IPC की धारा 372 जोकि अब BNS की धारा 98 हो गई है इससे सम्बन्धित कानून, प्रावधानों को उदाहरण सहित बताओ?
IPC की धारा 372 बनाम BNS की धारा 98: वेश्यावृत्ति के लिए शिशु को बेचना भारत में अपराधों की रोकथाम के लिए समय-समय पर कानूनों में बदलाव होते रहते हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) में बच्चों के शोषण और वेश्यावृत्ति के लिए अप्राप्तवय (18 वर्ष से कम आयु) बच्चों को बेचने के अपराध पर धारा 372 लागू होती थी। अब नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में इसी अपराध के लिए धारा 98 लागू की गई है, जो अधिक सख्त और स्पष्ट प्रावधान करती है। इस ब्लॉग में हम इन दोनों धाराओं का विश्लेषण करेंगे और उदाहरण सहित समझेंगे कि यह कानून कैसे लागू होता है। 1. IPC की धारा 372 : यह धारा वेश्यावृत्ति या किसी अनैतिक उद्देश्य के लिए 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बेचने पर लागू होती है। प्रावधान अगर कोई व्यक्ति किसी अप्राप्तवय बच्चे को किसी भी प्रकार से बेचता है या उसकी बिक्री में सहायक होता है, तो यह अपराध है। इसमें सजा के तौर पर दस वर्ष तक का कठोर कारावास और जुर्माना हो सकता है। उदाहरण रामलाल गरीबी के कारण अपनी 16 वर्षीय बेटी को किसी व्यक्ति को बेच देता है, जो उसे वेश्यावृत्ति में धकेल देता है। यह धारा 372 के...