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Showing posts from October, 2025

Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh, Supreme Court, 2021 को विस्तार से जानकारी दो?

  Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh, Supreme Court, 2021   📖 सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: Patan Jamal Vali बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (2021) भूमिका भारत में न्यायालयों के फैसले केवल एक केस को निपटाने के लिए नहीं होते, बल्कि वे समाज को एक दिशा और कानून को एक नई व्याख्या भी देते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला Patan Jamal Vali v. State of Andhra Pradesh (2021) ऐसा ही एक ऐतिहासिक निर्णय है। इस केस में न केवल रेप अपराध की गंभीरता पर चर्चा हुई, बल्कि यह भी बताया गया कि किस तरह जाति (Caste), लिंग (Gender) और दिव्यांगता (Disability) एक साथ मिलकर किसी महिला पर अत्याचार को और गंभीर बना सकते हैं। केस के तथ्य (Factual Background) पीड़िता (PW2) एक दृष्टिहीन (Blind) युवती थी, जो अपनी मां और भाइयों के साथ रहती थी। अभियुक्त (Patan Jamal Vali) उसी गांव का रहने वाला था और अक्सर पीड़िता के घर आता-जाता था। 31 मार्च 2011 की सुबह, जब पीड़िता की मां बाहर थी और भाई लकड़ी काट रहे थे, अभियुक्त ने घर में घुसकर दरवाज़ा बंद कर दिया और पीड़िता के साथ बलात्कार किया। शोर सुनकर ...

क्या पुलिस आपकी WhatsApp चैट पढ़ सकती है?

  WhatsApp और आपके अधिकार (भारत में) ✍️ Drafting Structure (Blog Outline) 👉 इस ब्लॉग को 7 हिस्सों में बांटा जा सकता है – Introduction (परिचय) – WhatsApp आज हर किसी की जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन लोग अक्सर डरते हैं कि पुलिस कभी भी उनकी चैट पढ़ सकती है। हकीकत क्या है? °WhatsApp Encryption और आपकी प्राइवेसी °पुलिस को WhatsApp से क्या मिल सकता है और क्या नहीं? °पुलिस WhatsApp चैट तक कैसे पहुँच सकती है? (प्रक्रिया) ° बिना वॉरंट क्या पुलिस चैट पढ़ सकती है? ° WhatsApp चैट सबूत के रूप में – कानून और केस लॉ ° Practical Tips – आम नागरिक को क्या करना चाहिए? Conclusion (निष्कर्ष) 📖 ब्लॉग पोस्ट आसान भाषा में 1️⃣ परिचय आज हर भारतीय WhatsApp का इस्तेमाल करता है – बात करने, फोटो/वीडियो भेजने, यहां तक कि बिज़नेस और ऑफिस वर्क में भी। लेकिन अक्सर खबरें आती हैं कि “पुलिस ने WhatsApp चैट जब्त की” या “कोर्ट में WhatsApp चैट पेश हुई।” ऐसे में सवाल उठता है – क्या पुलिस आपकी WhatsApp चैट सीधे पढ़ सकती है? आपके अधिकार क्या हैं? और कोर्ट में WhatsApp चैट की क्या वैल्यू है? 2️⃣ WhatsApp Encryptio...

AIBE में फेल होने पर डिग्री पर क्या असर पड़ता है, और इससे जुड़े महत्वपूर्ण सवाल?

 Supplementary Pending रहते हुए AIBE देने के फायदे और नुकसान 📌 परिचय  AIBE (All India Bar Examination) 🏛हर विधि स्नातक (Law Graduate) के लिए एक अनिवार्य परीक्षा है, जिसे पास करने के बाद ही Bar Council of India (BCI) द्वारा Certificate of Practice (COP) जारी किया जाता है। कई छात्रों के मन में यह सवाल आता है कि अगर उनके supplementary/backlog pending हैं, तो क्या वे AIBE दे सकते हैं? आइए इस पूरे मुद्दे को step-by-step समझते हैं। 1. AIBE Form भरना वर्तमान नियमों के अनुसार Final Year Law Students भी AIBE के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। यदि किसी छात्र के पास backlog/supplementary है, तो उसे AIBE फॉर्म भरते समय affidavit/undertaking देनी होगी कि वह अपनी degree backlog-free करेगा। 👉 उदाहरण: राहुल ने LLB की final semester परीक्षा दी, लेकिन उसका एक subject में supplementary आ गया। उसने फिर भी AIBE के लिए फॉर्म भरा और affidavit दिया कि वह जल्द ही बैकलॉग clear कर देगा। 2. AIBE Exam देना आप AIBE परीक्षा दे सकते हैं और परिणाम भी घोषित होगा। लेकिन यह परिणाम provisional (अस्थायी) म...