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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

खतरनाक पशु तथा खतरनाक मार के रखने के संबंध मे दायित्व की प्रकृति और विस्तार का क्या मतलब है ?What is meant by the nature and extent of liability in relation to the keeping of dangerous animals and dangerous kills?

अपनी भूमि पर खतरनाक वस्तुओं को एकत्र करने से उत्पन्न होने वाले खतरे से सम्बन्धित दायित्व (राइलैंड्स बनाम फ्लेचर का नियम)       प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सम्पत्ति का उपयोग करने का अधिकार है, किन्तु वह उसका उपयोग अस्वाभाविक ढंग से नहीं कर सकता। राइलैंड्स बनाम फ्लेचर के वाद में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया कि जिस वस्तु के छूट निकलने से अन्य व्यक्ति को क्षति पहुँचने की सम्भावना हो, उसे अपनी भूमि पर एकत्र करने का कार्य प्रतिवादी अपने व्यक्तिगत दायित्व पर कर सकता है। इस वाद के तथ्य इस प्रकार थे- राइलॅंड्स ने अपनी भूमि पर एक जलाशय के निर्माण के लिये सक्षम स्वतन्त्र ठेकेदारों को नियोजित किया। काम के दौरान ठेकेदारों ने राइलैंड्स की भूमि पर कुछ पुरानी खान की सुरंगें और मार्ग पाये। इन सुरंगों को सम्बन्ध राइलैंड्स के एक पड़ोसी फ्लेचर की खानों से था, किन्तु किसी को इस बात का सन्देह नहीं हुआ; क्योंकि वे मिट्टी से भरे जान पड़ते थे। बाद में जब जलाशय भर गया तब पानी तलहटी को फोड़कर सुरंगों से होकर नीचे गया और कुछ पुरानी त्यक्त कोयले की खानों से बहता हुआ निकला जिसका किसी को पता नहीं था और उनमें भर ग

योगदायी उपेक्षा का क्या मतलब होता है ? क्या यह बचाव का एक कारण हो सकता है ?What is meant by contributory neglect? Could this be a reason to save?

योगदायी उपेक्षा (Contributory Negligence) जब शादी अपनी ओर से सावधानी न बरतने के कारण प्रतिवादी की उपेक्षा अथवा उसके दोषपूर्ण आचरण से खारिज क्षति में योगदान करता है तो यह माना जाता है कि वह योगदायी उपेक्षा का दोषी है।           योगदायी उपेक्षा भी एक बचाव है जिसके अन्तर्गत प्रतिवादी  यह सिद्ध करना पड़ता है कि वादी स्वयं अपनी संरक्षा के लिये युक्ति युक्त सावधानी बरतने मे विफल रहा है, और स्वयं वादी को योगदायी उपेक्षा घटित क्षति का एक कारण रही है। यदि क सड़क पर गलत तरफ से जाते समय विपरीत दिशा में आने वाले ख द्वारा उतावली के साथ चालित यान से ठोकर खा जाता है तो  क के द्वारा ख के विरुद्ध वाद लाने पर, ख बचाव में यह कह सकता है कि स्वयं योगदायी उपेक्षा का दोषी है। रूरल ट्रान्सपोर्ट सर्विस बनाम पेजलुम बीबी के वाद में खचाखच भरी हुई बस के कण्डक्टर ने कुछ यात्रियों को बस की छत पर यात्रा करने के लिये आमन्त्रित किया। बस के ड्राइवर ने बिना ध्यान दिये कि बस की छत पर भी यात्री बैठे है बैलगाड़ी से आगे बस को निकालने का प्रयास किया। इस प्रयोजन के लिये जैसे है बस दाहिनी ओर मोड़ी, वह कच्ची सड़क पर चली गई और उस

बिना हानि के क्षति का क्या मतलब होता है?

