IPC की धारा 354-ख और BNS की धारा 76: विस्तार और उदाहरण सहित जानकारी→ भारतीय कानून व्यवस्था में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता दी गई है। समय-समय पर कानून में संशोधन करके इसे और मजबूत बनाया गया है। इसी क्रम में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354-ख, जो महिलाओं के प्रति किए गए अपराधों को रोकने के लिए बनाई गई थी, अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धारा 76 के रूप में शामिल की गई है। इस लेख में हम इन दोनों धाराओं को विस्तार से समझेंगे और उदाहरणों के माध्यम से इनके उपयोग को स्पष्ट करेंगे। IPC की धारा 354-ख (दंड संहिता, 1860)→ परिभाषा:→ IPC की धारा 354-ख मुख्यतः महिलाओं की गरिमा और उनकी निजता की रक्षा के लिए बनाई गई थी। यह धारा उन मामलों पर लागू होती थी, जहां कोई व्यक्ति किसी महिला के कपड़े उतारने या उसे निर्वस्त्र करने का प्रयास करता है। दंड:→ यदि कोई व्यक्ति इस अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे 3 से 7 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। महत्व:→ यह धारा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महिलाओं की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है। BNS की धारा 76 (2023 का नया कानू...
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