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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

आयकर अधिनियम 1916 के अंतर्गत हानियों के समायोजन सम्बन्धी प्रावधान कौन कौन से होते हैं ?[ Describe the provisions regarding the adjustment of losses under Income Tax Act , 1961. ]

  हानियों को किस प्रकार से वर्णित किया जा सकता है?  ( Provisions Regarding the Adjustment of losses )       आयकर अधिनियम के अंतर्गत किसी करदाता के द्वारा गतवर्ष में अर्जित की गई कुल आयकर की गणना की जाती है । कुल आय की गणना के दौरान अगर आय के किसी ( मद ) स्रोत में यदि हानि हुई हो तो उस हानि की पूर्ति ( Set off ) उसी वर्ष में आय के किसी अन्य स्त्रोत ( Source ) में हुए लाभ से कर ली जाती है । किन्तु किसी कारण वश यदि हानि की पूर्ति न हो सके तो उस हानि को आगे ले जाकर बाद के वर्षों में प्राप्त आयों में से पूरा किया जा सकता है जिसके सन्दर्भ में किये गये उपबन्धों का वर्णन निम्न प्रकार से किया गया है  ( I ) स्त्रोतों में आन्तरिक समायोजन ( Internal Adjustment in Source ) - आयकर की धारा -70 के अनुसार , यदि किसी करदाता को किसी कर निर्धारण वर्ष में किसी एक स्रोत से होने वाली हानि की पूर्ति करनी है तो वह उसी शीर्षक के किसी अन्य स्त्रोत से कर सकता है । अर्थात् आय के एक स्त्रोत की हानि को आय के उसी शीर्षक के अन्दर किसी अन्य स्त्रोत से होने वाले लाभ में से पूरा किया जा सकता है । किन्तु निम्न

आयकर अधिनियम के अंतर्गत कुल आय की गणना करने में दी जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण कटौतियों कौन सी होतीं हैं?( Describe some important deduction to be made in computing the total income under the Income Tax Act . ]

कुछ व्ययों के सम्बन्ध में कटौतियाँ ( Deductions in respect of certain payments )            एक करदाता की कुल आय की गणना करने में उसकी सकल कुल आय में से कुछ कटौतियाँ स्वीकृत होती हैं जिनका उल्लेख आयकर अधिनियम की धारा 80ccc से 80u के अन्तर्गत किया गया है । सकल कुल आय से अभिप्राय इस अधिनियम के अन्तर्गत गणना की गई ऐसी कुल आय से है जिनमें से इस अध्याय के अन्तर्गत वर्णित कटौती नहीं घटी हो । इस अध्याय के अन्तर्गत दी जाने वाली कटौतियाँ का योग किसी भी दशा में सकल कुल आय से अधिक नहीं होगा ।  ( 1 ) पेंशन कोषों में अंशदान के सम्बन्ध में कटौती - आयकर अधिनियम की धारा 80 ccc के अन्तर्गत जब एक व्यक्ति करदाता अपनी कर योग्य आय में से भारतीय जीवन बीमा निगम की किसी वार्षिकी योजना के अन्तर्गत कोई अंशदान करता है तो दिये गये अंशदान की राशि या ₹ 10,000 जो दोनों में कम हो , कटौती के रूप में सकल कुल आय में से घटा दी जायेगी । Deductions in respect of certain payments  In computing the total income of a taxpayer, certain deductions are allowed from his gross total income, which are mentioned under sections 80ccc

उद्गम ( स्रोत ) पर tax deduction से क्या है ? कौन - कौन ऐसे tax हैं जिन पर कर की कटौती स्त्रोत पर ही की जाती है ?( Explain tax deducted at source and which payment are to deduction of tax at source ? ]

स्त्रोत पर कर की कटौती ( Tax Deducted at Source )     स्रोत पर कर की कटौती से तात्पर्य किसी व्यक्ति की income  में से की गई उस कटौती  से  है जो भुगतानकर्ता के द्वारा उस व्यक्ति को भुगतान करते समय उसके द्वारा कमाई गई आय पर निर्धारित दर के कटौती करने के बाद उस पर काटी गई धनराशि को सरकारी कोष में कर के रुप में जमा कर दी जाए एवं शेष राशि आय के रूप में आय प्राप्तकर्ता को प्रदान कर दी जाए । इस तरह से की गई कटौती को स्रोत पर कर की कटौती या स्रोत ( उद्गम स्थल पर की गई कटौती  कहते हैं । अन्य शब्दों में , " जहाँ पर किसी आय का उद्गम हो रहा हो , वहाँ पर आय का भुगतान  करने से पूर्व अधिनियम द्वारा निर्धारित दर से कर की कटौती करने को हो स्रोत पर कर की कटौती  कहा जाता है ।  Tax Deducted at Source  Deduction of tax at source means the deduction made from the income of a person by the payer at the time of making payment to that person after deducting the amount so deducted at the prescribed rate from the income earned by him to the Government Fund.  should be deposited as tax and the remaining amou

आयकर अधिनियम के अंतर्गत आयकर निर्धारण प्रक्रिया क्या होती है? [ Discuss briefly the procedure for the assessment of income tax under the income tax act . ]

आयकर निर्धारण प्रक्रिया  ( Procedure for the Assessment of Income Tax )  आयकर निर्धारण प्रक्रिया के प्रमुख चरण इस प्रकार है - ( 1 ) विवरण दाखिल करने की अवधि - आयकर अधिनियम की धारा 139 ( 1 ) के अनुसार , प्रत्येक कम्पनी या फर्म या व्यक्ति जिसकी कुल आय या उस व्यक्ति की कुल आय , जिनकी आय पर वह आयकर देने को दायी है , अधिकतम कर मुक्त सीमा से अधिक है , अपनी एवं उस व्यक्ति की गतवर्ष की आय का निर्धारित फार्म में तथा निर्धारित ढंग से प्रमाणित करके आयकर कार्यालय से देय तिथि को या इससे पूर्व के अंदर अवश्य प्रस्तुत करेगा ।           इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति , अर्थात् एक व्यक्ति , या एक हिन्दू अविभाजित परिवार अथवा व्यक्तियों का एक संघ अथवा व्यक्तियों का एक समुदाय , जो समामेलित हो अथवा नहीं , अथवा एक कृत्रिम वैधानिक व्यक्ति , यदि उसकी कुल कर योग्य आय अथवा ऐसे किसी अन्य व्यक्ति की कर योग्य आय , जिसकी आय पर वह कर देने को दायी है , अपनी आय का विवरण निर्धारित प्रारूप में देय तिथि को अथवा उससे पूर्व अवश्य दाखिल करेगा । इस आय विवरण में निर्धारित सूचनाएँ दी होंगी तथा यह निर्धारित विधि से सत्यापित किया जाय