पर चर्चा हुई, बल्कि यह भी बताया गया कि किस तरह जाति (Caste), लिंग (Gender) और दिव्यांगता (Disability) एक साथ मिलकर किसी महिला पर अत्याचार को और गंभीर बना सकते हैं। केस के तथ्य (Factual Background) पीड़िता (PW2) एक दृष्टिहीन (Blind) युवती थी, जो अपनी मां और भाइयों के साथ रहती थी। अभियुक्त (Patan Jamal Vali) उसी गांव का रहने वाला था और अक्सर पीड़िता के घर आता-जाता था। 31 मार्च 2011 की सुबह, जब पीड़िता की मां बाहर थी और भाई लकड़ी काट रहे थे, अभियुक्त ने घर में घुसकर दरवाज़ा बंद कर दिया और पीड़िता के साथ बलात्कार किया। शोर सुनकर ...