बिना हानि के क्षति(Injuria Sine Damnum)  बिना हानि के क्षति का तात्पर्य है कि हालाँकि वादी को क्षति (विधिक क्षति) हुई है, अर्थात् उसमें निहित किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है किन्तु उसको चाहे कोई हानि कारित न हुई हो, वह फिर भी प्रतिवादी के विरुद्ध वाद ला सकता है। अधिकारों को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है- विरुद्ध अधिकार (Absolute rights) एवं विशेषित अंधिकार (Qualified rights)। 'विरुद्ध अधिकार' ऐसे अधिकार हैं जिनका अतिलंघन मात्र ही अपने आप में वाद-योग्य है। इसमें वादी को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती कि उसे किसी प्रकार की हानि हुई है। 'बिना हानि के क्षति' सूत्र के अन्तर्गत ऐसे मामले आते हैं। इस सूत्र का सामान्य उदाहरण "अतिचार" का अपकृत्य है।  ' विशेषित अधिकार' का अतिलंघन स्वयं अपने आप में वाद योग्य नहीं होता है। यह केवल तभी वाद योग्य होता है जब यह साबित कर दिया जाये कि वादी को वास्तविक हानि हुई है। ऐशबी बनाम हाइट का  वाद "बिना हानि के क्षति" सूत्र का स्पष्टीकरण करता है। इस वाद में हालाँकि प्रतिवादी के कार्य से वादी को कोई क्षति

पुलिस एफआईआर न लिखें तो क्या करें?What to do if the police do not write an FIR?

अगर आपको एक घटना की रिपोर्ट दर्ज करानी हो और पुलिस अधिकारी आपकी FIR (First Information Report) नहीं लिखना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित कदम अपना सकते हैं: संपर्क करें: पहले से ही आपकी घटना से जुड़े लोगों को जानकारी दें, जैसे कि परिवार के सदस्य, मित्र, या साक्षी। वे आपकी समर्थन कर सकते हैं और आपके साथ अधिकारिक प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं। शिकायत के लिए सहायता चाहें: अपनी स्थानीय न्यायिक निकाय, मुख्यमंत्री कार्यालय, या पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर जाएं और वहां अपनी समस्या के बारे में बताएं। वे आपको आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकते हैं। वकील की मदद लें: एक वकील की मदद लेना आपको आपकी समस्या को अधिकारिक रूप से संबोधित करने में मदद कर सकता है। वकील आपकी राय दे सकता है और आपको उचित कानूनी मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। RTI आवेदन दें: RTI (Right to Information) आवेदन द्वारा आपको जानकारी के लिए अधिकारीकी आवश्यकता नहीं होती है। आप RTI आवेदन द्वारा पुलिस या सरकारी विभाग से जानकारी मांग सकते हैं, जिससे आपको आपकी समस्या का हल मिल सकता है। याद रखें, यह सामान्य निर्देश हैं और आपके देश और क

मिथ्या कारावास ( False Imprisonment ) क्या होता है?

मिथ्या कारावास  ( False Imprisonment )            जब किसी व्यक्ति की स्वतन्त्रता पर कुछ समय के लिये , चाहे भले ही वह अत्यन्त अल्पावधि के लिये हो , बिना किसी पर्याप्त और विधिपूर्ण औचित्य के अवरोध  डाला जाता है , तो उसे मिथ्या कारावास कहते हैं ।         मिथ्या कारावास की रचना के लिये सामान्य भावबोध के अन्तर्गत दोषपूर्ण कारावास की आवश्यकता नहीं होती । जब कोई व्यक्ति अपनी दैनिक स्वाधीनता से वंचित कर दिया जाता है , चाहे भले ही उसे चारों ओर से घिरी हुई दीवार के भीतर बन्द किया जाता है अथवा उसे स्थान से बाहर नहीं जाने दिया जाता , जहाँ वह है तो इसे मिथ्या कारावास की संज्ञा दी जाती है । यदि किसी व्यक्ति की बल की धमकी के साथ अपने स्वयं के घर को अथवा किसी खुले मैदान को छोड़ने से रोक दिया जाता है , तो भी मिथ्या कारावास है । False Imprisonment  When the liberty of a person is restricted for a time, even if it is for a very short period, without any adequate and lawful justification, it is called false imprisonment.  In order to constitute false imprisonment, in the ordinary sense, wrongf