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क्या कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा हैं तो क्या वह दूसरी शादी धर्म बदल कर कर सकता है?If a person is already married, can he change his religion and marry again?

उत्तर प्रदेश भूमि विधियां: Uttar Pradesh land law

टुकड़ा (fragment): - उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 3 (8क) टुकड़ा शब्द को परिभाषित करती है. टुकड़ों से आशय 1.8 हेक्टेयर (4.687) से कम भूमि से है. ( 1) बुंदेलखंड ( 2) आगरा इटावा मथुरा एवं इलाहाबाद जिले में जमुनापारी भाग ( 3) मिर्जापुर जिले का वह भाग जो कैमूर पर्वत श्रेणी के दक्षिण में है ( 4) मिर्जापुर जिले की तहसील सदर के टप्पा अपराध तथा हम्पा चौरासी ( 5) मिर्जापुर जिले की तहसील रावर्ट समाज का वह भाग जो कैमूर पर्वत श्रेणी के उत्तर में ( 6) मिर्जापुर जिले की चुनार तहसील का परगना संकडरागड एवं परगना अहरौरा एवं भागवत की पट्टियाँ के गावं जो अनुसूची 6 की सूची (क)एवं (ख) मे उल्लिखित है। (7) कुमारी डिवीजन को छोड़कर शेष संपूर्णत्र प्रदेश में 3.125 एकड़ से कम भूमि टुकड़ा कहते हैं उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 27 सन 2004 द्वारा 23.08.2004 से विलुप्त कर दिया गया है. मध्यवर्ती (intermediary): - मध्यवर्ती का तात्पर्य है कि बिचौलिए अर्थात कृषक एवं राज्य के मध्य का व्यक्ति जमीदार तालुकदार जागीरदार इन राजा ने एक शब्द मध्यवर्ती के लिए प्रयुक्त होते हैं मध्यवर्ती

उत्तर प्रदेश जमीदार एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 के अंतर्गत जमीदारों के अधिकार जो शेष रहे (the rights of jamidar that remains under up zamindari abolition and land Reform Act 1950

काश्तकारी अधिकार: - जमीदारों की जमीदारी का उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम में उन्मूलन कर दिया लेकिन उनकी काश्तकारी उनके पास ही रही प्रत्येक जमीदारी अपनी भाग खूनी खुदकाश्त भूमिका एवं बिना उठाई सिर्फ खून का भूमिधर बन गया तथा वे उसी के पास रह गई फर्क सिर्फ इतना पढ़ा कि अभी तक वह भूमियों का जोरदार भी था अब वह सिर्फ एक काश्तकार बन गया. ( 2) चालू खान को जारी रखने का अधिकार: - मिलन के पूर्व जमीदारी संपत्ति में कोई खान चालू हालत में थी एवं मध्यवर्ती के द्वारा सीधे चलाई जा रही हो तो जमीदारी समाप्ति के पश्चात भी जमीदार को हक होगा कि वह खान को चलाता रहे यह सरकार का पत्तेदार हो जाएगा पट्टे की शर्त पारस्परिक संविदा से निश्चित की जाएगी अगर जमीदारी तथा सरकार में कोई बात तय ना हो सके तो खान न्यायाधिकरण द्वारा तय किया जाएगा। ( 3) सुखाधिकार एवं ऐसे ही अन्य अधिकार: -         अगर वह किसी भूमि  का भूमिधर सिरदार या आसामी हो तो भूमि के और अधिक लाभप्रद उपयोग के लिए किसी पूर्व सुखाधिकार या तत्सम अधिकार का उपभोग करता रहेगा                 इस अधिनियम को बनाते समय विधानमंडल का उद्देश्य जमीदारी