IPC की धारा 356 और BNS की धारा 134: एक विस्तृत विश्लेषण→ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 356 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 134 दोनों ही सुरक्षा से संबंधित अपराधों को नियंत्रित करती हैं। इन धाराओं का उद्देश्य जनता की संपत्ति, सम्मान और व्यक्तिगत सुरक्षा की रक्षा करना है। भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता से बदलने के बाद, कुछ धाराओं में बदलाव और सुधार किया गया है, जिनमें IPC की धारा 356 को BNS की धारा 134 में स्थानांतरित किया गया है। इस लेख में हम इन दोनों धाराओं का विस्तार से विश्लेषण करेंगे और उदाहरणों के माध्यम से इनकी प्रासंगिकता समझेंगे। IPC की धारा 356: बलात्कारी तरीके से जबरन कब्जा करना→ IPC की धारा 356 उन अपराधों से संबंधित है जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति पर बलात्कारी तरीके से कब्जा किया जाता है। इसे "अतिक्रमण" या "जबरन कब्जा" कहा जाता है। यह अपराध आम तौर पर उस समय घटित होता है जब किसी व्यक्ति को बिना उसकी अनुमति के संपत्ति पर कब्जा किया जाता है और इसके लिए बल का प्रयोग किया जाता है। मुख्य तत्व:→ •अपराधी ने...
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