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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

किसी व्यक्ति की तलाशी और गिरफ्तारी के संबंध में क्या प्रावधान हैं? क्या किसी निजी व्यक्ति द्वारा भी तलाशी ली जा सकती है? Define the search and arrest the private person authority to search and arrest?

भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 47 के अनुसार - ( 1) अगर गिरफ्तारी के वारंट के अधीन कार्य करने वाले किसी व्यक्ति को या गिरफ्तारी करने के लिए प्राधिकृत किसी पुलिस अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि वह व्यक्ति जिसे गिरफ्तार किया जाना है किसी स्थान में प्रविष्ट हुआ है या उसके अंदर है तो ऐसे स्थान में निवास करने वाला या उस स्थान का भार साधक कोई भी व्यक्ति पूर्वोक्त रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति द्वारा या ऐसे पुलिस अधिकारी द्वारा मांग की जाने पर उसमें उसे अवाध प्रवेश करने देगा और उसके अंदर तलाशी लेने के लिए सब उचित सुविधाएं देगा। (2) यदि ऐसे स्थानों प्रवेश उपधारा (1) के अधीन नहीं हो सकता है तो किसी भी मामले में उस व्यक्ति के लिए जो वारंट के अधीन कार्य कर रहा है और किसी ऐसे मामले में जिसमें वारंट निकाला जा सकता है किंतु गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति को भाग जाने का अवसर दिए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता पुलिस अधिकारी के लिए यह विधि पूर्ण होगा कि वह ऐसे स्थान में प्रवेश करें और वहां तलाशी ले और ऐसे स्थान में प्रवेश कर पाने के लिए किसी ग्रह या स्थान के चाहे वह उस व्यक्

समान नागरिक संहिता क्या होती है. इसको अगर भारत में लागू किया जाए तो इसके क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं? Define the Uniform Civil Code?

हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने देश में नागरिकों के लिए उत्तराधिकार और विरासत के लैंगिक एवं धार्मिक दृष्टि से तटस्थ आधार की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (public Interest Litigation: PIL) पर केंद्र से उत्तर की मांग की है. इस जनहित याचिका के बारे में:-     यह विगत 3 महीनों में समान नागरिक संहिता के तहत शामिल किए जाने वाले विभिन्न विषयों में से कुछ को समाहित करने वाले मुद्दों पर दायर चौथी जनहित याचिका है.           पूर्व में तीन जनहित याचिकाएं समान दत्तक ग्रहण कानूनों ,समान विवाह विच्छेद, भरण पोषण और गुजारा भत्ता कानूनों तथा विवाह के लिए एक समान अलैंगिक रूप से निरपेक्ष न्यूनतम आयु से संबंधित मुद्दों से संबंधित  थी.  समान नागरिक संहिता के बारे में:-(ABOUT U.C.C)        समान नागरिक संहिता ऐसे एकल कानून को संदर्भित करती है जो भारत के सभी नागरिकों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह ,विवाह विच्छेद ,अभिरक्षा दत्तक ग्रहण और विरासत के संदर्भ में लागू होता है.        समान नागरिक संहिता का उद्देश्य वर्तमान में विभिन्न धार्मिक समुदायों के भीतर पारस्परिक संबंधों और संबंधित मामलों को सू

अभिस्वीकृति का मुस्लिम विधि में क्या आशय है? (what is meant by acknowledgement under Muslim law?)

किसी व्यक्ति द्वारा पितृत्व की अभिस्वीकृति का अर्थ है इसके द्वारा स्वयं को संतान का पिता स्वीकार कर लेना मुस्लिम विधि में इसे इकरार -ए नसब कहते हैं।         किसी शिशु का गर्भ में आने पर या जन्म लेने के समय उसके माता-पिता का विवाह संशयात्मक(doubtful) होने के कारण यदि उस शिशु का पितृत्व संदिग्ध हो जाए तो पति उस शिशु को अपना पिता घोषित करके उसे अपनी संतान के रूप में स्वीकार कर सकता है.            पति द्वारा इस प्रकार की अभिस्वीकृति का यह परिणाम होगा कि ना तो उसका विवाह ही संशयात्मक माना जाएगा और ना ही उस शिशु की औररसता। यदि किसी शिशु की औरसता न तो पूर्णता सिद्ध हो पाई है और ना ही असिद्ध हो तो ऐसी स्थिति में अभिस्वीकृति द्वारा शिशु की औरसता और साथ ही उसके माता-पिता का विवाह  भी स्थापित हो जाता है परंतु अवैध संबंध अथवा मुस्लिम विधि के अंतर्गत निषिद्ध  विवाद से उत्पन्न हुए अवैध संतान को अभिस्वीकृति द्वारा संदिग्ध पितृत्व वाले संतान का पितृत्व सुनिश्चित किया जाता है ना कि अवैध संतान को औरसता प्रदान की जाती है. मोहम्मद अल्लाहहदाद बनाम इस्माइल का मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय

मुस्लिम विधि में जनकता एवं धर्मजत्व का वर्णन कीजिए।( describe the law of Paternity and legality under Muslim law)

