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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

अपकृत्य क्या होता है ? इसकी प्रकृति क्या है ? इसका संविदा भंग के साथ क्या कोई संबंध होता है ?What is wrongdoing? What is its nature? Does this have anything to do with breach of contract?

दुष्कृति की परिभाषा: (Menning and Defnition of Tort) अपकृत्य अंग्रेजी के शब्द Tort का हिंदी रूपांतर है। Tort लैटिन भाषा के Tortum से लिया गया है, जिसका अर्थ है-तोड़ना अथवा मरोड़ना। Tort अंग्रेजी के शब्द Wrong का समानार्थी है। अपकृत्य एक सिविल दोष है। इसके अंतर्गत एक व्यक्ति के द्वारा किए गए वे कार्य या आचरण आते हैं जिनमें किसी दूसरे व्यक्ति में निहित विधिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो। यथा-मानहानि, हमला, छल-कपट, एवं संप्रहार । वर्तमान में अपकृत्य से आशय है संविदा से भिन्न किसी अन्य कर्त्तव्य का भंग होना जिससे किसी दीवानी वाद का कारण उत्पन्न होता हो तथा क्षतिपूर्ति वसूल की जा सकती हो। अतः सरल शब्दों में, "अपकृत्य का अर्थ है संविदा से भिन्न ऐसा अपकार जिसके लिए अनिर्धारित क्षतिपूर्ति का वाद लाना ही एक उपयुक्त कार्यवाही है।" चेम्बर शब्दकोष के अनुसार, "अपकृत्य वह दोष कृत्य या क्षति है जिसका उदय संविदा भंग के कारण न हुआ हो और जिसमें क्षति को पूरा करने का एकमात्र उपाय नुकसानी (अर्थात् हर्जाना) का दायित्व है।" डॉ. अन्डरहिल के अनुसार, " अपकृत्य संविदा से पूर्णतः मुक्त एव

खतरनाक पशु तथा खतरनाक मार के रखने के संबंध मे दायित्व की प्रकृति और विस्तार का क्या मतलब है ?What is meant by the nature and extent of liability in relation to the keeping of dangerous animals and dangerous kills?

अपनी भूमि पर खतरनाक वस्तुओं को एकत्र करने से उत्पन्न होने वाले खतरे से सम्बन्धित दायित्व (राइलैंड्स बनाम फ्लेचर का नियम)       प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सम्पत्ति का उपयोग करने का अधिकार है, किन्तु वह उसका उपयोग अस्वाभाविक ढंग से नहीं कर सकता। राइलैंड्स बनाम फ्लेचर के वाद में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया कि जिस वस्तु के छूट निकलने से अन्य व्यक्ति को क्षति पहुँचने की सम्भावना हो, उसे अपनी भूमि पर एकत्र करने का कार्य प्रतिवादी अपने व्यक्तिगत दायित्व पर कर सकता है। इस वाद के तथ्य इस प्रकार थे- राइलॅंड्स ने अपनी भूमि पर एक जलाशय के निर्माण के लिये सक्षम स्वतन्त्र ठेकेदारों को नियोजित किया। काम के दौरान ठेकेदारों ने राइलैंड्स की भूमि पर कुछ पुरानी खान की सुरंगें और मार्ग पाये। इन सुरंगों को सम्बन्ध राइलैंड्स के एक पड़ोसी फ्लेचर की खानों से था, किन्तु किसी को इस बात का सन्देह नहीं हुआ; क्योंकि वे मिट्टी से भरे जान पड़ते थे। बाद में जब जलाशय भर गया तब पानी तलहटी को फोड़कर सुरंगों से होकर नीचे गया और कुछ पुरानी त्यक्त कोयले की खानों से बहता हुआ निकला जिसका किसी को पता नहीं था और उनमें भर ग

योगदायी उपेक्षा का क्या मतलब होता है ? क्या यह बचाव का एक कारण हो सकता है ?What is meant by contributory neglect? Could this be a reason to save?

योगदायी उपेक्षा (Contributory Negligence) जब शादी अपनी ओर से सावधानी न बरतने के कारण प्रतिवादी की उपेक्षा अथवा उसके दोषपूर्ण आचरण से खारिज क्षति में योगदान करता है तो यह माना जाता है कि वह योगदायी उपेक्षा का दोषी है।           योगदायी उपेक्षा भी एक बचाव है जिसके अन्तर्गत प्रतिवादी  यह सिद्ध करना पड़ता है कि वादी स्वयं अपनी संरक्षा के लिये युक्ति युक्त सावधानी बरतने मे विफल रहा है, और स्वयं वादी को योगदायी उपेक्षा घटित क्षति का एक कारण रही है। यदि क सड़क पर गलत तरफ से जाते समय विपरीत दिशा में आने वाले ख द्वारा उतावली के साथ चालित यान से ठोकर खा जाता है तो  क के द्वारा ख के विरुद्ध वाद लाने पर, ख बचाव में यह कह सकता है कि स्वयं योगदायी उपेक्षा का दोषी है। रूरल ट्रान्सपोर्ट सर्विस बनाम पेजलुम बीबी के वाद में खचाखच भरी हुई बस के कण्डक्टर ने कुछ यात्रियों को बस की छत पर यात्रा करने के लिये आमन्त्रित किया। बस के ड्राइवर ने बिना ध्यान दिये कि बस की छत पर भी यात्री बैठे है बैलगाड़ी से आगे बस को निकालने का प्रयास किया। इस प्रयोजन के लिये जैसे है बस दाहिनी ओर मोड़ी, वह कच्ची सड़क पर चली गई और उस

बिना हानि के क्षति का क्या मतलब होता है?

बिना हानि के क्षति(Injuria Sine Damnum)  बिना हानि के क्षति का तात्पर्य है कि हालाँकि वादी को क्षति (विधिक क्षति) हुई है, अर्थात् उसमें निहित किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है किन्तु उसको चाहे कोई हानि कारित न हुई हो, वह फिर भी प्रतिवादी के विरुद्ध वाद ला सकता है। अधिकारों को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है- विरुद्ध अधिकार (Absolute rights) एवं विशेषित अंधिकार (Qualified rights)। 'विरुद्ध अधिकार' ऐसे अधिकार हैं जिनका अतिलंघन मात्र ही अपने आप में वाद-योग्य है। इसमें वादी को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती कि उसे किसी प्रकार की हानि हुई है। 'बिना हानि के क्षति' सूत्र के अन्तर्गत ऐसे मामले आते हैं। इस सूत्र का सामान्य उदाहरण "अतिचार" का अपकृत्य है।  ' विशेषित अधिकार' का अतिलंघन स्वयं अपने आप में वाद योग्य नहीं होता है। यह केवल तभी वाद योग्य होता है जब यह साबित कर दिया जाये कि वादी को वास्तविक हानि हुई है। ऐशबी बनाम हाइट का  वाद "बिना हानि के क्षति" सूत्र का स्पष्टीकरण करता है। इस वाद में हालाँकि प्रतिवादी के कार्य से वादी को कोई क्षति