जनकता माता-पिता तथा बच्चों के मध्य संबंध को दर्शाता है?           जब एक व्यक्ति कानून की दृष्टि में दूसरे का पिता या माता माना है तब उस दूसरे व्यक्ति का पितृत्व है या मातृत्व पहले व्यक्ति में सिद्ध माना जाता है. (तैयब जी) मातृत्व कैसे स्थापित होता है? ( 1) सुन्नी विधि में बच्चे का मातृत्व उस स्त्री में स्थापित होता है तो उसे जन्म देती है भले ही बच्चे का जन्म पर पुरुष गमन का परिणाम हो.. ( 2) सिया विधि में जन्मे मातृत्व स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं है यह साबित करना जरूरी है कि जन्म वैद्य विवाह  का परिणाम है. ( 3) यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री से अवैध संभोग (जिना) करके बच्चा पैदा करता है तो ऐसा बच्चा सुन्नी विधि के अनुसार केवल अपनी मां का ही बच्चा समझा जाता है बच्चा केवल मां से ही उत्तराधिकार प्राप्त कर सकता है तथा वह  मां के संबंधियों से उत्तराधिकार प्राप्त कर सकता है. ( 4) सिया विधि में अधर्मज संतान माता-पिता दोनों में से किसी से भी उत्तराधिकार नहीं प्राप्त कर सकता है। मातृत्व क्या है? मातृत्व बच्चे की वह विधिक स्थिति है जो उसके पिता की संपत्ति उत्तराधिकार और दाए का अवध

दहेज क्या है? What is dowry?

दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 2 के अनुसार दहेज ऐसी संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभू है जो विवाह के एक पक्ष कार द्वारा दूसरे पक्ष कार के लिए या विवाह के किसी पक्ष के माता-पिता या अन्य व्यक्ति द्वारा विवाह के दूसरे पक्ष या किसी अन्य व्यक्ति के लिए विवाह करने के संबंध में विवाह के समय या उससे पूर्व या पश्चात किसी समय प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दी जाने वाली यदि जाने के लिए प्रतिज्ञा की गई है. “उदाहरण' - ए वर के पिता द्वारा विवाह के समय वधु के पिता से 50000 की मांग की जाती है या वर द्वारा कार्य स्कूटर की मांग की जाती है और वधू का पिता उसे विवाह के बाद देने का आश्वासन देता है यह दहेज है.           यदि विवाह के पश्चात अतिरिक्त दहेज के रूप में टीवी और स्कूटर की मांग की जाती है तो यह धारा 2 के अर्थ में दहेज ही माना जाएगा . प्रेम सिंह बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा एआईआर 1998 एससी 2628. . दहेज की मांग (demand of dowry): - दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत अपराध के गठन के लिए केवल दहेज की मांग करना ही पर्याप्त नहीं है दहेज या तो वास्तविक तौर पर दिया जाना चाहिए या दिए जाने का करार किया जा

बाल विवाह रोक अधिनियम 1929 बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को रोकने की दिशा में एक सामाजिक विधायन है वर्णन कीजिए (child marriage prohibition act 1929 is a social regulation for the prevention of social evils like child marriage)

बाल विवाह और वह अधिनियम 1929 के उद्देश्य के लिए बालक ऐसे व्यक्ति को माना गया है जो यदि पुरुष है तो उसने 21 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है और यदि नारी है तो उसने 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है.            नाबालिक उसे माना गया है जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है चाहे वह पुरुष हो या स्त्री. किसी व्यक्ति के बालक होने के तथ्य को साबित करने का भार अभियोजन पक्ष का होता है उसे ही संदेह से परे यह साबित करना होता है कि विवाहित व्यक्ति विवाह के समय बालक था आयु को साबित करने के लिए अनेक प्रमाण पत्र हो सकते हैं लेकिन यदि कोई प्रमाण नहीं मिलता है तो जन्म प्रमाण पत्र को निश्चय एक प्रमाण पत्र माना जा सकता है. बाल विवाह क्या है? (what is child marriage): - बाल विवाह से तात्पर्य ऐसे  विवाह से है जिसके दोनों पक्षकारों अर्थात वर-वधू में से कोई भी बालक हो उदाहरण के तौर पर वर 22 वर्ष की आयु का है और वधू 17 वर्ष की आयु की अथवा वर 20 वर्ष की आयु का है और वधू 19 वर्ष की आएगी है तो उसे बाल विवाह कहां जाएगा.         बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसका निवारण करने के लिए सन 1929 में बाल विवाह रोक अ

विवाह से संबंधित अन्य अपराधों का वर्णन The Other offence relating to married

विवाह से संबंधित अन्य अपराध इस प्रकार हैं - ( 1) धोखे से विधि पूर्ण विवाह का विश्वास उत्पन्न करके किसी पुरुष द्वारा सहवास करना. ( 2) विधि पूर्ण विवाह की भांति किए गए कपट पूर्ण विवाह संस्कार में यह जानकर भी सम्मिलित होना कि वह झूठा है. ( 3) पुनर्विवाह में जिस व्यक्ति से विवाह किया हो तो उसे पिछले विवाह छुपाना. ( 1) विधि पूर्ण विवाह करने का धोखे से विश्वास दिला कर किसी पुरुष द्वारा सहवास करना: - जो कोई किसी स्त्री को विधि पूर्ण उससे विवाह का विश्वास दिला कर (कि वास्तव में विवाह ना हो धोखा देकर वे उसे विधि पूर्वक विवाहित है) उस स्त्री के साथ सहवास या मैथुन करेगा तो उसे 10 वर्ष तक की अवधि तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. (धारा 493)      “इस धारा का आशय ऐसे व्यक्ति को दंडित करना नहीं है जो किसी व्यक्ति के साथ विवाह संविदा करता हो अपितु  ऐसे व्यक्ति को दंडित करना है जो किसी स्त्री के साथ धोखे से यह विश्वास दिलाकर कि वह उसके विधि पूर्वक विवाहित है सहवास या समागम करता है.                                     (Podic A.I.R.1963 H.P.16) ( 2) पति या पत्नी के जीवन का